अल्मोड़ा: पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने अंकिता मर्डर केस के बाद राज्य सरकार पर दोहरा बर्ताव करने का आरोप लगाया है. अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद परिवार को 25 लाख के मुआवजे पर बोलते हुए पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने जगदीश हत्याकांड में मुआवजा न मिलने पर सवाल उठाया है.
कांग्रेस नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा दलित जगदीश की क्रूरतम हत्या हुई. बावजूद इसके राज्य सरकार ने जगदीश के परिवार व पत्नी को एक पैंसे की मदद भी नहीं की. दलित समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा उत्तकाशी में 16 साल की दलित बच्ची के रेप के बाद भी कोई मुआवजा नहीं दिया गया. सरकार समाज में दोहरा आचरण लाकर विभेद को और चौड़ा करने का प्रयास कर रही है. इस पर सोचे जाने की जरुरत है.
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क्या है मामला: अल्मोड़ा जिले के सल्ट के पनुवाधौखन निवासी दलित नेता जगदीश चंद्र पुत्र केश राम और भिकियासैंण निवासी गीता उर्फ गुड्डी ने बीते 21 अगस्त को गैराड़ मंदिर में प्रेम विवाह किया था. शादी से पहले गुड्डी अपने सौतेले पिता जोगा सिंह और सौतेले भाई गोविंद सिंह, भावना पत्नी जोगा सिंह के साथ रहती थी. दोनों का प्रेम विवाह गुड्डी के सौतेले भाई और पिता को रास नहीं आया.
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एक सितंबर को जगदीश के ससुराल वालों ने जगदीश चंद्र को भिकियासैंण (Almora Bhikiyasain) में पकड़ लिया था. उसके बाद वो जगदीश चंद्र का एक गाड़ी से अपहरण कर ले गए. उसके बाद बेरहमी से जगदीश की हत्या कर दी. सूचना पर पुलिस और राजस्व की टीम ने गाड़ी से जगदीश का लहुलूहान शव बरामद किया था. इस मामले में पिता जोगा सिंह और सौतेले भाई गोविंद सिंह और भावना पत्नी जोगा सिंह समेत एक अन्य आरोपी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं, पांचवें आरोपी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है.