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अल्मोड़ा में 250 हेक्टेयर जंगल जलकर हुआ राख, वन विभाग के पास कर्मचारियों का टोटा, कैसे बुझेगी आग? - अल्मोड़ा आज की ताजा खबर

उत्तराखंड में वनाग्नि को काबू (forest fire in uttarakhand) करना वन विभाग के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. अल्मोड़ा जिले की बात करें तो यहां इस फायर सीजन में वनाग्नि (forest fire in Almora) की 100 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 250 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुका (250 hectares of forest burnt) है.

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जंगल जलकर हुआ राख
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Published : Apr 16, 2022, 3:41 PM IST

Updated : Apr 16, 2022, 4:03 PM IST

अल्मोड़ा: वनाग्नि के लिहाज से काफी संवेदनशील अल्मोड़ा के जंगल लगातार आग से सुलग रहे (forest fire in Almora) हैं. चारों ओर जंगलों में आग लगी हुई है. अब तक सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं. वनाग्नि से लाखों की वन संपदा का नुकसान हुआ है, जिससे वन विभाग को अच्छी खासी चपत लगी है.

अल्मोड़ा के कुछ जंगली इलाकों में बीती रात से आग लगी हुई हुई. कोसी कस्बे के पास का जंगल देर रात से धधक रहा है. जंगल में लगी आग फैलती ही जा रही है. इसके अलावा कसारदेवी, करबला और सिटौली के जंगल भी धू धू कर जल रहे हैं. वन विभाग के मुताबिक अल्मोड़ा में इस फायर सीजन में अब तक वनाग्नि की 100 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 250 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुका (250 hectares of forest burnt) है.

अल्मोड़ा के जंगलों में आग बेकाबू
पढ़ें- पिथौरागढ़ के जंगलों में लगी आग 2 किमी के दायरे में फैली, देखें VIDEO

यही नहीं द्वाराहाट रेंज में वनाग्नि से पशुहानि भी हो चुकी है. वन विभाग के पास सबसे बड़ी चुनौती यह है कि दावानल से निपटने के लिए महकमे के पास फील्ड कर्मचारी तक नहीं है. हाल यह है कि वनाग्नि से निपटने में मुख्य रोल निभाने वाले फारेस्ट गार्ड के पद पर 50 फीसदी कर्मचारी ही कार्यरत हैं. बिना फील्ड कर्मचारियों के कैसे आग बुझेगी, यह बड़ा सवाल है.

इधर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीते दिनों बारिश होने के बाद जंगलों में आग की घटनाएं कुछ कम हुई हैं, लेकिन गर्मी बढ़ते ही एक बार फिर आग की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. अफसरों का कहना है कि वन विभाग आग की बड़ी घटनाओं पर फोकस कर रहा है.

अल्मोड़ा: वनाग्नि के लिहाज से काफी संवेदनशील अल्मोड़ा के जंगल लगातार आग से सुलग रहे (forest fire in Almora) हैं. चारों ओर जंगलों में आग लगी हुई है. अब तक सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं. वनाग्नि से लाखों की वन संपदा का नुकसान हुआ है, जिससे वन विभाग को अच्छी खासी चपत लगी है.

अल्मोड़ा के कुछ जंगली इलाकों में बीती रात से आग लगी हुई हुई. कोसी कस्बे के पास का जंगल देर रात से धधक रहा है. जंगल में लगी आग फैलती ही जा रही है. इसके अलावा कसारदेवी, करबला और सिटौली के जंगल भी धू धू कर जल रहे हैं. वन विभाग के मुताबिक अल्मोड़ा में इस फायर सीजन में अब तक वनाग्नि की 100 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 250 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुका (250 hectares of forest burnt) है.

अल्मोड़ा के जंगलों में आग बेकाबू
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यही नहीं द्वाराहाट रेंज में वनाग्नि से पशुहानि भी हो चुकी है. वन विभाग के पास सबसे बड़ी चुनौती यह है कि दावानल से निपटने के लिए महकमे के पास फील्ड कर्मचारी तक नहीं है. हाल यह है कि वनाग्नि से निपटने में मुख्य रोल निभाने वाले फारेस्ट गार्ड के पद पर 50 फीसदी कर्मचारी ही कार्यरत हैं. बिना फील्ड कर्मचारियों के कैसे आग बुझेगी, यह बड़ा सवाल है.

इधर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीते दिनों बारिश होने के बाद जंगलों में आग की घटनाएं कुछ कम हुई हैं, लेकिन गर्मी बढ़ते ही एक बार फिर आग की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. अफसरों का कहना है कि वन विभाग आग की बड़ी घटनाओं पर फोकस कर रहा है.

Last Updated : Apr 16, 2022, 4:03 PM IST
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