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जहरीली शराब कांड: आश्वासन के बाद भी पीड़ित परिवारों को आज तक नहीं मिला मुआवजा, पड़े खाने के लाले

गौर हो कि पालनहार शराब कांड के पीड़ित परिवारों का कहना है घटना के वक्त बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन घटना के बाद से उनका हालचाल जानने कोई जनप्रतिनिधि नहीं आया. जिससे पीड़ित परिवारों में खासा आक्रोश है.

मीडिया से बात करती पीड़ित परिवार की महिला.
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Published : Apr 23, 2019, 6:30 PM IST

Updated : Apr 23, 2019, 8:20 PM IST

रुड़की: करीब 3 महीने पहले उत्तराखंड की सीमा से सटे बिंडुखड़क गांव के दर्जनों लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद भी पीड़ित परिवारों को आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. जिससे पीड़ित परिवारों में सरकार के खिलाफ खासा रोष है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि परिवार का भरण पोषण करने वालों की मौत के बाद उनके आगे रोजी-रोटी और बच्चों की फीस की समस्या खड़ी हो गई है.

गौर हो कि पालनहार शराब कांड के पीड़ित परिवारों का कहना है घटना के वक्त बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन घटना के बाद से उनका हालचाल जानने कोई जनप्रतिनिधि नहीं आया. जिससे पीड़ित परिवारों में खासा आक्रोश है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. वहीं उनकी आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है. जिससे उनके आगे परिवार चलाने और बच्चों की फीस की समस्या खड़ी हो गई है. वहीं आज बिंडुखेड़क गांव का हालात कर्फ्यू लगे जैसे हैं. बता दें कि लगभग 3 माह पहले उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे दर्जनभर गांवों में जहरीली शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. वहीं कई परिवार ऐसे है जिनके कमाने वाले तक नहीं बचे. इस घटना ने प्रदेश की सरकार तक को हिला कर रख दिया था.

पीड़ितों ने की मुआवजे की मांग.

उस समय विधानसभा सत्र भी चल रहा था, जिसमें मुख्यमंत्री ने विधायक खजानदास की अध्यक्षता में 5 विधायकों की एक एसआईटी टीम गठित की गई थी. वहीं, इस मामले की जांच भी कराई गई थी. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कई कैबिनेट मंत्रियों ने पीड़ित परिवारों को सहयोग करने का आश्वासन दिया था. प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान भी किया था. लेकिन अफसोस की बात है कि करीब 3 महीने बाद पीड़ित परिवारों को आज तक मुआवजा नहीं मिला. कई परिवार अभी तक इस सदमे से अभी तक उभर नहीं पाए हैं. इन परिवारों को सरकार से सहायता की उम्मीद आज भी है, लेकिन सरकार के आश्वासन हवा-हवाई साबित हो रहे हैं.

रुड़की: करीब 3 महीने पहले उत्तराखंड की सीमा से सटे बिंडुखड़क गांव के दर्जनों लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद भी पीड़ित परिवारों को आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. जिससे पीड़ित परिवारों में सरकार के खिलाफ खासा रोष है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि परिवार का भरण पोषण करने वालों की मौत के बाद उनके आगे रोजी-रोटी और बच्चों की फीस की समस्या खड़ी हो गई है.

गौर हो कि पालनहार शराब कांड के पीड़ित परिवारों का कहना है घटना के वक्त बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन घटना के बाद से उनका हालचाल जानने कोई जनप्रतिनिधि नहीं आया. जिससे पीड़ित परिवारों में खासा आक्रोश है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. वहीं उनकी आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है. जिससे उनके आगे परिवार चलाने और बच्चों की फीस की समस्या खड़ी हो गई है. वहीं आज बिंडुखेड़क गांव का हालात कर्फ्यू लगे जैसे हैं. बता दें कि लगभग 3 माह पहले उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे दर्जनभर गांवों में जहरीली शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. वहीं कई परिवार ऐसे है जिनके कमाने वाले तक नहीं बचे. इस घटना ने प्रदेश की सरकार तक को हिला कर रख दिया था.

पीड़ितों ने की मुआवजे की मांग.

उस समय विधानसभा सत्र भी चल रहा था, जिसमें मुख्यमंत्री ने विधायक खजानदास की अध्यक्षता में 5 विधायकों की एक एसआईटी टीम गठित की गई थी. वहीं, इस मामले की जांच भी कराई गई थी. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कई कैबिनेट मंत्रियों ने पीड़ित परिवारों को सहयोग करने का आश्वासन दिया था. प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान भी किया था. लेकिन अफसोस की बात है कि करीब 3 महीने बाद पीड़ित परिवारों को आज तक मुआवजा नहीं मिला. कई परिवार अभी तक इस सदमे से अभी तक उभर नहीं पाए हैं. इन परिवारों को सरकार से सहायता की उम्मीद आज भी है, लेकिन सरकार के आश्वासन हवा-हवाई साबित हो रहे हैं.

Intro:सरकार से उम्मीद

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israr ahmad


Body:लगभग 3 महीने पहले उत्तराखंड की सीमा से सटे बिंडुखड़क गांव के दर्जनों लोगों ने जहरीली शराब के कारण अपनी जिंदगी गवा दी थी जिन्हें सरकार द्वारा मुआवजा दिए जाने की बात कही गई थी लेकिन घटना के बाद ना तो पीड़ितों को मुआवजा मिला और ना ही सरकार का कोई नुमाइंदा उनके हालचाल जानने पहुंचे इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि गांव में कई परिवार ऐसे हैं जिनका पालनहार शराब कांड का शिकार होकर मौत की आगोश में सो गया और परिवार रोटी रोटी को मोहताज हो रहा है लेकिन बड़े बड़े दावे करने वाले जनप्रतिनिधि और प्रशासन के अधिकारी घटना को ऐसे भूल गए जैसे गधे के सर से सींग गायब हो जाते हैं पीड़ित परिवार आज भी भरी निगाहों से सरकार से मिलने वाले मुआवजे की राह देख रहे हैं लेकिन दूर दूर तक कोई उम्मीद का उजाला नजर नहीं आ रहा है हालात बद से बदतर हो चले हैं परिवारों के सामने रोजी-रोटी के संकट के साथ-साथ बच्चों की तालीम की चिंता भी सता रही है।

वही आज बिंडुखेड़क गांव का हाल यह है कि जैसे पूरे गांव में कर्फ्यू लगा हुआ हो आपको बता दें कि लगभग 3 माह पहले उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे दर्जनभर गांवों में जहरीली शराब के सेवन से सैकड़ों मोतें हो गई थी वही उत्तराखंड के बिंडुखड़क गांव में भी ज़हरीली शराब की चपेट में आने से दर्जनों लोग मौत की गहरी नींद सो गए थे कई परिवार ऐसे थे जिनमें खाने कमाने वाला भी नहीं बचा था इस घटना ने प्रदेश की सरकार तक को हिला कर रख दिया था उस समय विधानसभा सत्र भी चल रहा था जिसमें मुख्यमंत्री ने विधायक खजानदास की अध्यक्षता में 5 विधायकों की एक एसआईटी टीम गठित की गई थी वही इस मामले की घनता से जांच भी कराई गई थी लेकिन वह रिपोर्ट या जांच कहां किस ठंडे बस्ते में चली गई किसी को नहीं पता वही प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कई कैबिनेट मंत्रियों ने पीड़ित परिवारों को भरपूर सहयोग करने का आश्वासन दिया था प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने मृतकों के परिवार को दो दो लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान भी किया था लेकिन समय बीतता गया और सरकारी घोषणा हवा हवाई हो गई लगभग 3 माह बीत चुके है और पीड़ित परिवारों को सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिली हद तो तब हो गई जब प्रशासन के नुमाइंदों तक ने पीड़ितों के हाल-चाल जानने तक की जहमत गवारा नहीं की। कई परिवार इस सदमे से अभी तक उभर नहीं पाए हैं बिखरे परिवारों को सरकार से सहायता की उम्मीद आज भी है लेकिन सरकार का रवैया निराशाजनक साबित हो रहा है।

बाइट - ग्रामीण - 12345
वॉक थ्रू- इसरार अहमद


Conclusion:
Last Updated : Apr 23, 2019, 8:20 PM IST
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