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ऋषिकेश: बाल अधिकारों के प्रति बच्चों को किया गया जागरुक

तीर्थनगरी के ऋषिकेश पब्लिक स्कूल में बाल संरक्षण में स्कूलों की भूमिका विषय पर भाषण प्रतियोगिता की गई. जिसमें कई बच्चों ने प्रतिभाग किया. विजेता रहे प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने सम्मानित किया.

बाल अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया भाषण प्रतियोगिता का आयोजन.
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Published : Oct 19, 2019, 8:11 PM IST

ऋषिकेश: स्कूली छात्रों में बाल संरक्षण की जानकारी को बढ़ाने के लिए 'बाल संरक्षण के लिए स्कूलों की भूमिका' विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें कई स्कूल के बच्चों ने प्रतिभाग किया. विजेता प्रतिभागियों को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने सम्मानित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी दें. जिससे कि बच्चों को इसके बारे में जागरुक किया जा सके.

बाल अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया भाषण प्रतियोगिता का आयोजन.

तीर्थनगरी के एक स्कूल में बाल संरक्षण में स्कूलों की भूमिका विषय पर भाषण प्रतियोगिता की गई. जिसमें कई बच्चों ने प्रतिभाग किया. विजेता रहे प्रतिभागी छात्र - छात्राओं को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने सम्मानित किया. उस दौरान उन्होंने स्कूल प्रबंधन, अध्यापकों व कार्यक्रम में मौजूद छात्र छात्राओं को मोबाइल फोन के दुरुपयोग के बारे में बताया.

पढ़ें-नैनीताल HC के आदेश पर राज्य चुनाव आयोग ने जारी किये दिशा-निर्देश, सरकार को भेजा प्रस्ताव

उषा नेगी ने कहा कि छात्र-छात्राएं मोबाइल फोन का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए करें. इसके साथ ही उन्होंने बाल संरक्षण के कई बिंदुओं को भी समझाया. उषा नेगी ने कहा कि बाल संरक्षण के लिए सभी स्कूलों की भूमिका बेहद अहम होती है. उन्होंने कहा कि आज के समय में जिस तरह से बच्चे सड़कों पर भिक्षावृति करते दिखाई दे रहे हैं, यह बेहद चिंता का विषय है. सभी लोगों को बाल भिक्षा वृति को खत्म करने के लिए काम करना चाहिए.

ऋषिकेश: स्कूली छात्रों में बाल संरक्षण की जानकारी को बढ़ाने के लिए 'बाल संरक्षण के लिए स्कूलों की भूमिका' विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें कई स्कूल के बच्चों ने प्रतिभाग किया. विजेता प्रतिभागियों को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने सम्मानित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी दें. जिससे कि बच्चों को इसके बारे में जागरुक किया जा सके.

बाल अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया भाषण प्रतियोगिता का आयोजन.

तीर्थनगरी के एक स्कूल में बाल संरक्षण में स्कूलों की भूमिका विषय पर भाषण प्रतियोगिता की गई. जिसमें कई बच्चों ने प्रतिभाग किया. विजेता रहे प्रतिभागी छात्र - छात्राओं को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने सम्मानित किया. उस दौरान उन्होंने स्कूल प्रबंधन, अध्यापकों व कार्यक्रम में मौजूद छात्र छात्राओं को मोबाइल फोन के दुरुपयोग के बारे में बताया.

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उषा नेगी ने कहा कि छात्र-छात्राएं मोबाइल फोन का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए करें. इसके साथ ही उन्होंने बाल संरक्षण के कई बिंदुओं को भी समझाया. उषा नेगी ने कहा कि बाल संरक्षण के लिए सभी स्कूलों की भूमिका बेहद अहम होती है. उन्होंने कहा कि आज के समय में जिस तरह से बच्चे सड़कों पर भिक्षावृति करते दिखाई दे रहे हैं, यह बेहद चिंता का विषय है. सभी लोगों को बाल भिक्षा वृति को खत्म करने के लिए काम करना चाहिए.

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ऋषिकेश--ऋषिकेश पब्लिक स्कूल मैं "बाल संरक्षण के लिए स्कूलों की भूमिका " विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  जिसमें कई स्कूल के बच्चों ने प्रतिभाग किया । विजेता रहे प्रतिभागियों को बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष उषा नेगी ने सम्मानित किया वह स्कूल प्रबंधन व छात्र छात्राओं को कहीं पहले समझाएं जो कि मोबाइल के बढ़ते दुर्रप्रयोग को रोककर मोबाइल व इंटरनेट से पढ़ाई - ज्ञान संबंधी बातें अर्जित करने की बातें समझाई


Body:वी/ओ--तीर्थनगरी ऋषिकेश के ऋषिकेश पब्लिक स्कूल में बाल संरक्षण में स्कूलों की भूमिका विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें कई स्कूल के बच्चों ने प्रतिभाग किया विजेता रहे। प्रतिभागी छात्र - छात्राओं को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने सम्मानित किया व अपने अभिवादन में स्कूल प्रबंधन अध्यापक व कार्यक्रम में मौजूद छात्र छात्राओं को मोबाइल फोन का हो रहे दुरुपयोग को रोककर मोबाइल व इंटरनेट का पढ़ाई हेतु उपयोग करने की बात कही। साथ ही बाल संरक्षण के लिए कई बिंदुओं पर परिवार व स्कूल की अलग-अलग जिम्मेदारियों को समझाया।


Conclusion:वी/ओ--उषा नेगी ने कहा कि बाल संरक्षण के लिए सभी स्कूलों की भूमिका बेहद अहम होती है,उन्होंने कहा कि आज के समय मे जिस तरह से बच्चे सड़कों पर भिक्षा वृति करते दिखाई दे रहे हैं यह बेहद चिंता का विषय है सभी लोगों को बाल भिक्षा वृति को लेकर बच्चों के माता पिता को जागरूक करना चाहिए कि बच्चों भिक्षा नही शिक्षा दें ताकि आगे चलकर ये बच्चे अपना और परिवार का भविष्य संवार सके।

बाईट--उषा नेगी(बाल संरक्षण आयोग,अध्यक्ष)
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