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पिता के अरमानों को पंख...वंदना ने ऐसा कारनामा किया, जो भारतीय विमेन्स हॉकी की हिस्ट्री में कभी नहीं हुआ

खेलों के महाकुंभ यानी टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी की ओवरऑल यह 32वीं हैट्रिक है. इन 32 में से 7 हैट्रिक मेजर ध्यानचंद के नाम हैं. मेजर ध्यानचंद ने ओलंपिक में हॉकी में भारत की ओर से सबसे ज्यादा हैट्रिक लगाईं हैं.

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भारतीय महिला हॉकी टीम
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Published : Jul 31, 2021, 5:49 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 6:34 PM IST

हैदराबाद: भारतीय महिला हॉकी टीम ने ग्रुप ए के अपने आखिरी मैच में साउथ अफ्रीका को 4-3 से हरा दिया. उत्तराखंड के हरिद्वार के छोटे से गांव रोशनाबाद की रहने वाली वंदना कटारिया ने मैच में तीन गोल दागकर इतिहास रच दिया.

वे ओलंपिक मैच में गोल की हैट्रिक लगाने वाली भारत की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बन गईं. उनके गोल की बदौलत भारत के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीद बरकरार है. 29 साल की वंदना पहले खो-खो प्लेयर बनना चाहती थीं, लेकिन रनिंग स्पीड अच्छी होने की वजह से हॉकी खेलना शुरू किया.

यह भी पढ़ें: झटके पे झटका! PV सिंधु की सेमीफाइनल में हार, मेडल जीतने का है एक और मौका

बता दें, साल 2005 में उनके पास हॉकी की ट्रेनिंग के लिए पैसे नहीं थे. इसे बाद वंदना के पिता नाहर सिंह कटारिया ने किसी तरह उधार लेकर पैसों का इतंजाम किया और अपनी बेटी के सपनों को पूरी करने में मदद की.

टोक्यो ओलिंपिक से तीन महीने पहले अप्रैल में नाहर सिंह का निधन हो गया. इसके बाद वंदना ने उनकी याद को ही अपनी प्रेरणा बना लिया. पिता के लिए ओलंपिक मेडल जीतने को ही एकमात्र लक्ष्य बना लिया.

वंदना ओलंपिक इतिहास में हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं. साल 1984 के बाद किसी भारतीय ने ओलंपिक में हैट्रिक नहीं लगाई थी.

बता दें, इससे पहले आखिरी बार साल 1984 ओलंपिक में पुरुष हॉकी खिलाड़ी विनीत शर्मा ने गोल की हैट्रिक लगाई थी. मलयेशिया के खिलाफ मैच में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी और भारत ने मुकाबले को 3-1 से जीता था.

यह भी पढ़ें: Tokyo Olympics: देश को बॉक्सिंग में एक और झटका, रानी का सफर खत्म

वंदना के शानदार खेल की बदौलत ही भारतीय टीम ग्रुप ए का अपना आखिरी मुकाबला जीतने में सफल रही और क्वार्टर फाइनल की उम्मीदों को बरकरार रखा. भारतीय टीम ने अपने आखिरी ग्रुप मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से पटखनी दी. साथ ही भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक की अपनी दूसरी जीत हासिल की और ग्रुप में चौथे स्थान पर पहुंची.

दरअसल, अब भारत को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के मैच पर निर्भर रहना पड़ेगा. नियमों के तहत हर ग्रुप से चार टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी, लेकिन फिलहाल भारतीय टीम अपने सभी मुकाबले खेलकर ग्रुप ए में चौथे स्थान पर है. जबकि ग्रेट ब्रिटेन चार मैच खेलकर तीसरे और आयरलैंड इतने ही मैच खेलकर पांचवें स्थान पर है.

यह भी पढ़ें: 105 साल की एथलीट बीबी मान कौर का निधन

अब ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की टीमें ग्रुप का आखिरी मुकाबला खेलेंगी और एक दूसरे से भिड़ेंगी. इसमें अगर ब्रिटेन की टीम बाजी मारती है या मैच ड्रॉ खेलती है तो ऐसी स्थिति में भारत क्वार्टरफाइनल में पहुंचेगा. लेकिन आयरलैंड की जीत पर भारत ओलंपिक से बाहर हो जाएगा.

हैदराबाद: भारतीय महिला हॉकी टीम ने ग्रुप ए के अपने आखिरी मैच में साउथ अफ्रीका को 4-3 से हरा दिया. उत्तराखंड के हरिद्वार के छोटे से गांव रोशनाबाद की रहने वाली वंदना कटारिया ने मैच में तीन गोल दागकर इतिहास रच दिया.

वे ओलंपिक मैच में गोल की हैट्रिक लगाने वाली भारत की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बन गईं. उनके गोल की बदौलत भारत के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीद बरकरार है. 29 साल की वंदना पहले खो-खो प्लेयर बनना चाहती थीं, लेकिन रनिंग स्पीड अच्छी होने की वजह से हॉकी खेलना शुरू किया.

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बता दें, साल 2005 में उनके पास हॉकी की ट्रेनिंग के लिए पैसे नहीं थे. इसे बाद वंदना के पिता नाहर सिंह कटारिया ने किसी तरह उधार लेकर पैसों का इतंजाम किया और अपनी बेटी के सपनों को पूरी करने में मदद की.

टोक्यो ओलिंपिक से तीन महीने पहले अप्रैल में नाहर सिंह का निधन हो गया. इसके बाद वंदना ने उनकी याद को ही अपनी प्रेरणा बना लिया. पिता के लिए ओलंपिक मेडल जीतने को ही एकमात्र लक्ष्य बना लिया.

वंदना ओलंपिक इतिहास में हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं. साल 1984 के बाद किसी भारतीय ने ओलंपिक में हैट्रिक नहीं लगाई थी.

बता दें, इससे पहले आखिरी बार साल 1984 ओलंपिक में पुरुष हॉकी खिलाड़ी विनीत शर्मा ने गोल की हैट्रिक लगाई थी. मलयेशिया के खिलाफ मैच में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी और भारत ने मुकाबले को 3-1 से जीता था.

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वंदना के शानदार खेल की बदौलत ही भारतीय टीम ग्रुप ए का अपना आखिरी मुकाबला जीतने में सफल रही और क्वार्टर फाइनल की उम्मीदों को बरकरार रखा. भारतीय टीम ने अपने आखिरी ग्रुप मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से पटखनी दी. साथ ही भारतीय टीम ने टोक्यो ओलंपिक की अपनी दूसरी जीत हासिल की और ग्रुप में चौथे स्थान पर पहुंची.

दरअसल, अब भारत को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड के मैच पर निर्भर रहना पड़ेगा. नियमों के तहत हर ग्रुप से चार टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी, लेकिन फिलहाल भारतीय टीम अपने सभी मुकाबले खेलकर ग्रुप ए में चौथे स्थान पर है. जबकि ग्रेट ब्रिटेन चार मैच खेलकर तीसरे और आयरलैंड इतने ही मैच खेलकर पांचवें स्थान पर है.

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अब ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की टीमें ग्रुप का आखिरी मुकाबला खेलेंगी और एक दूसरे से भिड़ेंगी. इसमें अगर ब्रिटेन की टीम बाजी मारती है या मैच ड्रॉ खेलती है तो ऐसी स्थिति में भारत क्वार्टरफाइनल में पहुंचेगा. लेकिन आयरलैंड की जीत पर भारत ओलंपिक से बाहर हो जाएगा.

Last Updated : Jul 31, 2021, 6:34 PM IST
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