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उत्तराखंड के नाम हुआ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, काश्तकार ने उगाया सबसे ऊंचा धनिया

उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के प्रगतिशील किसान गोपाल दत्त उप्रेती ने 2.16 मीटर ( 7 फुट एक इंच ) लंबा धनिये का जैविक पौधा उगाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है.

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Published : Jun 4, 2020, 10:50 AM IST

Updated : Jun 17, 2020, 5:38 PM IST

रानीखेत: अल्मोड़ा के ताड़ीखेत विकासखंड के बिल्लेख गांव के एक प्रगतिशील किसान ने धनिया का पौधा उगाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है. दरअसल, गोपाल दत्त उप्रेती ने जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए अपने बगीचे में 2.16 मीटर लंबा जैविक पौधा उगाया है. जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है. वहीं, उप्रेती की इस उपलब्धि पर सांसद अजय भट्ट ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी है.

गोपाल दत्त उप्रेती ने बताया कि जिले के मुख्य उद्यान अधिकारी टीन पांडे तथा उत्तराखंड आर्गेनिक बोर्ड मजखाली इंचार्ज डीएस नेगी तथा उद्यान सचल केंद्र बिल्लेख प्रभारी राम सिंह नेगी द्वारा पौधे की लंबाई रिकॉर्ड की गई. सभी पौधों की लंबाई 5 फुट से अधिक थी.

उत्तराखंड के नाम हुआ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

उन्होंने बताया कि धनिया के पौधे की औसत गोलाई 5से 10फुट तक थी. पौधे के तने की मोटाई आधे इंच से 1इंच तक मिली. साथ ही कहा कि यह फसल पूर्ण रूप से परंपरागत तरीके से उगाई है. पौधे की लंबाई की व जैसे पौधों की सुगंध तथा अन्य चीजों में कोई फर्क नहीं पड़ा है.

  • उत्तराखण्ड रानीखेत निवासी @GopalDatt19 जी जिन्होंने जैविक विधि से #धनिया (coriander) का उत्पादन करते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डस के विगत कीर्तिमान 1.6 मी. को पीछे छोड़ते हुए 2.16 मीटर का नया कीर्तिमान स्थापित किया है.! pic.twitter.com/tVZMVk6Bh9

    — Ajay Bhatt (@AjaybhattBJP4UK) June 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इतना ही नहीं उप्रेती के बगीचे में आड़ू, खुबानी तथा पुलम जैसे पहाड़ी फलों के अलावा सभी तरह की सब्जियों का जैविक तरीके से उत्पादन किया जा रहा है. यहां खाद के रूप में गोबर और नीम का प्रयोग किया जाता है. उन्होंने बीते दिनों गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सर्वाधिक ऊंचे धनिये के पौधे को रिकॉर्ड करने के लिए आवेदन किया था. ऐसे में अब यह कीर्तिमान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. जो भारत के किसानों का सम्मान है. उप्रेती ने कहा कि जैविक कृषि के क्षेत्र में प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं. धनिये की पौध ने यह सिद्ध कर दिया है.

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धनिया का पौधा

ये भी पढ़ें: अल्मोड़ा के जौहरी बाजार पहुंचे मनोज बाजपेयी, पसंद आई ये चीज, पत्नी के लिए की खरीदारी

साथ ही वह अपनी इस उपलब्धि को प्रदेश व देश में जैविक खेती करने वाले किसानों का समर्पित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने से देश के किसानों में जागरुकता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जो देश की कृषि के लिए बेहतर सिद्ध होगी.

रानीखेत: अल्मोड़ा के ताड़ीखेत विकासखंड के बिल्लेख गांव के एक प्रगतिशील किसान ने धनिया का पौधा उगाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है. दरअसल, गोपाल दत्त उप्रेती ने जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए अपने बगीचे में 2.16 मीटर लंबा जैविक पौधा उगाया है. जो अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है. वहीं, उप्रेती की इस उपलब्धि पर सांसद अजय भट्ट ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी है.

गोपाल दत्त उप्रेती ने बताया कि जिले के मुख्य उद्यान अधिकारी टीन पांडे तथा उत्तराखंड आर्गेनिक बोर्ड मजखाली इंचार्ज डीएस नेगी तथा उद्यान सचल केंद्र बिल्लेख प्रभारी राम सिंह नेगी द्वारा पौधे की लंबाई रिकॉर्ड की गई. सभी पौधों की लंबाई 5 फुट से अधिक थी.

उत्तराखंड के नाम हुआ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

उन्होंने बताया कि धनिया के पौधे की औसत गोलाई 5से 10फुट तक थी. पौधे के तने की मोटाई आधे इंच से 1इंच तक मिली. साथ ही कहा कि यह फसल पूर्ण रूप से परंपरागत तरीके से उगाई है. पौधे की लंबाई की व जैसे पौधों की सुगंध तथा अन्य चीजों में कोई फर्क नहीं पड़ा है.

  • उत्तराखण्ड रानीखेत निवासी @GopalDatt19 जी जिन्होंने जैविक विधि से #धनिया (coriander) का उत्पादन करते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डस के विगत कीर्तिमान 1.6 मी. को पीछे छोड़ते हुए 2.16 मीटर का नया कीर्तिमान स्थापित किया है.! pic.twitter.com/tVZMVk6Bh9

    — Ajay Bhatt (@AjaybhattBJP4UK) June 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इतना ही नहीं उप्रेती के बगीचे में आड़ू, खुबानी तथा पुलम जैसे पहाड़ी फलों के अलावा सभी तरह की सब्जियों का जैविक तरीके से उत्पादन किया जा रहा है. यहां खाद के रूप में गोबर और नीम का प्रयोग किया जाता है. उन्होंने बीते दिनों गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सर्वाधिक ऊंचे धनिये के पौधे को रिकॉर्ड करने के लिए आवेदन किया था. ऐसे में अब यह कीर्तिमान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. जो भारत के किसानों का सम्मान है. उप्रेती ने कहा कि जैविक कृषि के क्षेत्र में प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं. धनिये की पौध ने यह सिद्ध कर दिया है.

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धनिया का पौधा

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साथ ही वह अपनी इस उपलब्धि को प्रदेश व देश में जैविक खेती करने वाले किसानों का समर्पित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने से देश के किसानों में जागरुकता और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जो देश की कृषि के लिए बेहतर सिद्ध होगी.

Last Updated : Jun 17, 2020, 5:38 PM IST
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