अल्मोड़ा: मल्ला महल में स्थापित रामशिला मंदिर में चैत्र माह की नवमी को मेला लगा. मेले में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखने को मिली. ऐसी मान्यता है कि रामशिला मंदिर में भगवान श्रीराम के पद चिन्ह हैं. इसलिए मंदिर में राम भक्तों की अपार आस्था है. चंद वंशी राजाओं के शासन काल में इस मंदिर की स्थापना की गई थी. वहीं रामनवमी पर नगर के अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही.
अल्मोड़ा मल्ला महल में स्थित ऐतिहासिक रामशिला मंदिर का निर्माण 1588 में कुमाऊं के चंद वंशीय राजा रुद्रचंद ने कराया. नागर शैली में बना मंदिर मध्यकालीन वास्तु का उत्कृष्ट नमूना है. मंदिर की दीवारों पर देव प्रतिमा बनी हैं. मंदिर समूह के केंद्रीय कक्ष में पत्थर पर भगवान श्रीराम के पद चिन्ह बने हैं. इस मंदिर के पास पीपल का वृहद वृक्ष है. इस मंदिर का जीर्णोद्धार 2020 में कराया गया.
रामनगर में मां गर्जिया की शोभायात्रा: पर्वतीय जनजागृति प्रयास सेवा समिति के द्वारा मां गर्जिया जोत महोत्सव पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. रामनगर में पर्वतीय जन जागृति प्रयास सेवा समिति द्वारा मां गर्जिया ज्योत महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान समिति के द्वारा मां गर्जिया से अखंड जोत जलाकर शोभायात्रा निकालते हुए रामनगर लाई गई. शोभायात्रा में मां गर्जिया ज्योत महोत्सव में श्रद्धालुओं ने मां गर्जिया के जयकारे लगाए. इस दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया.
पढ़ें-गरीबी उन्मूलन में पौड़ी ने पहला तो उधम सिंह नगर जिले ने हासिल किया दूसरा स्थान, ये जिला रहा फिसड्डी
रानीखेत में निकाली रैली: राम नवमी के अवसर पर सनातन धर्म प्रेमियों द्वारा नगर में भव्य भगवा रैली निकाली गई. रैली चिलियानौला से शुरू होकर रानीखेत में बाजारों से होकर गुजरी. रैली में भगवा ध्वजों के साथ भारतीय जनता युवा मोर्चा, बजरंग दल तथा हिंदू वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने भी शिरकत की. रैली में रानीखेत विधानसभा सीट के विधायक प्रमोद नैनवाल भी मौजूद रहे.
काशीपुर में निकाली शोभा यात्रा: काशीपुर में रामनवमी पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. देशभर में मां सिद्धिदात्री के पूजन के साथ ही नवरात्रि का भी परायण हुआ. काशीपुर में रामनवमी के अवसर पर रामलीला कमेटी के तत्वावधान में रामनवमी शोभा यात्रा निकाली गई. इसमें भारी तादाद में श्रद्धालुओं ने शिरकत की. मां बाल सुंदरी देवी मंदिर को 51 शक्तिपीठों में एक माना जाता है. यहां चैत्र नवमी पर खासी भीड़ रही. मां बाल सुंदरी देवी का मंदिर जिसे चैती मंदिर भी कहा जाता है, वहां चैत्र मास में प्रत्येक वर्ष मेला लगता है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु आकर माता के दर्शन करते हैं.