अल्मोड़ा: उत्तराखंड में सल्ट उपचुनाव को लेकर घमासान मच गया है. इस सीट पर बीजेपी कांग्रेस के अलावा 8 उम्मीदवारों ने अभी तक उम्मीदवारी की हुई है. यह उपचुनाव बीजेपी, कांग्रेस दोनों दलों के लिए अहम माना जा रहा है. माना जा रहा है कि यह उपचुनाव-2022 के विधानसभा चुनावों का ट्रेलर होगा. इसी को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस ने इस उपचुनाव में जोर लगा दिया है.
बीजेपी ने सल्ट उपचुनाव के लिए स्व सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना को मैदान में उतारा है. जिससे बीजेपी इस उपचुनाव को सिंपैथी के आधार पर जीतने की कोशिश में लगी है. वहीं कांग्रेस ने महिला सशक्तिकरण का संदेश देते हुए गंगा पंचोली को उम्मीदवारी बनाया है. गंगा पंचोली को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की करीबी भी माना जाता है. विगत 2017 के चुनावों में गंगा पंचोली यहां से स्व सुरेंद्र सिंह जीना से महज 2904 वोटों से पीछे रही थी.
नामांकन कराने के बाद बीजेपी कांग्रेस के प्रत्याशी अपने क्षेत्र में चुनावी सभाओं व चुनाव प्रचार में जुट चुके हैं. दोनों ही दलों के प्रत्याशी जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियां गिना रहे है. बीजेपी के प्रत्याशी महेश जीना का कहना है कि विगत 10 सालों में उनके भाई स्व सुरेंद्र जीना द्वारा जीतने विकास कार्य इस विंधानसभा क्षेत्र में किये हैं शायद ही उतने कार्य किसी और विधानसभा में हुए हुए हो. उनका कहना है कि वह इस उपचुनावों में इन्ही 10 सालों के विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. ताकि जीतकर इस विधानसभा को फिर से नंबर वन बनाया जा सके.
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कांग्रेस की प्रत्याशी गंगा पंचोली का कहना है कि बीजेपी को कोई सिंपैथी नहीं मिलेगी बल्कि बीजेपी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है. उनका कहना है कि वह महिला होने के नाते पहाड़ में महिलाओं के शसक्तीकरण पर जोर देंगी. साथ ही क्षेत्रीय मुद्दों के साथ जनता के बीच जा रही हैं. उनका कहना है आज क्षेत्र में खेती, शिक्षा, सड़क पलायन सबसे बड़े मुद्दे हैं. इन्ही मुद्दों के साथ वह चुनावी मैदान में उतरेंगी. सल्ट उपचुनाव में कांग्रेस बीजेपी यूकेडी , उपपा समेत कुल 8 प्रत्याशियों ने नामांकन करवाया है. नाम वापसी की आखिरी तिथि 3 अप्रैल है. इधर 2017 में उपपा के प्रत्याशी रहे नारायण रावत ने नामांकन के आखिरी दिन उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. नारायण रावत 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से करीब डेढ़ हजार वोट लाये थे.