रुड़की: भले ही सरकारें हाईटेक होने का दम भर रही हों, लेकिन अभी भी हाईटेक टेक्नोलॉजी में हमारा सिस्टम काफी पीछे चल रहा है. सभी चीजों को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ तो दिया गया है, लेकिन ऑनलाइन सिस्टम परफेक्ट ना होने के कारण आमजन के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है. सरकार द्वारा सरकारी सस्ते गल्ले को भी हाईटेक किया गया है. राशन लेने वालों को हाईटेक सिस्टम से होकर गुजरना पड़ेगा, तभी उनको सरकारी राशन मिल पाएगा. लेकिन बिडम्बना ये है कि सिस्टम ही बिगड़ा होने के कारण गरीब लोग तन झुलसा देने वाली गर्मी को झेलने को मजबूर हैं और बिना राशन के वापस लौट रहे हैं.
बता दें कि जहां एक ओर गरीब लोगों को राशन देने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है, वहीं दूसरी ओर खाद्य विभाग की वेबसाइट ना चलने के कारण गरीब लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है. दरअसल बदलती तकनीक को लेकर फ्रिंगर प्रिंट लेने के बाद ही राशन डीलर लोगों को राशन देते हैं. लेकिन साइट ना चलने के कारण लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है. राशन की दुकान पर घंटों लोगों को कड़ी धूप में खड़े रहना पड़ता है. मंगलौर में राशन की सभी दुकानों पर सुबह से ही लोगों की भीड़ जमा होती है. राशन लेने सुबह से ही लोग अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं.
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वहीं राशन डीलर का कहना है कि खाद्य विभाग द्वारा राशन डीलरों को आदेशित किया गया है कि बिना बायोमैट्रिक के किसी भी व्यक्ति को राशन नहीं दिया जाएगा. खाद्य विभाग की वेबसाइट स्लो चलने के कारण राशन डीलर के साथ ही लोगों को भी समस्या झेलनी पड़ रही है.