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पहाड़ी इलाकों में बंदी की कगार पर BSNL, 60 प्रतिशत कर्मचारियों ने लिया VRS - voluntary retirement in almora

1995 के बाद से बीएसएनएल ने पहाड़ में नेटवर्क का जाल बिछाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए थे. करीब दो दशक तक केंद्र सरकार के इस निगम का तेजी से विस्तार हुआ था, लेकिन अब हालात ये हैं कि अल्मोड़ा समेत पहाड़ के 4 जिलों में बीएसएनल के करीब 60 प्रतिशत कर्मचारी और अधिकारी वीआरएस ले रहे हैं.

बंद होने की कगार पर BSNL
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Published : Nov 14, 2019, 10:25 PM IST

अल्मोड़ा: आर्थिक तंगी से जूझ रही दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) धीरे-धीरे अपना कारोबार समेट रही है. आर्थिक घाटे के कारण अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में बीएसएनएल की स्थिति दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है. खर्च कम करने के लिए इन चार जिलों में बीएसएनएल अब तक एक दर्जन से अधिक दूरभाष केंद्र बंद कर चुका है. इसके अलावा बीएसएनएल द्वारा बिजली का भी नहीं दिया गया है.

पढ़ें- रात में जगमगाएंगी दून की सड़कें, नगर निगम में प्रस्ताव पास

बता दें कि 1995 के बाद से बीएसएनएल ने पहाड़ में नेटवर्क का जाल बिछाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए थे. करीब दो दशक तक केंद्र सरकार के इस निगम का तेजी से विस्तार हुआ था, लेकिन अब हालात ये हैं कि अल्मोड़ा समेत पहाड़ के 4 जिलों में बीएसएनल के करीब 60 प्रतिशत कर्मचारी और अधिकारी वीआरएस ले रहे हैं. पिछले करीब एक साल से बीएसएनएल की दशा लगातार बिगड़ रही है. बीएसएनएल बिजली के बिलों का भुगतान तक नहीं कर पा रहा है, जिससे करीब 20 से अधिक मोबाइल टावरों के बिजली कनेक्शन कट गए हैं.

पढ़ें- प्याज के बढ़े दामों से निजात दिलाने के लिए सरकार का बड़ा फैसला, लगाए गये 10 काउंटर

जानकारी के मुताबिक, अल्मोड़ा जिले में 50 साल की आयु पूरी कर चुके बीएसएनएल के 56 कर्मचारी और अधिकारी वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं. मापदंड पूरे करने वाले कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी इसके लिए आगामी दिनों में आवेदन करने की लाइन में खड़े हैं. इसके बाद 4 जिलों में करीब 40 प्रतिशत कर्मचारी और अधिकारी ही सेवा में रह जाएंगे. भारी मात्रा में कर्मचारियों और अधिकारियों के वीआरएस लेने के बाद कुछ महीनों में अल्मोड़ा महाप्रबंधक कार्यालय को बंद करने की संभावना जताई जा रही है.

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अल्मोड़ा के महाप्रबंधक ए. के. गुप्ता का कहना है कि बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति खराब चल रही. जिसके चलते कंपनी पर करोड़ों की देनदारी है. बीएसएनएल में अबतक 12 अधिकारी और 44 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है. उन्होंने बताया कि खर्च कम करने के लिए बीएसएनएल ने अभी तक 12 दूरभाष केंद्र बंद कर दिए हैं, जबकि 16 दूरभाष केंद्र इस महीने बंद होने की कगार पर हैं.

अल्मोड़ा: आर्थिक तंगी से जूझ रही दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) धीरे-धीरे अपना कारोबार समेट रही है. आर्थिक घाटे के कारण अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में बीएसएनएल की स्थिति दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है. खर्च कम करने के लिए इन चार जिलों में बीएसएनएल अब तक एक दर्जन से अधिक दूरभाष केंद्र बंद कर चुका है. इसके अलावा बीएसएनएल द्वारा बिजली का भी नहीं दिया गया है.

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बता दें कि 1995 के बाद से बीएसएनएल ने पहाड़ में नेटवर्क का जाल बिछाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए थे. करीब दो दशक तक केंद्र सरकार के इस निगम का तेजी से विस्तार हुआ था, लेकिन अब हालात ये हैं कि अल्मोड़ा समेत पहाड़ के 4 जिलों में बीएसएनल के करीब 60 प्रतिशत कर्मचारी और अधिकारी वीआरएस ले रहे हैं. पिछले करीब एक साल से बीएसएनएल की दशा लगातार बिगड़ रही है. बीएसएनएल बिजली के बिलों का भुगतान तक नहीं कर पा रहा है, जिससे करीब 20 से अधिक मोबाइल टावरों के बिजली कनेक्शन कट गए हैं.

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जानकारी के मुताबिक, अल्मोड़ा जिले में 50 साल की आयु पूरी कर चुके बीएसएनएल के 56 कर्मचारी और अधिकारी वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं. मापदंड पूरे करने वाले कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी इसके लिए आगामी दिनों में आवेदन करने की लाइन में खड़े हैं. इसके बाद 4 जिलों में करीब 40 प्रतिशत कर्मचारी और अधिकारी ही सेवा में रह जाएंगे. भारी मात्रा में कर्मचारियों और अधिकारियों के वीआरएस लेने के बाद कुछ महीनों में अल्मोड़ा महाप्रबंधक कार्यालय को बंद करने की संभावना जताई जा रही है.

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अल्मोड़ा के महाप्रबंधक ए. के. गुप्ता का कहना है कि बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति खराब चल रही. जिसके चलते कंपनी पर करोड़ों की देनदारी है. बीएसएनएल में अबतक 12 अधिकारी और 44 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है. उन्होंने बताया कि खर्च कम करने के लिए बीएसएनएल ने अभी तक 12 दूरभाष केंद्र बंद कर दिए हैं, जबकि 16 दूरभाष केंद्र इस महीने बंद होने की कगार पर हैं.

Intro:आर्थिक घाटे से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल धीरे धीरे अपना कारोबार समेट रहा है। आर्थिक घाटे के कारण अल्मोड़ा मण्डल के चार पहाड़ी जिलो अल्मोड़ा , पिथोरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत में बीएसएनएल की स्थिति दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही। खर्चा कम करने के लिए इन चार जिलों में बीएसएनएल अबतक लगभग एक दर्जन से अधिक अपने दूरभाष केंद्र बंद कर चुका है, आगे कई और दूरभाष केंद्र भी बीएसएनएल बंद करने जा रहा है, वही बिजली का भुगतान बीएसएनएल के द्वारा नही होने पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा टावर बंद हो चुके है। यही नही बीएसएनएल की लगातार खराब होती स्थिति को देखते हुए अब कर्मचारियों ने वीआरएस लेना शुरू कर दिया है।





Body:1995 के बाद से बीएसएनएल ने पहाड़ में नेटवर्क का जाल बिछाने के लिए सैकड़ों करोड़ों रुपए खर्च किए और करीब दो दशक तक केंद्र सरकार के इस निगम का जिस तेजी से विस्तार हुआ तब किसी को भरोसा नहीं था कि बीएसएनल को इतने बुरे दिन देखने पड़ेंगे। हालात यह है कि अल्मोड़ा समेत पहाड़ के 4 जिलों में बीएसएनल के करीब 60 प्रतिशत कर्मचारी और अधिकारी वीआरएस ले रहे हैं । पिछले करीब 1 साल से बीएसएनएल की दशा लगातार बिगड़ रही है कुमाऊं में ही कंपनी पर करोड़ों की देनदारी है और ठेकेदारों सप्लायर आदि का भुगतान अटका है वहीं बीएसएनएल बिजली के बिलों का भुगतान तक नहीं कर पा रहा है जिससे करीब 20 से अधिक मोबाइल टावरों के बिजली कनेक्शन कटे हुए हैं । 50 साल की आयु पूरी कर चुके अल्मोड़ा मंडल के चार जिलों से बीएसएनएल के 56 कर्मचारी और अधिकारी वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं और मापदंड पूरे करने वाले कई अन्य अधिकारी कर्मचारी भी इसके लिए आगामी दिनों में आवेदन करने की लाइन में खड़े है। इसके बाद 4 जिलों में करीब 40 प्रतिशत कर्मचारी अधिकारी ही सेवा में रह जाएंगे । बताया जा रहा है कि इतने मात्रा में कर्मचारियों और अधिकारियों के वीआरएस लेने के बाद कुछ महीनों में अल्मोड़ा महाप्रबंधक कार्यालय को बंद करने की संभावना है ।महाप्रबंधक कार्यालय बंद होने पर कुछ अन्य अधिकारियों के पद भी यहां खत्म होने की संभावना है।
बीएसएनएल के अल्मोड़ा मंडल के महाप्रबंधक ए के गुप्ता का कहना है कि बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति खराब चल रही जिस कारण कंपनी पर करोड़ो की देनदारी है। अभी तक बीएसएनएल में 12 अधिकारी और 44 कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है। आगे और भी कर्मचारी और अधिकारी वीआरएस लेंगे। वही उन्होंने बताया कि खर्चा कम करने के लिए बीएसएनएल ने अभी तक 12 अपने दूरभाष केंद्र बंद कर दिए हैं जबकि 16 दूरभाष केंद्र इस महीने बंद होंगे।

बाइट-ए के गुप्ता, महाप्रबंधक, बीएसएनएल अल्मोड़ा मंडल


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