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तीर्थनगरी में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां शुरू, देश-विदेश से पहुंचेंगे करोड़ों योग साधक

ऋषिकेश में 300 से अधिक योग स्कूल और प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. यहां पर बड़ी संख्या में भारत ही नहीं बल्कि विदेशी भी योग की शिक्षा ग्रहण करने के बाद अलग-अलग स्थानों पर जाकर योग की शिक्षा को बांट रहे हैं. ऋषिकेश में 12 महीने से लगातार योग जिज्ञासु पहुंचते रहते हैं यहां पर कई ऐसे संस्थान हैं जो योग का कोर्स कराने के बाद सर्टिफिकेट प्रोवाइड कर आते हैं.

तीर्थनगरी में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां शुरू.
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Published : Jun 15, 2019, 9:12 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश योगा हब बन चुका है. यहां भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के योग साधक योग शिक्षा लेने के लिए पहुंचते हैं. यही कारण है कि ऋषिकेश योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी बनाई गई है. इसलिए तीर्थनगरी में आने वाले अंतराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां अभी से शुरू हो गई है.


महर्षि महेश योगी को माना जाता है योग का जन्मादाता
योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी ऋषिकेश में योग के जन्मदाता के रूप में प्रसिद्ध योग गुरु महर्षि महेश योगी को माना जाता है. महर्षि महेश योगी ने रामझूला के पास स्वर्गाश्रम क्षेत्र के शंकराचार्य नगर में बनाई अपनी चौरासी कुटिया में बड़ी संख्या में विदेशियों को योग की शिक्षा दिया करते थे. महर्षि महेश योगी की वजह से ही ऋषिकेश ने योग के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई. आज ऋषिकेश विश्व पटल पर योग की वजह से जानी जाती है. महर्षि महेश योगी ने ही भारत की प्राचीन विधा योग को विदेशों तक पहुंचाया. जिसके बाद से यहां पर लगातार विदेशी योग साधक योग सीखने के लिए पहुंचते हैं.

पढ़ें- गुप्ता बंधुओं के शादी समारोह पर आध्यात्मिक गुरू अवधेशानंद का बयान, बोले- शादी से राज्य का होगा फायदा


योग स्कूल और प्रशिक्षण केंद्र में पहुंचते हैं देश-विदेश से लोग
ऋषिकेश में 300 से अधिक योग स्कूल और प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. यहां पर बड़ी संख्या में भारत ही नहीं बल्कि विदेशी भी योग की शिक्षा ग्रहण करने के बाद अलग-अलग स्थानों पर जाकर योग की शिक्षा को बांट रहे हैं. ऋषिकेश में 12 महीने से लगातार योग जिज्ञासु पहुंचते रहते हैं यहां पर कई ऐसे संस्थान हैं जो योग का कोर्स कराने के बाद सर्टिफिकेट प्रोवाइड कर आते हैं. जिसको लेकर योग शिक्षक अपने अपने देशों में जाकर योग की प्राचीन विधाओं से लोगों को रूबरू करवाते हैं.

तीर्थनगरी में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां शुरू.


योग महोत्सव का आयोजन
योग नगरी ऋषिकेश में हर वर्ष 1 से 7 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया जाता है. यह आयोजन सरकार के साथ-साथ कई व्यक्तिगत संस्था भी आयोजित करती हैं. 1 सप्ताह तक चलने वाले इस योग महोत्सव में हजारों लोग प्रतिभाग करते हैं. साथ ही यहां पर भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी योग गुरु यहां आकर योग साधकों को योग विधाओं से रूबरू करवाते हुए योग की शिक्षा देते हैं.


विश्व योग दिवस पर आयोजन
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के बाद विश्व योग दिवस के रूप में 1 जून को मनाए जाने वाले दिन भी ऋषिकेश में कई स्थानों पर आयोजन किए जाते हैं. जहां पर अलग-अलग देशों के योग साधक पहुंचते हैं.


योग के लाभ
योग की शिक्षा देने वाले योगाचार्य बताते हैं कि योग करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और योग करने वाले को हॉस्पिटल या डॉक्टर के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि योग की शिक्षा लेने वालों में बड़ी संख्या में युवा योग साधक है जो योग सीखने के बाद योग की शिक्षा देने के लिए विदेशों तक भी जाते हैं. आज योग स्वस्थ रहने के साथ-साथ रोजगार का भी एक प्रमुख साधन बन गया है. अकेले ऋषिकेश से ही बड़ी संख्या में युवा योग सीखने के बाद विदेशों में योग सीखा रहे हैं.

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश योगा हब बन चुका है. यहां भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के योग साधक योग शिक्षा लेने के लिए पहुंचते हैं. यही कारण है कि ऋषिकेश योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी बनाई गई है. इसलिए तीर्थनगरी में आने वाले अंतराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां अभी से शुरू हो गई है.


महर्षि महेश योगी को माना जाता है योग का जन्मादाता
योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी ऋषिकेश में योग के जन्मदाता के रूप में प्रसिद्ध योग गुरु महर्षि महेश योगी को माना जाता है. महर्षि महेश योगी ने रामझूला के पास स्वर्गाश्रम क्षेत्र के शंकराचार्य नगर में बनाई अपनी चौरासी कुटिया में बड़ी संख्या में विदेशियों को योग की शिक्षा दिया करते थे. महर्षि महेश योगी की वजह से ही ऋषिकेश ने योग के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई. आज ऋषिकेश विश्व पटल पर योग की वजह से जानी जाती है. महर्षि महेश योगी ने ही भारत की प्राचीन विधा योग को विदेशों तक पहुंचाया. जिसके बाद से यहां पर लगातार विदेशी योग साधक योग सीखने के लिए पहुंचते हैं.

पढ़ें- गुप्ता बंधुओं के शादी समारोह पर आध्यात्मिक गुरू अवधेशानंद का बयान, बोले- शादी से राज्य का होगा फायदा


योग स्कूल और प्रशिक्षण केंद्र में पहुंचते हैं देश-विदेश से लोग
ऋषिकेश में 300 से अधिक योग स्कूल और प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. यहां पर बड़ी संख्या में भारत ही नहीं बल्कि विदेशी भी योग की शिक्षा ग्रहण करने के बाद अलग-अलग स्थानों पर जाकर योग की शिक्षा को बांट रहे हैं. ऋषिकेश में 12 महीने से लगातार योग जिज्ञासु पहुंचते रहते हैं यहां पर कई ऐसे संस्थान हैं जो योग का कोर्स कराने के बाद सर्टिफिकेट प्रोवाइड कर आते हैं. जिसको लेकर योग शिक्षक अपने अपने देशों में जाकर योग की प्राचीन विधाओं से लोगों को रूबरू करवाते हैं.

तीर्थनगरी में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां शुरू.


योग महोत्सव का आयोजन
योग नगरी ऋषिकेश में हर वर्ष 1 से 7 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया जाता है. यह आयोजन सरकार के साथ-साथ कई व्यक्तिगत संस्था भी आयोजित करती हैं. 1 सप्ताह तक चलने वाले इस योग महोत्सव में हजारों लोग प्रतिभाग करते हैं. साथ ही यहां पर भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी योग गुरु यहां आकर योग साधकों को योग विधाओं से रूबरू करवाते हुए योग की शिक्षा देते हैं.


विश्व योग दिवस पर आयोजन
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के बाद विश्व योग दिवस के रूप में 1 जून को मनाए जाने वाले दिन भी ऋषिकेश में कई स्थानों पर आयोजन किए जाते हैं. जहां पर अलग-अलग देशों के योग साधक पहुंचते हैं.


योग के लाभ
योग की शिक्षा देने वाले योगाचार्य बताते हैं कि योग करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और योग करने वाले को हॉस्पिटल या डॉक्टर के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि योग की शिक्षा लेने वालों में बड़ी संख्या में युवा योग साधक है जो योग सीखने के बाद योग की शिक्षा देने के लिए विदेशों तक भी जाते हैं. आज योग स्वस्थ रहने के साथ-साथ रोजगार का भी एक प्रमुख साधन बन गया है. अकेले ऋषिकेश से ही बड़ी संख्या में युवा योग सीखने के बाद विदेशों में योग सीखा रहे हैं.

Intro:summary-योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी के रूप में विख्यात ऋषिकेश न केवल रोजगार बल्कि व्यवसाय में भी बेहद सहयोगी साबित हो रहा है। ऋषिकेश-- तीर्थ नगरी के साथ साथ योग नगरी के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुका है ऋषिकेश यहां पर भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के योग साधक यहां पर योग शिक्षा के लिए पहुंचते हैं यही कारण है कि ऋषिकेश को योग कि अंतरराष्ट्रीय राजधानी बनाई गई है।


Body:वी/ओ-- योग की अंतर राष्ट्रीय राजधानी ऋषिकेश में योग के जन्मदाता के रूप में प्रसिद्ध योग गुरु महर्षि महेश योगी को माना जाता है महर्षि महेश योगी ने राम झूला के पास स्वर्गाश्रम क्षेत्र के शंकराचार्य नगर में बनाई अपनी चौरासी कुटिया में बड़ी संख्या में विदेशियों को योग की शिक्षा दिया करते थे महर्षि महेश योगी की वजह से ही ऋषिकेश ने योग के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई आज ऋषिकेश विश्व पटल पर योग की वजह से जानी जाती है, महर्षि महेश योगी ने ही भारत की प्राचीन विधा योग को विदेशों तक पहुंचाया जिसके बाद से यहां पर लगातार विदेशी योग साधक योग सीखने के लिए पहुंचते हैं। आपको बता दें कि ऋषिकेश में 300 से अधिक योग स्कूल व प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं यहां पर बड़ी संख्या में भारत ही नहीं बल्कि विदेशी भी योग की शिक्षा ग्रहण करने के बाद अलग-अलग स्थानों पर जाकर योग की शिक्षा को बांट रहे हैं, ऋषिकेश में 12 महीने लगातार योग जिज्ञासु पहुंचते रहते हैं, यहां पर कई ऐसे संस्थान हैं जो योग का कोर्स कराने के बाद सर्टिफिकेट प्रोवाइड कर आते हैं जिसको लेकर योग शिक्षक अपने अपने देशों में जाकर योग की प्राचीन विधाओं से लोगों को रूबरू करवाते हैं। योग नगरी ऋषिकेश में हर वर्ष 1 से 7 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया जाता है यह आयोजन सरकार के साथ-साथ कई व्यक्तिगत संस्था भी आयोजित करती है 1 सप्ताह तक चलने वाले इस योग महोत्सव में हजारों लोग प्रतिभाग करते हैं साथ ही यहां पर भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी योग गुरु यहां आकर योग साधकों को योग की प्राचीन विधाओं से रूबरू करवाते हुए योग की शिक्षा देते हैं इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के बाद विश्व योग दिवस के रूप में 1 जून को मनाए जाने वाले दिन भी ऋषिकेश में कई स्थानों पर आयोजन किए जाते हैं जहां पर अलग-अलग देशों के योग साधक पहुंचते हैं। योग की शिक्षा देने वाले योगाचार्य बताते हैं कि योग करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और योग करने वाले को हॉस्पिटल या डॉक्टर के चक्कर नहीं काटने पड़ते साथ ही उन्होंने बताया कि योग की शिक्षा लेने वालों में बड़ी संख्या में युवा योग साधक है जो योग सीखने के बाद योग की शिक्षा देने के लिए विदेशों तक भी जाते हैं आज योग स्वस्थ रहने के साथ-साथ रोजगार का भी एक प्रमुख साधन बन गया है अकेले ऋषिकेश से ही बड़ी संख्या में युवा योग सीखने के बाद विदेशों में योग का ज्ञान बांट रहे हैं,योग की शिक्षा लेने वाले योग साधक का कहना है कि योग करने से शरीर स्वस्थ रहता ही है साथ ही उनको रोजगार भी मिल रहा है। जहां योग लोगों के लिए स्वस्थ रहने के साथ-साथ रोजगार का साधन बन रहा है इसके साथ ही योग के प्रति बढ़ते आकर्षण के कारण बड़ी संख्या में पहुंच रहे भारतीय व विदेशी पर्यटकों से यहां का व्यवसाय भी काफी अच्छा चल रहा है होटल व्यवसाई हो या फिर परिवहन व्यवसाई या फिर छोटे-मोटे व्यवसाय सभी को किसी न किसी रूप में इसका फायदा मिल रहा है अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के समय ऋषिकेश के सभी होटल आश्रम पूरी तरह से तक हो जाते हैं,पर्यटकों के आने छोटे मोटे ऑटो और विक्रम स्वामियों को भी इसका काफी लाभ मिलता है।


Conclusion:वी/ओ-- तीर्थ नगरी ऋषिकेश योगा का हब बन चुका है यहां पर बड़ी संख्या में योग साधक योग शिक्षा के लिए पहुंच गए हैं साथी ऋषिकेश में आए दिन अलग-अलग स्थानों पर योग को लेकर कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जहां पहुंचकर योग साधक योग की शिक्षा ग्रहण करते हैं। बाईट--राजीव चौधरी(स्थानीय निवासी) बाईट--गोविंद भारद्वाज(योगाचार्य) बाईट--दीवान सिंह चौहान(व्यवसाई) बाईट--आरती मित्तल(योग साधक) पीटीसी--विनय पाण्डेय ऋषिकेश
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