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वन रैंक वन पेंशन की विसंगति के खिलाफ पूर्व सैनिकों का प्रदर्शन, बीजेपी को दी चेतावनी

पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन में अनेक विसंगतियां होने की बात कहते हुए विसंगतियों को दूर करने की मांग की है. अल्मोड़ा और गोपेश्वर में प्रदर्शन करते हुए पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पूर्व सैनिकों ने कहा कि उनकी पेंशन की विसंगतियों को जल्द दूर नहीं किया गया तो 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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Published : Apr 4, 2023, 10:44 AM IST

One Rank One Pension
पूर्व सैनिक प्रदर्शन

अल्मोड़ा: पूर्व सैनिकों ने चौघानपाटा स्थित गांधी पार्क में प्रदर्शन करते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन के रिवीजन, एमएसपी, सातवें वेतन आयोग में उनके साथ अन्याय हुआ है. पूर्व सैनिकों ने कहा कि सिपाही से लेकर हवलदार रैंक तक की पेंशन बहुत कम बढ़ी है. नायब सूबेदार से लेकर ऑनरेरी कैप्टन के पदों की पेंशन को कम कर दिया गया है. इस तरह की कार्रवाई पूर्व सैनिकों के साथ अन्याय है.

पूर्व सैनिकों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों को दरकिनार कर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो केंद्र सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना होगा. उन्होंने कहा कि पूर्व में पूर्व सैनिकों ने अपना पूरा समर्थन देकर केंद्र में सरकार बनवाई थी. सरकार को इस बात को ध्यान में रखना होगा. इस दौरान जिले भर से पहुंचे पूर्व सैनिकों ने जम कर केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को ज्ञापन भेज उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई.
ये भी पढ़ें: One Rank One Pension की विसंगतियों को लेकर सड़कों पर पूर्व सैनिक, हल्द्वानी में किया प्रदर्शन

गोपेश्वर में भी पूर्व सैनिकों का प्रदर्शन: वन रैंक वन पेंशन को पूरी तरह से लागू न करने पर नाराज पूर्व सैनिकों ने चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर परिसर के समीप एकजुट होकर बैठक की. इसके बाद बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. वहां पूर्व सैनिकों ने सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व रक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

पूर्व सैनिकों का कहना है कि जंग में लड़ने वाले सैनिकों का सम्मान होता है, लेकिन वन रैंक वन पेंशन को आधे अधूरे तरीके से लागू कर पूर्व सैनिकों का तिरस्कार किया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक वह सड़कों पर आंदोलन करते रहेंगे. साथ ही चेतावनी दी कि इसी साल के अंत में प्रदेश स्तरीय बड़ी रैली कर सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंका जाएगा. इस मौके पर अध्यक्ष विरेंद्र सिंह रावत, मेजर राजेंद्र सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह तोपवाल, महेंद्र सिंह राणा, हरि कन्याल, आनंद सिंह, रमेश सिंह, जसपाल रावत, उमेश सिंह, कमला देवी आदि मौजूद थे.

अल्मोड़ा: पूर्व सैनिकों ने चौघानपाटा स्थित गांधी पार्क में प्रदर्शन करते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन के रिवीजन, एमएसपी, सातवें वेतन आयोग में उनके साथ अन्याय हुआ है. पूर्व सैनिकों ने कहा कि सिपाही से लेकर हवलदार रैंक तक की पेंशन बहुत कम बढ़ी है. नायब सूबेदार से लेकर ऑनरेरी कैप्टन के पदों की पेंशन को कम कर दिया गया है. इस तरह की कार्रवाई पूर्व सैनिकों के साथ अन्याय है.

पूर्व सैनिकों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों को दरकिनार कर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो केंद्र सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना होगा. उन्होंने कहा कि पूर्व में पूर्व सैनिकों ने अपना पूरा समर्थन देकर केंद्र में सरकार बनवाई थी. सरकार को इस बात को ध्यान में रखना होगा. इस दौरान जिले भर से पहुंचे पूर्व सैनिकों ने जम कर केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को ज्ञापन भेज उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई.
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गोपेश्वर में भी पूर्व सैनिकों का प्रदर्शन: वन रैंक वन पेंशन को पूरी तरह से लागू न करने पर नाराज पूर्व सैनिकों ने चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर परिसर के समीप एकजुट होकर बैठक की. इसके बाद बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. वहां पूर्व सैनिकों ने सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व रक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

पूर्व सैनिकों का कहना है कि जंग में लड़ने वाले सैनिकों का सम्मान होता है, लेकिन वन रैंक वन पेंशन को आधे अधूरे तरीके से लागू कर पूर्व सैनिकों का तिरस्कार किया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक वह सड़कों पर आंदोलन करते रहेंगे. साथ ही चेतावनी दी कि इसी साल के अंत में प्रदेश स्तरीय बड़ी रैली कर सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंका जाएगा. इस मौके पर अध्यक्ष विरेंद्र सिंह रावत, मेजर राजेंद्र सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह तोपवाल, महेंद्र सिंह राणा, हरि कन्याल, आनंद सिंह, रमेश सिंह, जसपाल रावत, उमेश सिंह, कमला देवी आदि मौजूद थे.

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