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अल्मोड़ाः मलबे में दबे वृद्ध का शव बरामद, 3 दिन पहले आपदा में हुए थे लापता

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Published : Jun 4, 2019, 5:10 PM IST

Updated : Jun 4, 2019, 5:48 PM IST

बीते दो जून को चौखुटिया क्षेत्र के खीड़ा गांव में शाम के समय बादल फटने से बाढ़ आ गई थी. इस तबाही में दर्जनों मवेशियों के साथ एक 80 वर्षीय बुजुर्ग राम सिंह भी लापता हो गए थे. तीन दिनों की लगातार तलाशी अभियान के बाद मंगलवार को पोकलैंड की सहायता से शव को मलबे से बरामद किया गया.

मलबे में दबे वृद्ध का शव बरामद

अल्मोड़ाः चौखुटिया के खीड़ा गांव में बादल फटने से आई आपदा के दौरान लापता हुए एक वृद्ध का शव बरामद हुआ है. हादसे के बाद से ही लगातार खोजबीन अभियान जारी था. इसी क्रम में आज पोकलैंड के माध्यम से शव को मलबे के नीचे से निकाला गया है. वहीं, प्रशासन आपदा से हुए नुकसान के आकलन में जुट गया है.

आपदा के दौरान मलबे में दबे वृद्ध का शव हुआ बरामद.


बीते दो जून को चौखुटिया क्षेत्र के खीड़ा गांव में शाम के समय बादल फटने से बाढ़ आ गई थी. बादल फटने के बाद पानी के बहाव में ग्रामीणों के मकान, जमीनें, मवेशी बह गए थे. इस तबाही में दर्जनों मवेशियों के साथ एक 80 वर्षीय बुजुर्ग राम सिंह भी लापता हो गए थे. घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई थी. काफी खोजबीन के बाद उनका कोई सुराग नहीं मिला. इसी क्रम में तीन दिनों की लगातार तलाशी अभियान के बाद मंगलवार को पोकलैंड की सहायता से शव को मलबे से बरामद किया गया.

ये भी पढ़ेंः 'चीतों' की फुर्ती से बची 4 जिंदगियां, पदक के लिये भेजा गया नाम


उधर, घटना के बाद द्वाराहाट विधायक महेश नेगी और अल्मोड़ा जिलाधिकारी के साथ आपदा प्रबंधन विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व की टीमें घटना स्थल पहुंच गई थी. प्रशासन की मानें तो खीड़ा गांव के जुकानी, बाजपुर तोक के 52 परिवार इस आपदा से प्रभावित हुए हैं. जिसमें ग्रामीणों की करीब एक हजार नाली कृषि भूमि भी तबाह हुई है. बादल फटने से 38 भवनों में मलबा घुस गया था. 13 मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनमें 4 भवन पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं. साथ ही छह पेयजल योजनाएं भी ध्वस्त हुईं हैं.

अल्मोड़ाः चौखुटिया के खीड़ा गांव में बादल फटने से आई आपदा के दौरान लापता हुए एक वृद्ध का शव बरामद हुआ है. हादसे के बाद से ही लगातार खोजबीन अभियान जारी था. इसी क्रम में आज पोकलैंड के माध्यम से शव को मलबे के नीचे से निकाला गया है. वहीं, प्रशासन आपदा से हुए नुकसान के आकलन में जुट गया है.

आपदा के दौरान मलबे में दबे वृद्ध का शव हुआ बरामद.


बीते दो जून को चौखुटिया क्षेत्र के खीड़ा गांव में शाम के समय बादल फटने से बाढ़ आ गई थी. बादल फटने के बाद पानी के बहाव में ग्रामीणों के मकान, जमीनें, मवेशी बह गए थे. इस तबाही में दर्जनों मवेशियों के साथ एक 80 वर्षीय बुजुर्ग राम सिंह भी लापता हो गए थे. घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई थी. काफी खोजबीन के बाद उनका कोई सुराग नहीं मिला. इसी क्रम में तीन दिनों की लगातार तलाशी अभियान के बाद मंगलवार को पोकलैंड की सहायता से शव को मलबे से बरामद किया गया.

ये भी पढ़ेंः 'चीतों' की फुर्ती से बची 4 जिंदगियां, पदक के लिये भेजा गया नाम


उधर, घटना के बाद द्वाराहाट विधायक महेश नेगी और अल्मोड़ा जिलाधिकारी के साथ आपदा प्रबंधन विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व की टीमें घटना स्थल पहुंच गई थी. प्रशासन की मानें तो खीड़ा गांव के जुकानी, बाजपुर तोक के 52 परिवार इस आपदा से प्रभावित हुए हैं. जिसमें ग्रामीणों की करीब एक हजार नाली कृषि भूमि भी तबाह हुई है. बादल फटने से 38 भवनों में मलबा घुस गया था. 13 मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनमें 4 भवन पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं. साथ ही छह पेयजल योजनाएं भी ध्वस्त हुईं हैं.

Intro:अल्मोड़ा के चौखुटिया स्थित खीड़ा गांव में बादल फटने के बाद आई आपदा के दौरान लापता हुए राम सिंह कासव आज तीसरे दिन मलबे के नीचे से मिल गया है 3 दिन तक चले खोजबीन अभियान आखिरकार बाढ़ में लापता 80 वर्षीय राम सिंह का शव पोकलैंड मशीन ने खोज निकाला।


Body:अल्मोड़ा जिले चौखुटिया स्थित खीड़ा गांव में 2 जून के शाम को बादल फटने के बाद गांव में आई बाढ़ में दर्जनों मवेशियों के साथ 80 वर्षीय बुजुर्ग राम सिंह भी लापता हो गए थे।उसी रात से चले राहत कार्यो में राम सिंह का कुछ अता पता नही चल सका। 3 जून को द्वाराहाट विधायक महेश नेगी और अल्मोड़ा जिलाधिकारी के साथ आपदा प्रबंधन विभाग, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व की टीमो में खोजबीन की लेकिन रामसिंह कही नही मिले। बादल फटने के बाद तेज पानी के बहाव में ग्रामीणों के मकान , जमीनें ,मवेशी बह गए। तीन दिनों की खोजबीन के बाद आखिरकार आज दोपहर को रामसिंह का शव जमीन में गड़ा हुआ पोकलैंड मशीन की सहायता से खोज निकाला है।
चौखुटिया के खीड़ा गांव के जुकानी, बाजपुर तोक के 52 परिवार इस आपदा से प्रभावित हुए हैं।ग्रामीणों की1000 नाली कृषि भूमि तबाह हुई है।38 भवनों में बादल फटने से मलबा घुस गया था। आपदा के इस दंश में 13 भवन क्षति ग्रस्त हुए है जिनमे से 4 भवन पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं। छह पेयजल योजनाए ध्वस्त हो गयी।

विजुअल whatsaap से भेजे हैं।


Conclusion:
Last Updated : Jun 4, 2019, 5:48 PM IST
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