अल्मोड़ा: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने एक बार फिर स्थायी राजधानी का मुद्दा उठाया है. कुंजवाल ने गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग उठाई है. उन्होंने गैरसैंण को स्थायी और देहरादून को शीतकालीन राजधानी बनाने की बात कही है.
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कुंजवाल ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी तो बनाया, लेकिन सरकार सत्र के लिए एक ही दिन बैठी. इसके बाद सरकार का कोई भी मंत्री या अधिकारी गैरसैंण में नहीं बैठा. कुंजवाल ने राज्य सरकार पर गैरसैंण के नाम पर पैसा बर्बाद करने का भी आरोप लगाया.
बता दें कि उत्तराखंड राज्य की मांग पहाड़ी राज्य के रूप में हुई थी. शहीदों और आंदोलनकारी ने एक खुशहाल राज्य का सपना देखा था. इसके लिए पहाड़ी क्षेत्र गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने गैरसैंण के मुद्दे को लेकर सियासत की है ऐसे आरोप लगते रहे हैं. दरअसल, 2014 में उत्तराखंड में जब कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा हुआ करते थे. विजय बहुगुणा ने ही गैरसैंण में विधानसभा भवन का शिलान्यास किया था.
बहुगणा के बाद हरीश रावत मुख्यमंत्री बने. उसके बाद गैरसैंण में विधानसभा भवन को बनाया गया. राज्य में 2017 में भाजपा की त्रिवेन्द्र सरकार बनी, जिसके बाद 4 मार्च 2020 को सत्र के दौरान तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया. त्रिवेंद्र रावत ने घोषणा की थी कि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित की जाएगी.
हालांकि, ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बावजूद इस बार का विधानसभा का सत्र गैरसैंण में न होकर देहरादून में किया गया. जिसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल भी खड़े किए थे.