ऋषिकेश: एम्स से निष्कासित कर्मचारी अनिता भंडारी और मोनिका अपनी मांगों को लेकर 23 मार्च से आमरण अनशन पर बैठीं हैं. जिससे उनके स्वास्थ्य में आई गिरावट को देखते हुए प्रशासन ने दोनों अनशनकारियों को जबरन अस्पताल में भर्ती करा दिया. वहीं, इस दौरान प्रशासन को आदोलनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा.
बता दें कि एम्स से निष्कासित कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन कर रहें हैं. बावजूद इसके एम्स प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद 23 मार्च से अनिता और मोनिका आमरण अनशन पर बैठ गईं थी. वहीं, मंगलवार शाम दोनों की हालत खराब हो गई. जिस पर प्रशासन ने जबरन दोनों महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करा दिया. जिसके बाद अनिता और मोनिका की जगह कंचन और साधना ने ले ली है.
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गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष डॉ. राजे नेगी ने आंदोलनकारियों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर जल्द ही इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो एम्स प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक ओर जहां भाजपा सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है, वहीं बेटियों के साथ इस तरह का व्यवहार कर उनको नौकरी से हटाया जा रहा है. अब सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.