ETV Bharat / state

खुमाड़ के शहीदों को CM धामी ने किया नमन, बोले- विकल्प रहित संकल्प से उत्तराखंड बढ़ रहा आगे

सीएम धामी ने अल्मोड़ा के खुमाड़ गांव पहुंचकर शहीद स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत को नमन किया. इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि खुमाड़ अल्मोड़ा के उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी.

Uttarakhand Hindi Latest News
खुमाड़ के शहीदों को CM ने किया नमन
author img

By

Published : Sep 5, 2022, 2:09 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 5:14 PM IST

अल्मोड़ा: सल्ट क्षेत्र के लगभग सभी गांवों से आजादी के आंदोलन की अलख जगी थी. लेकिन खुमाड़ गांव में चार सेनानियों की शहादत ने सल्ट को अमर कर दिया है. इसी क्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने अल्मोड़ा के खुमाड़ गांव (Almora Khumad village) पहुंचकर शहीद स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत को नमन किया. इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि खुमाड़ अल्मोड़ा के उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. मैं स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना को भी नमन करता हूं, जिन्होंने इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया है.

ये क्षेत्र आंदोलन के लिए जाना जाता है. अल्मोड़ा में शिक्षक रहते हुए पुरुषोत्तम उपाध्याय एवं लक्ष्मण सिंह अधिकारी ने देश के लिए बड़ा योगदान दिया. उनके इस योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. सीएम धामी ने आगे कहा कि उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए हमने विकल्प रहित संकल्प लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को केदारनाथ में कह चुके हैं कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा.

इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा और कांवड यात्रा में भी रिकॉर्ड तोड़ यात्री आए हैं. गढ़वाल क्षेत्र में चारधाम को संवारने का काम चल रहा है. कुमाऊं क्षेत्र में मानस खंड माला मिशन के तहत हम मंदिरों का पुनरोद्धार कर रहे हैं.

टनकपुर से बागेश्वर रेल लाइन के सर्वे का काम चल रहा है. अल्मोड़ा का मेडिकल कॉलेज भी विधिवत रूप से चालू होने जा रहा है. मैं प्रधानमंत्री मोदी और स्वास्थ्य मंत्री का भी आभार प्रकट कर रहा हूं. आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया को दिशा देने वाले देश के रूप में जाना जा रहा है. समृद्ध भारत, मजबूत भारत के रूप में आज देश दुनिया के सामने खड़ा है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के दो शिक्षकों को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रपति मुर्मू ने किया सम्मानित

खुमाड़ गांव का इतिहास: पांच सितंबर 1942 का दिन था. महात्मा गांधी की मुहिम अंग्रेजों भारत छोड़ो के तहत खुमाड़ में जनसभा चल रही थी. जनसभा में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. रानीखेत से परगना मजिस्ट्रेट जॉनसन दलबल के साथ विद्रोह को कुचलने पहुंचे. टकराव के चलते जानसन ने गोलियां चलवाईं, जिसमें दो भाई खीमानंद और गंगाराम के साथ ही बहादुर सिंह और चूड़ामणि शहीद हो गए. इनके अलावा 12 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इसी शहादत की याद में हर साल खुमाड़ स्थित शहीद स्मारक पर शहीद दिवस समारोह आयोजित किया जाता है.

1921 से सुलगी आंदोलन की चिंगारी: बताया जाता है कि सल्ट क्षेत्र में स्वतंत्रता आंदोलन की अलख 1921 से ही सुलगने लगी थी. धीरे-धीरे आंदोलन ने व्यापक रूप ले लिया. नतीजतन, सल्ट में ब्रिटिश शासन बेअसर हो गया. यहां बागियों की समानांतर सरकार कायम हो गई. खुमाड़ निवासी पंडित पुरुषोत्तम उपाध्याय और लक्ष्मण सिंह अधिकारी के नेतृत्व में सल्ट क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला गया. 1931 में मोहान के जंगल में बड़ी तादाद में गिरफ्तारियां भी हुईं.

अल्मोड़ा: सल्ट क्षेत्र के लगभग सभी गांवों से आजादी के आंदोलन की अलख जगी थी. लेकिन खुमाड़ गांव में चार सेनानियों की शहादत ने सल्ट को अमर कर दिया है. इसी क्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने अल्मोड़ा के खुमाड़ गांव (Almora Khumad village) पहुंचकर शहीद स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत को नमन किया. इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि खुमाड़ अल्मोड़ा के उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. मैं स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना को भी नमन करता हूं, जिन्होंने इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया है.

ये क्षेत्र आंदोलन के लिए जाना जाता है. अल्मोड़ा में शिक्षक रहते हुए पुरुषोत्तम उपाध्याय एवं लक्ष्मण सिंह अधिकारी ने देश के लिए बड़ा योगदान दिया. उनके इस योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. सीएम धामी ने आगे कहा कि उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए हमने विकल्प रहित संकल्प लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को केदारनाथ में कह चुके हैं कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा.

इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा और कांवड यात्रा में भी रिकॉर्ड तोड़ यात्री आए हैं. गढ़वाल क्षेत्र में चारधाम को संवारने का काम चल रहा है. कुमाऊं क्षेत्र में मानस खंड माला मिशन के तहत हम मंदिरों का पुनरोद्धार कर रहे हैं.

टनकपुर से बागेश्वर रेल लाइन के सर्वे का काम चल रहा है. अल्मोड़ा का मेडिकल कॉलेज भी विधिवत रूप से चालू होने जा रहा है. मैं प्रधानमंत्री मोदी और स्वास्थ्य मंत्री का भी आभार प्रकट कर रहा हूं. आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया को दिशा देने वाले देश के रूप में जाना जा रहा है. समृद्ध भारत, मजबूत भारत के रूप में आज देश दुनिया के सामने खड़ा है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के दो शिक्षकों को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, राष्ट्रपति मुर्मू ने किया सम्मानित

खुमाड़ गांव का इतिहास: पांच सितंबर 1942 का दिन था. महात्मा गांधी की मुहिम अंग्रेजों भारत छोड़ो के तहत खुमाड़ में जनसभा चल रही थी. जनसभा में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. रानीखेत से परगना मजिस्ट्रेट जॉनसन दलबल के साथ विद्रोह को कुचलने पहुंचे. टकराव के चलते जानसन ने गोलियां चलवाईं, जिसमें दो भाई खीमानंद और गंगाराम के साथ ही बहादुर सिंह और चूड़ामणि शहीद हो गए. इनके अलावा 12 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इसी शहादत की याद में हर साल खुमाड़ स्थित शहीद स्मारक पर शहीद दिवस समारोह आयोजित किया जाता है.

1921 से सुलगी आंदोलन की चिंगारी: बताया जाता है कि सल्ट क्षेत्र में स्वतंत्रता आंदोलन की अलख 1921 से ही सुलगने लगी थी. धीरे-धीरे आंदोलन ने व्यापक रूप ले लिया. नतीजतन, सल्ट में ब्रिटिश शासन बेअसर हो गया. यहां बागियों की समानांतर सरकार कायम हो गई. खुमाड़ निवासी पंडित पुरुषोत्तम उपाध्याय और लक्ष्मण सिंह अधिकारी के नेतृत्व में सल्ट क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला गया. 1931 में मोहान के जंगल में बड़ी तादाद में गिरफ्तारियां भी हुईं.

Last Updated : Sep 5, 2022, 5:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.