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रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ अल्मोड़ा महोत्सव का हुआ समापन

सांस्कृतिक नगरी में चार दिन तक चले अल्मोड़ा महोत्सव का रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ समापन हो गया है. महोत्सव के अंतिम दिन  मशहूर कव्वाल वारसी ब्रदर्श ने सुरों का जादू बिखेरा. वहीं, उत्तराखंड की गायिका प्रियंका मेहर ने भी जमकर समां बांधा.

अल्मोड़ा महोत्सव का हुआ समापन
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Published : Oct 21, 2019, 7:22 PM IST

अल्मोड़ाः सांस्कृतिक नगरी में चार दिन तक चले अल्मोड़ा महोत्सव का रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ समापन हो गया है. महोत्सव के अंतिम दिन मशहूर कव्वाल वारसी ब्रदर्श ने सुरों का जादू बिखेरा. वहीं, उत्तराखंड की गायिका प्रियंका मेहर ने भी जमकर समां बांधा. इस दौरान स्थानीय कलाकारों को भी मंच मिला, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी.

अल्मोड़ा महोत्सव का हुआ समापन
जीआईसी मैदान में चार दिन तक चले अल्मोड़ा महोत्सव में बालीवुड समेत देश प्रदेश के नामचीन कलाकारों नें अपने हुनर का जलवा बिखेरा. महोत्सव के अंतिम दिन गायिका प्रियंका मेहर के हिंदी, कुमाउंनी, गढ़वाली, राजस्थानी गीतों ने युवाओं को झूमने को मजबूर कर दिया.

ये भी पढ़ेंःपंचायत चुनाव 2019: रागिनी बनीं सबसे कम उम्र की प्रधान, प्रतिद्वंदी को 383 मतों से हराया

प्रसिद्ध कव्वाल वारसी ब्रदर्स की कव्वाली ने खूब तालियां बंटोरी. इससे पिछली रात बालीवुड गायक कुणाल गांजावाला ने चन्ना वे घर आजा वे, भीगे होठ तेरे प्यासा दिल मेरा, काल-काल में हम तुम करे धमाल आदि गीतों पर दर्शकों की वाहवाही लूटी.

डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने महोत्सव का समापन अवसर पर कहा कि पर्यटन और लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव का आयोजन किया गया था. जिसमें अल्मोड़ा महोत्सव ने अलग पहचान बनाई. इस मौके पर उन्होंने प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया.

अल्मोड़ाः सांस्कृतिक नगरी में चार दिन तक चले अल्मोड़ा महोत्सव का रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ समापन हो गया है. महोत्सव के अंतिम दिन मशहूर कव्वाल वारसी ब्रदर्श ने सुरों का जादू बिखेरा. वहीं, उत्तराखंड की गायिका प्रियंका मेहर ने भी जमकर समां बांधा. इस दौरान स्थानीय कलाकारों को भी मंच मिला, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी.

अल्मोड़ा महोत्सव का हुआ समापन
जीआईसी मैदान में चार दिन तक चले अल्मोड़ा महोत्सव में बालीवुड समेत देश प्रदेश के नामचीन कलाकारों नें अपने हुनर का जलवा बिखेरा. महोत्सव के अंतिम दिन गायिका प्रियंका मेहर के हिंदी, कुमाउंनी, गढ़वाली, राजस्थानी गीतों ने युवाओं को झूमने को मजबूर कर दिया.

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प्रसिद्ध कव्वाल वारसी ब्रदर्स की कव्वाली ने खूब तालियां बंटोरी. इससे पिछली रात बालीवुड गायक कुणाल गांजावाला ने चन्ना वे घर आजा वे, भीगे होठ तेरे प्यासा दिल मेरा, काल-काल में हम तुम करे धमाल आदि गीतों पर दर्शकों की वाहवाही लूटी.

डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने महोत्सव का समापन अवसर पर कहा कि पर्यटन और लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव का आयोजन किया गया था. जिसमें अल्मोड़ा महोत्सव ने अलग पहचान बनाई. इस मौके पर उन्होंने प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया.

Intro:
सांस्कृतिक नगर में चार दिन तक चले अल्मोड़ा महोत्सव का रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ समापन हो गया। महोत्सव के अंतिम दिन भारत के मशहूर कव्वाल वारसी ब्रदर्श ने अपने सुरों का जादू बिखेरा तो उत्तराखंड की गायिका प्रियंका मेहर ने जमकर समां बांधा। अल्मोड़ा महोत्सव में चार दिनों तक देश, प्रदेश, विदेश और बाॅलीवुड के कलाकारों ने दर्शकों को अपनी धुन में नचाया। इस दौरान स्थानीय कलाकारों को भी मंच मिला जिसमें स्थानीय कलाकारों ने भी दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।Body:अल्मोड़ा के जीआईसी मैदान में चार दिन तक चले अल्मोडा महोत्सव में बालीवुड समेत देश प्रदेश के नामचीन कलाकारों के अपने हुनर का जलवा बिखेरा। महोत्सव के अंतिम दिन गायिका प्रियंका मेहर के हिंदी, कुमाऊंनी, गढ़वाली, राजस्थानी गीतों ने युवाओं को झूमने को मजबूर किया। वहीं प्रसिद्ध कव्वाल वारसी ब्रदर्स की कव्वाली ने खूब तालियां बंटोरी। वहीं इससे पिछली रात बालीवुड गायक कुणाल गांजावाला ने चन्ना वे घर आजा वे, भीगे होठ तेरे प्यासा दिल मेरा, काल-काल में हम तुम करे धमाल आदि गीतों पर दर्शकों की वाहवाही लूटी।
डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने महोत्सव का समापन करते हुए कहा कि पर्यटन और लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव का आयोजन किया गया था। जिसमें अल्मोड़ा महोत्सव ने अलग पहचान बनाई। इस मौके पर उन्होंने प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया।

बाईट नितिन भदौरिया, डीएमConclusion:
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