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अल्मोड़ा: कोरोना के चलते ठप पड़ा बाल मिठाई का कारोबार, कारोबारी बेच रहे फल-सब्जियां

कोरोना के कारण अल्मोड़ा में बाल मिठाई का कारोबार करने वाले परेशान हैं. सूने पड़े बाजार और ग्राहकों की कमी के कारण अब इन्हें अपना काम बदलकर दूसरे काम करने पड़ रहे हैं.

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कोरोना के कारण ठप हुआ बाल मिठाई का कारोबार
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Published : Aug 27, 2020, 5:11 PM IST

अल्मोड़ा: कोरोना महामारी का असर अल्मोड़ा की विश्व प्रसिद्ध बाल मिठाई के कारोबार पर भी पड़ा है. बाल मिठाई की बिक्री घटने के कारण दशकों से इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारी अब अपना व्यवसाय बदलने को मजबूर हैं. अल्मोड़ा में बाल मिठाई के विक्रेता अब फल, सब्जी या फिर थैले बेच रहे हैं.

सांस्कृतिक नगरी की एक पहचान यहां की बाल मिठाई भी है, यहां की बाल मिठाई विदेशों तक पहुंचती थी. बाहर से अल्मोड़ा आने वाले पर्यटक वापस लौटते वक्त अपने साथ बाल मिठाई ले जाना नहीं भूलते हैं. खासकर इन दिनों पर्यटन सीजन में बाल मिठाई की भारी डिमांड होती है. मगर इस बार कोरोना के कारण व्यवसाय चौपट हो गया है.

कोरोना के चलते ठप पड़ा बाल मिठाई का कारोबार.

पढ़ें- सतपाल महाराज ने सूर्यधार बांध परियोजना का किया निरीक्षण, धीमे काम पर जताई नाराजगी

अल्मोड़ा के माल रोड में स्थित दर्जनों मिठाई की दुकानें लंबे समय से सुनीं पड़ी हैं. मिठाई की बिक्री न होने से अब व्यवसायी अन्य कारोबार करने लगे हैं, जिससे वे आर्थिक तंगी से उबर सकें. अल्मोड़ा में बाल व्यवसायी अब सब्जी, फल या फिर अन्य व्यवसाय से जुड़कर अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं.

पढ़ें- VIRAL VIDEO: मित्र पुलिस का अमानवीय चेहरा, महिला को बेरहमी से पीटा

दुकानदार बृजेश कश्यप का कहना है कि वह पिछले 20 सालों से मिठाई की दुकान चला रहे थे. मगर कोरोना के कारण पर्यटन गतिविधियां खत्म हो गई हैं. जिससे उनका कारोबार भी चौपट हो गया है. अब मजबूरन उन्हें मिठाई के बदले फल और सब्जियां बेचनी पड़ रही हैं.

पढ़ें-रामनगर: वन्यजीवों के लिए मिश्रित वनों की बुवाई कर रहा है वन विभाग

वहीं, एक और दुकानदार राजेन्द्र बिष्ट का कहना है वह साल 1970 से माल रोड पर मिठाई की दुकान चला रहे हैं. मिठाई के कारोबार में उन्हें कभी भी दिक्कत नहीं आई. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब उन्हें मिठाई बनाना बंद करना पड़ा है. आज वह मिठाई के बदले दुकान में थैले, डिस्पोजल आईटम बेचने को मजबूर हैं.

अल्मोड़ा: कोरोना महामारी का असर अल्मोड़ा की विश्व प्रसिद्ध बाल मिठाई के कारोबार पर भी पड़ा है. बाल मिठाई की बिक्री घटने के कारण दशकों से इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारी अब अपना व्यवसाय बदलने को मजबूर हैं. अल्मोड़ा में बाल मिठाई के विक्रेता अब फल, सब्जी या फिर थैले बेच रहे हैं.

सांस्कृतिक नगरी की एक पहचान यहां की बाल मिठाई भी है, यहां की बाल मिठाई विदेशों तक पहुंचती थी. बाहर से अल्मोड़ा आने वाले पर्यटक वापस लौटते वक्त अपने साथ बाल मिठाई ले जाना नहीं भूलते हैं. खासकर इन दिनों पर्यटन सीजन में बाल मिठाई की भारी डिमांड होती है. मगर इस बार कोरोना के कारण व्यवसाय चौपट हो गया है.

कोरोना के चलते ठप पड़ा बाल मिठाई का कारोबार.

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अल्मोड़ा के माल रोड में स्थित दर्जनों मिठाई की दुकानें लंबे समय से सुनीं पड़ी हैं. मिठाई की बिक्री न होने से अब व्यवसायी अन्य कारोबार करने लगे हैं, जिससे वे आर्थिक तंगी से उबर सकें. अल्मोड़ा में बाल व्यवसायी अब सब्जी, फल या फिर अन्य व्यवसाय से जुड़कर अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं.

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दुकानदार बृजेश कश्यप का कहना है कि वह पिछले 20 सालों से मिठाई की दुकान चला रहे थे. मगर कोरोना के कारण पर्यटन गतिविधियां खत्म हो गई हैं. जिससे उनका कारोबार भी चौपट हो गया है. अब मजबूरन उन्हें मिठाई के बदले फल और सब्जियां बेचनी पड़ रही हैं.

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वहीं, एक और दुकानदार राजेन्द्र बिष्ट का कहना है वह साल 1970 से माल रोड पर मिठाई की दुकान चला रहे हैं. मिठाई के कारोबार में उन्हें कभी भी दिक्कत नहीं आई. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब उन्हें मिठाई बनाना बंद करना पड़ा है. आज वह मिठाई के बदले दुकान में थैले, डिस्पोजल आईटम बेचने को मजबूर हैं.

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