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किडनी प्रकरण: डॉ. ओपीएल श्रीवास्तव को मिली क्लीनचिट, ऑपरेशन को पाया गया सही - रानीखेत न्यूज

उत्तराखंड में एक साल पहले किडनी प्रकरण मामले ने काफी तूल पकड़ा था, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग और मंडलायुक्त ने जांच बैठाई थी. वहीं, जांच रिपोर्ट के बाद डॉ. ओपीएल श्रीवास्तव को क्लीनचिट मिल गई है.

किडनी प्रकरण: जांच के बाद डॉ. श्रीवास्तव को मिली क्लीन चिट.
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Published : Sep 16, 2019, 1:12 PM IST

रानीखेत: किडनी प्रकरण जांच में वरिष्ठ सर्जन डॉ. ओ.पी.एल. श्रीवास्तव को क्लीनचिट मिल गई है. ये बात RTI से मिली जानकारी में निकलकर सामने आई. दरअसल, एक साल पहले किडनी प्रकरण मामला काफी सुर्खियों में रहा था. नगर में मामले की उच्चस्तरीय जांच को लेकर कई बार प्रदर्शन भी किए गए थे.

जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में योग्यता और अनुभव के आधार पर मरीज की संक्रमित किडनी निकालने के निर्णय को सही ठहराया गया. बता दें कि कुंवाली नैणी निवासी खीम सिंह ने एक साल पहले कालिका स्थित एमएन श्रीवास्तव चिकित्सालय पर आरोप लगाया था कि अपेंडिक्स का ऑपरेशन बताकर डॉक्टर ने उनकी पत्नी खष्टी देवी की किडनी निकाल ली. इस संबध में जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को पत्र भी लिखे गए. मामले के तूल पकड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग और मंडलायुक्त ने जांच बैठाई थी.

जांच के बाद डॉ. श्रीवास्तव को मिली क्लीन चिट.

जांच टीम में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आर. के. पांडे, अल्मोड़ा सीएमओ डॉ. विनीता साह, सुशीला तिवारी चिकित्सालय के डॉ. आर. के. सक्सेना शामिल थे. जांच के बाद डॉक्टर ओपीएल श्रीवास्तव को क्लीनचिट दे दी गई है. संक्रमित किडनी नहीं निकाली जाती तो मरीज की जान भी जा सकती थी.

ये भी पढ़ें: सूबे में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बजा बिगुल, प्रत्याशियों सहित पुलिस महकमे ने कसी कमर

वहीं, इस मामले में डॉ. ओपीएल श्रीवास्तव ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान किडनी संक्रमित थी. उसमें ट्यूमर होने के कारण उसे शरीर से बाहर निकालना जरूरी था. अगर ऑपरेशन करके किडनी नहीं निकाली जाती तो मरीज की जान भी जा सकती थी.

रानीखेत: किडनी प्रकरण जांच में वरिष्ठ सर्जन डॉ. ओ.पी.एल. श्रीवास्तव को क्लीनचिट मिल गई है. ये बात RTI से मिली जानकारी में निकलकर सामने आई. दरअसल, एक साल पहले किडनी प्रकरण मामला काफी सुर्खियों में रहा था. नगर में मामले की उच्चस्तरीय जांच को लेकर कई बार प्रदर्शन भी किए गए थे.

जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में योग्यता और अनुभव के आधार पर मरीज की संक्रमित किडनी निकालने के निर्णय को सही ठहराया गया. बता दें कि कुंवाली नैणी निवासी खीम सिंह ने एक साल पहले कालिका स्थित एमएन श्रीवास्तव चिकित्सालय पर आरोप लगाया था कि अपेंडिक्स का ऑपरेशन बताकर डॉक्टर ने उनकी पत्नी खष्टी देवी की किडनी निकाल ली. इस संबध में जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को पत्र भी लिखे गए. मामले के तूल पकड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग और मंडलायुक्त ने जांच बैठाई थी.

जांच के बाद डॉ. श्रीवास्तव को मिली क्लीन चिट.

जांच टीम में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आर. के. पांडे, अल्मोड़ा सीएमओ डॉ. विनीता साह, सुशीला तिवारी चिकित्सालय के डॉ. आर. के. सक्सेना शामिल थे. जांच के बाद डॉक्टर ओपीएल श्रीवास्तव को क्लीनचिट दे दी गई है. संक्रमित किडनी नहीं निकाली जाती तो मरीज की जान भी जा सकती थी.

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वहीं, इस मामले में डॉ. ओपीएल श्रीवास्तव ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान किडनी संक्रमित थी. उसमें ट्यूमर होने के कारण उसे शरीर से बाहर निकालना जरूरी था. अगर ऑपरेशन करके किडनी नहीं निकाली जाती तो मरीज की जान भी जा सकती थी.

Intro:
किडनी प्रकरण: जांच के बाद डा श्रीवास्तव को मिली क्लीन चिट
आरटीआई में हुआ खुलासा
रानीखेत। किडनी प्रकरण जांच में आखिरकार वरिष्ठ सर्जन डा ओपीएल श्रीवास्तव को क्लीन चिट मिल गई। एक साल पहले किडनी प्रकरण मामला सुर्खियों में रहा । नगर में मामले की उच्च स्तरीय जांच को लेकर कई बार प्रदर्शन भी किये गये। सूचना अधिकार द्वारा डा श्रीवास्तव को क्लीन चिट मिलने की बात सामने आई है। जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में डाक्टर द्वारा योग्यता व अनुभव के आधार पर मरीज की संक्रमित किडनी निकालने के निर्णय को सही ठहराया गया। बता दें कि कंुवाली नैणी निवासी खीम सिंह ने एक साल पहले कालिका स्थित एमएन श्रीवास्तव चिकित्सालय कालिका पर आरोप लगाया कि अपेंडिक्स का आपरेशन बताकर डाक्टर ने उनकी पत्नी खष्टी देवी की किडनी निकाल दी। इस संबध में जांच को लेकर स्वास्थ विभाग व प्रशासन को पत्र भी लिखे गये। मामले में स्वास्थ्य विभाग व मंडलायुक्त ने जांच कराई। जांच टीम में स्वास्थ्य महानिदेशक डा आर के पंाडे,अल्मोड़ा की सीएमओ डा विनीता साह,सुशीला तिवारी चिकित्सालय के डा आर के सक्सेना शामिल थे जांच के बाद डाक्टर ओपीएल श्रीवास्तव को क्लीन चिट दे दी गई।
संक्रमित किडनी नहीं निकाली जाती तो जा सकती थी मरीज की जानः डा श्रीवास्तव
डा ओपीएल श्रीवास्तव ने बताया कि आपरेशन के दौरान किडनी संक्रमित थी। उसमें टयूमर था जिसे शरीर से निकालना आवश्यक था। नहीं तो मरीज की जान जा सकती थी।

Body:संक्रमित किडनी निकालने की जानकारी मरीज के तीमारदारों को दे दी थी।

बाईट-डा ओपीएल श्रीवास्तव सर्जन
Conclusion:
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