रुड़की: करीब 3 महीने पहले उत्तराखंड की सीमा से सटे बिंडुखड़क गांव के दर्जनों लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद भी पीड़ित परिवारों को आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. जिससे पीड़ित परिवारों में सरकार के खिलाफ खासा रोष है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि परिवार का भरण पोषण करने वालों की मौत के बाद उनके आगे रोजी-रोटी और बच्चों की फीस की समस्या खड़ी हो गई है.
गौर हो कि पालनहार शराब कांड के पीड़ित परिवारों का कहना है घटना के वक्त बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन घटना के बाद से उनका हालचाल जानने कोई जनप्रतिनिधि नहीं आया. जिससे पीड़ित परिवारों में खासा आक्रोश है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें आज तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. वहीं उनकी आर्थिक स्थिति लगातार खराब हो रही है. जिससे उनके आगे परिवार चलाने और बच्चों की फीस की समस्या खड़ी हो गई है. वहीं आज बिंडुखेड़क गांव का हालात कर्फ्यू लगे जैसे हैं. बता दें कि लगभग 3 माह पहले उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे दर्जनभर गांवों में जहरीली शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. वहीं कई परिवार ऐसे है जिनके कमाने वाले तक नहीं बचे. इस घटना ने प्रदेश की सरकार तक को हिला कर रख दिया था.
उस समय विधानसभा सत्र भी चल रहा था, जिसमें मुख्यमंत्री ने विधायक खजानदास की अध्यक्षता में 5 विधायकों की एक एसआईटी टीम गठित की गई थी. वहीं, इस मामले की जांच भी कराई गई थी. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कई कैबिनेट मंत्रियों ने पीड़ित परिवारों को सहयोग करने का आश्वासन दिया था. प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान भी किया था. लेकिन अफसोस की बात है कि करीब 3 महीने बाद पीड़ित परिवारों को आज तक मुआवजा नहीं मिला. कई परिवार अभी तक इस सदमे से अभी तक उभर नहीं पाए हैं. इन परिवारों को सरकार से सहायता की उम्मीद आज भी है, लेकिन सरकार के आश्वासन हवा-हवाई साबित हो रहे हैं.