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लोक गायक गोपाल बाबू के नाम से जाना जाएगा चौखुटिया महाविद्यालय

क्षेत्रीय जनता लंबे समय से इसकी मांग करती आ रही थी. इस सम्मान के लिए लोक गायक के परिजनों ने क्षेत्रीय विधायक महेश नेगी के साथ ही प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है.

लोक गायक स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी
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Published : Nov 5, 2019, 7:47 PM IST

द्वारहाट: चौखुटिया राजकीय महाविद्यालय को अब लोक गायक स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के नाम से जाना जाएगा. प्रदेश सरकार ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. अब महाविद्यालय का नाम स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी राजकीय महाविद्यालय होगा.
क्षेत्रीय जनता लंबे समय से इसकी मांग करती आ रही थी. इस सम्मान के लिए लोक गायक के परिजनों ने क्षेत्रीय विधायक महेश नेगी के साथ ही प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है.

ये भी पढ़ें: रानीखेत: ताड़ीखेत ब्लॉक प्रमुख पद पर रोचक हुआ मुकाबला, कांग्रेस के बागी को BJP दे रही समर्थन

उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक स्व. गोपाल गिरी गोस्वामी को लोग गोपाल बाबू के नाम से जानते हैं. उनका जन्म चौखुटिया बाजार से लगे ग्राम पंचायत चांदी खेत में 2 फरवरी 1942 को मोहन गिरी गोस्वामी के घर हुआ था.
बचपन से ही गीतकार बनने की चाह में उन्होंने 5वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया था. वह 12 साल की उम्र से ही गीत लिखने और गाने लगे थे. जीवन के 54 सालों में उन्होंने 550 गीत लिखे. बीमारी के चलते 26 नवंबर 1996 को उनका देहांत हो गया.

द्वारहाट: चौखुटिया राजकीय महाविद्यालय को अब लोक गायक स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के नाम से जाना जाएगा. प्रदेश सरकार ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. अब महाविद्यालय का नाम स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी राजकीय महाविद्यालय होगा.
क्षेत्रीय जनता लंबे समय से इसकी मांग करती आ रही थी. इस सम्मान के लिए लोक गायक के परिजनों ने क्षेत्रीय विधायक महेश नेगी के साथ ही प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है.

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उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक स्व. गोपाल गिरी गोस्वामी को लोग गोपाल बाबू के नाम से जानते हैं. उनका जन्म चौखुटिया बाजार से लगे ग्राम पंचायत चांदी खेत में 2 फरवरी 1942 को मोहन गिरी गोस्वामी के घर हुआ था.
बचपन से ही गीतकार बनने की चाह में उन्होंने 5वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया था. वह 12 साल की उम्र से ही गीत लिखने और गाने लगे थे. जीवन के 54 सालों में उन्होंने 550 गीत लिखे. बीमारी के चलते 26 नवंबर 1996 को उनका देहांत हो गया.

Intro:चौखुटिया अल्मोड़ा चौखुटिया राजकीय महाविद्यालय को अब लोक गायक स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी के नाम से जाना जाएगा । प्रदेश सरकार द्वारा इसे संबंधी शासनादेश जारी करते हुए महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी राजकीय महाविद्यालय कर दिया है ।

लोक गायक और क्षेत्रीय जनता लंबे समय से इसकी मांग करते आ रहे थे। क्षेत्रीय विधायक महेश नेगी के प्रयासों से दिवंगत लोक गायक को मिले इस सम्मान के लिए लोक गायक के परिजनों ने क्षेत्रीय विधायक के साथ ही प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।

उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक स्वर्गीय गोपाल गिरी गोस्वामी को लोग गोपाल बाबू के नाम से जानते हैं । उनका जन्म चौखुटिया बाजार से लगे ग्राम पंचायत चांदी खेत में 2 फरवरी 1942 को मोहन गिरी गोस्वामी के घर हुआ था। बचपन से ही गीतकार बनने की जरूर में उन्होंने पांचवी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया। वह 12 साल की उम्र से ही गीत लिखने और गाने लगे थे। जीवन के 54 सालों में उन्होंने साढे पांच सौ गीत लिखे । बीमारी के चलते 26 नवंबर 1996 को उनका देहांत हो गया।Body:चौखुटिया अल्मोड़ा चौखुटिया राजकीय महाविद्यालय को अब लोक गायक स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी के नाम से जाना जाएगा । प्रदेश सरकार द्वारा इसे संबंधी शासनादेश जारी करते हुए महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी राजकीय महाविद्यालय कर दिया है ।

लोक गायक और क्षेत्रीय जनता लंबे समय से इसकी मांग करते आ रहे थे। क्षेत्रीय विधायक महेश नेगी के प्रयासों से दिवंगत लोक गायक को मिले इस सम्मान के लिए लोक गायक के परिजनों ने क्षेत्रीय विधायक के साथ ही प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।

उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक स्वर्गीय गोपाल गिरी गोस्वामी को लोग गोपाल बाबू के नाम से जानते हैं । उनका जन्म चौखुटिया बाजार से लगे ग्राम पंचायत चांदी खेत में 2 फरवरी 1942 को मोहन गिरी गोस्वामी के घर हुआ था। बचपन से ही गीतकार बनने की जरूर में उन्होंने पांचवी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया। वह 12 साल की उम्र से ही गीत लिखने और गाने लगे थे। जीवन के 54 सालों में उन्होंने साढे पांच सौ गीत लिखे । बीमारी के चलते 26 नवंबर 1996 को उनका देहांत हो गया।Conclusion:चौखुटिया अल्मोड़ा चौखुटिया राजकीय महाविद्यालय को अब लोक गायक स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी के नाम से जाना जाएगा । प्रदेश सरकार द्वारा इसे संबंधी शासनादेश जारी करते हुए महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी राजकीय महाविद्यालय कर दिया है ।

लोक गायक और क्षेत्रीय जनता लंबे समय से इसकी मांग करते आ रहे थे। क्षेत्रीय विधायक महेश नेगी के प्रयासों से दिवंगत लोक गायक को मिले इस सम्मान के लिए लोक गायक के परिजनों ने क्षेत्रीय विधायक के साथ ही प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।

उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक स्वर्गीय गोपाल गिरी गोस्वामी को लोग गोपाल बाबू के नाम से जानते हैं । उनका जन्म चौखुटिया बाजार से लगे ग्राम पंचायत चांदी खेत में 2 फरवरी 1942 को मोहन गिरी गोस्वामी के घर हुआ था। बचपन से ही गीतकार बनने की जरूर में उन्होंने पांचवी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया। वह 12 साल की उम्र से ही गीत लिखने और गाने लगे थे। जीवन के 54 सालों में उन्होंने साढे पांच सौ गीत लिखे । बीमारी के चलते 26 नवंबर 1996 को उनका देहांत हो गया।
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