अल्मोड़ा: भारत में शादी का मतलब है धूमधाम, गीत-संगीत, नाचना-खाना और बहुत सारे रीति-रिवाज. लेकिन, अल्मोड़ा में दो अधिकारियों ने चमक-धमक और खर्चीले इंतजाम को पीछे छोड़ते हुए सादगी के साथ कोर्ट मैरिज करते हुए सादगी की मिसाल पेश की. सोमवार को अल्मोड़ा वन प्रभाग के DFO महातिम यादव ने कोर्ट में सादगी से डाॅ. प्रियंका यादव के साथ विवाह कर लिया.
इस दौरान उनके परिवार से उनके भाई ही शामिल हुए. डाॅ प्रियंका अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में EMO के पद पर तैनात हैं. DFO की इस शादी की पूरे जिले में चर्चा हो रही है. दरअसल, अल्मोड़ा के IFS अधिकारी महातिम यादव ने महज कुछ ही लोगों की उपस्थिति में कोर्ट में डाॅ. प्रियंका यादव से विवाह कर लिया है. जहां, आज के दौर में लोग सभी पारंपरिक रस्मों के साथ शादी करना पसंद करते हैं. वहीं, IFS अधिकारी महातिम ने बेहद सादगी के साथ कोर्ट मैरिज की है. उनकी शादी में उनके बड़े भाई मंगल यादव सहित 3 से 4 लोग ही मौजूद रहे.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में हफ्तेभर पहले पहुंचा मानसून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में बारिश, YELLOW ALERT जारी
'सादगी से भी विवाह जरूरी'
इस मौके पर DFO महातिम यादव ने कहा कि कोरोना फैलने का मुख्य कारण सामाजिक कार्यक्रम भी हैं, ऐसे में उन्होंने कोरोना काल में सादगी और कानूनी रूप से वैध विवाह करना ही उचित समझा. उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग दिखावा करने के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर देते हैं. इसके बजाय शादी सादगी से भी की जा सकती है और वहीं पैसे अन्य जरूरी कार्यों में खर्च किया जा सकता है.
प्रियंका ने पहना कुमाऊंनी पिछौड़ा
इस दौरान डॉ प्रियंका यादव कुमाऊंनी पिछौड़ा में नजर आईं. दरअसल, कुमाऊंनी पिछौड़े को सुहाग का प्रतीक माना जाता है. कुमाऊं में हर विवाहित महिला मांगलिक अवसरों पर इसको पहनना नहीं भूलती है. यहां की परंपरा के मुताबिक त्यौहारों, सामाजिक समारोहों और धार्मिक अवसरों में इसे महिलाएं पहनती हैं. शादी के मौके पर वरपक्ष की तरफ से दुल्हन के लिए सुहाग के सभी सामान के साथ पिछौड़ा भेजना अनिवार्य माना जाता है. बताया जा रहा है कि डीएफओ महातिम यादव यूपी के रहने वाले हैं और दुल्हन डॉ प्रियंका हरियाणा की निवासी हैं.