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अल्मोड़ा: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद नगर पालिका के घोटाले की जांच शुरू, दर्ज हुई FIR - अल्मोड़ा हिंदी समाचार

अल्मोड़ा नगर पालिका ने साल 2009 में समाचार पत्रों में बिना प्रकाशन किए ही निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी. जिसकी जांच शुरू हो गई है.

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टेंडर में धांधली का मामला
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Published : Jan 6, 2020, 3:29 PM IST

अल्मोड़ा: नगर पालिका में साल 2007 के टेंडर प्रक्रिया में बड़ी धांधली की गई थी. इस मामले में तत्कालीन पालिका अध्यक्ष और ईओ समेत 6 लोगों के खिलाफ सीबीसीआईडी की ओर से थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिसके बाद पुलिस ने धारा 420 और 409 के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.

टेंडर में धांधली का मामला.

बता दें कि अल्मोड़ा में नगरपालिका की ओर से हरिप्रसाद टम्टा धर्मशाला, त्रिलोकीनाथ धर्मशाला, ट्रक स्टैंड और टाउन हॉल के निर्माण के लिए करीब 4 करोड़ 90 लाख की योजनाओं के लिए 20 अक्टूबर 2007 को विज्ञापन जारी किया गया था, जिसको लेकर अल्मोड़ा निवासी एलके पंत और संजय अग्रवाल ने हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वारिन घोष को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि नगरपालिका ने साल 2007 में करीब 4.90 करोड़ रुपए की लागत के कार्यों के लिए निविदा जारी की थी. लेकिन निर्धारित समय में कोई भी टेंडर नहीं हो सका.

ये भी पढ़ें: CAA-NRC के समर्थन में सड़क पर उतरी बीजेपी, देश हित में बताया ये कानून

इसके बाद पालिका ने साल 2009 में समाचार पत्रों में बिना प्रकाशन किए ही निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी. जिसके तहत दिल्ली की कंपनी का टेंडर कम दर पर तय किया गया था. लेकिन नगर पालिका ने ये टेंडर देहरादून की कंपनी को देते हुए उसे करीब 50 लाख का अग्रिम भुगतान भी कर दिया. वहीं, इस मामले में पिछले महीने नैनीताल- हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सीबीसीआईडी को जांच के निर्देश दिए थे, जिसके बाद अब सीबीसीआईडी ने नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष समेत 6 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

अल्मोड़ा: नगर पालिका में साल 2007 के टेंडर प्रक्रिया में बड़ी धांधली की गई थी. इस मामले में तत्कालीन पालिका अध्यक्ष और ईओ समेत 6 लोगों के खिलाफ सीबीसीआईडी की ओर से थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिसके बाद पुलिस ने धारा 420 और 409 के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.

टेंडर में धांधली का मामला.

बता दें कि अल्मोड़ा में नगरपालिका की ओर से हरिप्रसाद टम्टा धर्मशाला, त्रिलोकीनाथ धर्मशाला, ट्रक स्टैंड और टाउन हॉल के निर्माण के लिए करीब 4 करोड़ 90 लाख की योजनाओं के लिए 20 अक्टूबर 2007 को विज्ञापन जारी किया गया था, जिसको लेकर अल्मोड़ा निवासी एलके पंत और संजय अग्रवाल ने हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वारिन घोष को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि नगरपालिका ने साल 2007 में करीब 4.90 करोड़ रुपए की लागत के कार्यों के लिए निविदा जारी की थी. लेकिन निर्धारित समय में कोई भी टेंडर नहीं हो सका.

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इसके बाद पालिका ने साल 2009 में समाचार पत्रों में बिना प्रकाशन किए ही निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी. जिसके तहत दिल्ली की कंपनी का टेंडर कम दर पर तय किया गया था. लेकिन नगर पालिका ने ये टेंडर देहरादून की कंपनी को देते हुए उसे करीब 50 लाख का अग्रिम भुगतान भी कर दिया. वहीं, इस मामले में पिछले महीने नैनीताल- हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सीबीसीआईडी को जांच के निर्देश दिए थे, जिसके बाद अब सीबीसीआईडी ने नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष समेत 6 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

Intro:अल्मोड़ा नगर पालिका में वर्ष 2007 के टेंडर प्रक्रिया में हुई धांधली के मामले में तत्कालीन पालिका अध्यक्ष और तत्कालीन ईओ समेत 6 लोगों के खिलाफ सीबीसीआईडी की ओर से कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है । पुलिस ने धारा 420, 409 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच एसआई संतोष देवरानी को सौंप दी है।
अल्मोड़ा नगर पालिका में 2007 के टेंडर प्रक्रिया में हुई धांधली के मामले में तत्कालीन पालिका अध्यक्ष शोभा जोशी अधिशासी अधिकारी बद्री प्रसाद , अवर अभियंता समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश सीबीसीआईडी को पिछले दिनों नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से दिया गया था। सीबीसीआईडी के स्पेक्टर चंद्र सिंह बिष्ट की ओर से पूर्व पालिका अध्यक्ष शोभा जोशी समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है । सीबीसीआईडी की जांच में 49 लाख के गबन का मामला सामने आया था। सीओ सिटी अल्मोड़ा वीर सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस इनके खिलाफ जांच में जुट गई है।
Body:बता दें कि अल्मोड़ा नगरपालिका की ओर से हरिप्रसाद टम्टा धर्मशाला, त्रिलोकीनाथ धर्मशाला, ट्रक स्टैंड व टाउन हॉल के निर्माण के लिए 4 करोड़ 90 लाख की योजनाओं के लिए 20 अक्टूबर 2007 को विज्ञापन जारी किया था। अल्मोड़ा निवासी एल के पंत और संजय अग्रवाल ने हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वारिन घोष को 2013 में पत्र लिखा था। इसमें कहा था कि अल्मोड़ा नगरपालिका में 2007 में करीब 4.90 करोड़ रुपये की लागत के कार्यों के लिए निविदा जारी की थी, लेकिन निर्धारित समय में कोई भी निविदा न आने पर टेंडर नहीं हुआ। इसके बाद पालिका ने 2009 में समाचार पत्रों में बिना प्रकाशन किए ही निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी। इस निविदा प्रक्रिया में दिल्ली की कंपनी की दर कम थी, लेकिन नगर पालिका ने टेंडर देहरादून की कंपनी का स्वीकृत करते हुए उसे करीब 50 लाख अग्रिम भुगतान भी कर दिया। इस मामले में पिछले महीने नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सीबीसीआईडी को जांच के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अब सीबीसीआईडी ने नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष समेत 6 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

बाइट वीर सिंह सीओ अल्मोड़ाConclusion:
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