अल्मोंड़ा: जागेश्वर मंदिर समिति के प्रतिनिधि भगवान भट्ट के भतीजे राजेश भट्ट के हत्याकांड का मामला फिर गरमाने लगा है. मामला बीते 26 जनवरी को राजेश की मारपीट में हुई मौत से जुड़ा है. जिसमें धर्म जागरण समन्वय विभाग कुमाऊं मंडल ने डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजकर उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है. धर्म जागरण मंडल ने मामले की जांच राजस्व पुलिस के बजाय रेगुलर पुलिस से कराए जाने को कहा है.
धर्म जागरण समन्वय विभाग के प्रतिनिधियों ने कहा कि राजेश सिडकुल सितारगंज में ठेकेदारी का काम करता था. बीते 26 जनवरी को राजेश 13 युवकों के साथ सितरागंज से लमगड़ा स्थित डोल आश्रम घूमने गया था. जहां से लौटते वक्त नैनीताल जिले के धारी के पास सरना मटियाल के जंगलों में साथियों ने राजेश के साथ मारपीट करने के बाद हत्या कर शव को खाई में फेंक दिया. जिसके बाद ग्रामीणों ने राजेश को खाई से बाहर निकाल कर परिजनों को घटना की सूचना दी. जिसके बाद राजेश को गंभीर हालातों में हल्द्वानी ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.
ये भी पढ़े: देहरादून में एक करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा, एसटीएफ को मिली बड़ी कामयाबी
वहीं, धर्म जागरण समन्वय विभाग के प्रतिनिधियों ने पटवारी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हत्या वाली जगह से खून के धब्बे मिटा कर गोलमोल रिपोर्ट बनाया है. जिससे आरोपियों को बचाया जा सके. प्रतिनिधियों ने राजेश के 13 साथियों पर जांच राजस्व पुलिस के स्थान पर रेगुलर पुलिस से करवाए जाने की मांग की है.