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इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के ऊपर मंडरा रही 'मौत', तेज हवा से कांप जाती हैं दीवारें

जिला मुख्यालय में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के जेबी भवन के चारों ओर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हुई हैं. जिस तरह इसकी स्थिति है उसको देखकर लगता है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के ऊपर मंडरा रही 'मौत'.
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Published : May 6, 2019, 5:59 PM IST

अल्मोड़ा: विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने और बदहाल स्कूलों को ठीक करने को लेकर सरकार तमाम दावे करती है. लेकिन हकीकत इन दावों से कोसों दूर है. जिले के सबसे नामी राजकीय इंटर कॉलेज अल्मोड़ा के जूनियर ब्लॉक का भवन पिछले 9 सालों से जीर्णोद्धार की बांट जोह रहा है. हालात ऐसे हैं कि बच्चे खतरे के साए में पढ़ने को मजबूर हैं. फिर भी शिक्षा विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के ऊपर मंडरा रही 'मौत'.

साल 2010 में आई आपदा के दौरान जिला मुख्यालय में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के जेबी भवन के चारों ओर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई थी. साथ ही धीरे-धीरे जमीन खिसक रही है, लेकिन तब से अब तक 9 साल बीत गए हैं, अब तक शिक्षा विभाग का इस ओर ध्यान नहीं गया है. इस भवन के अंदर बच्चों की क्लास चलती है. जिस तरह इसकी स्थिति है उसको देखकर लगता है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इस भवन में केमिस्ट्री की लैब भी संचालित होती है.

स्कूल के प्रधानाचार्य ने कई बार इस भवन के मरम्मत के लिए उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेजा, लेकिन अब तक इसकी मरम्मत को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई. विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि कई बार इसके लिए पूर्व में प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन इसके लिए अभी तक कोई भी बजट आवंटित नहीं किया गया है. स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने इस भवन को जल्द से जल्द मरम्मत करने की मांग की है.

अल्मोड़ा: विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने और बदहाल स्कूलों को ठीक करने को लेकर सरकार तमाम दावे करती है. लेकिन हकीकत इन दावों से कोसों दूर है. जिले के सबसे नामी राजकीय इंटर कॉलेज अल्मोड़ा के जूनियर ब्लॉक का भवन पिछले 9 सालों से जीर्णोद्धार की बांट जोह रहा है. हालात ऐसे हैं कि बच्चे खतरे के साए में पढ़ने को मजबूर हैं. फिर भी शिक्षा विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के ऊपर मंडरा रही 'मौत'.

साल 2010 में आई आपदा के दौरान जिला मुख्यालय में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के जेबी भवन के चारों ओर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई थी. साथ ही धीरे-धीरे जमीन खिसक रही है, लेकिन तब से अब तक 9 साल बीत गए हैं, अब तक शिक्षा विभाग का इस ओर ध्यान नहीं गया है. इस भवन के अंदर बच्चों की क्लास चलती है. जिस तरह इसकी स्थिति है उसको देखकर लगता है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इस भवन में केमिस्ट्री की लैब भी संचालित होती है.

स्कूल के प्रधानाचार्य ने कई बार इस भवन के मरम्मत के लिए उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेजा, लेकिन अब तक इसकी मरम्मत को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई. विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि कई बार इसके लिए पूर्व में प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन इसके लिए अभी तक कोई भी बजट आवंटित नहीं किया गया है. स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने इस भवन को जल्द से जल्द मरम्मत करने की मांग की है.

Intro:सरकार सरकारी स्कूलो में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने और बदहाल स्कूलो को ठीक करने को लेकर तमाम दावे तो जरूर करती है लेकिन हकीकत इन दावों से कोसो दूर नज़र आती है। स्कूलो की बदहाल स्थिति की ओर सरकारों का कोई ध्यान नही है।आलम यह है कि अल्मोड़ा जिले का नामी सरकारी स्कूल राजकीय इंटर कालेज अल्मोड़ा के जूनियर ब्लॉक का भवन पिछले 9 सालो जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है। हालात ऐसी है कि बच्चे खतरे के साये में पढ़ने को मजबूर है। फिर भी शिक्षा विभाग किसी बड़ी अनहोनी होने के इंतजार में बैठा है।


Body:2010 में अल्मोड़ा में आयी आपदा के दौरान जिलामुख्यालय में स्थिति ऐतिहासिक राजकीय इंटर कॉलेज के जेबी भवन के चारो ओर बड़ी बड़ी दरारें पड़ गयी। इसके चारों ओर धीरे धीरे जमीन खिसक रही है,लेकिन तब से अब तक 9 साल बीत गए इसकी ओर शिक्षाविभाग ने ध्यान ही नही दिया। इस भवन के अंदर बच्चों की क्लास चलती है। जिस तरह इसकी स्थिति है उसको देखकर लगता है कि यहाँ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस भवन में केमिस्ट्री की लैब भी संचालित होती है। बच्चे जरा सी भी बारिश आंधी तूफान में डर जाते हैं।
हालांकि कई बार स्कूल के प्रधानाचार्य के द्वारा इस भवन के मरम्मत के लिए लगातार उच्चाधिकारियों को कई बार प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अब तक इसकी मरम्मत को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हुई। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि कई बार इसके लिए पूर्व में प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन इसके लिए अभी तक कोई भी बजट आवंटित नहीं किया गया। स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने इस भवन के जल्द से जल्द मरम्मत करने की मांग की है।

बाइट 1 वीरेंद्र कुमार, छात्र जीआईसी अल्मोड़ा

बाइट2 सुरेश चंद्र पाठक, प्रभारी प्रधानाचार्य जीआईसी अल्मोड़ा
बाइट 3 तरुण जैड़ा, शिक्षक जीआईसी अल्मोड़ा

वही यहाँ पढ़ने वाले बच्चों का कहना है कि इतना समय बीत जाने के बाद भी सरकार का इस ओर कोई ध्यान नही है, हम यहाँ हमेशा खतरे के साये में पढ़ते हैं।


Conclusion:
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