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पीरूमदारा में स्टोन क्रशर मालिक और व्यवसायी पर केस दर्ज, चौकी इंचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन - धारा 107 116

रामनगर में पीरूमदारा चौकी इंचार्ज के खिलाफ ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया. व्यवसायी सतनाम सिंह और समरपाल सिंह नाम के स्टोर क्रशर मालिक के पक्ष में ग्रामीण प्रदर्शन करने आए थे. सतनाम सिंह का आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने उनके खिलाफ झूठा मुकदमा लिखवा दिया है. उधर चौकी इंचार्ज का कहना है कि कार्रवाई निष्पक्ष है.

Protest of villagers in Pirumdara
रामनगर में प्रदर्शन
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Published : Jun 10, 2022, 9:50 AM IST

Updated : Jun 10, 2022, 11:38 AM IST

रामनगर: पिरूमदारा क्षेत्र के प्रमुख व्यवसाई सतनाम सिंह और स्टोन क्रशर स्वामी समरपाल सिंह के खिलाफ 107/116 की कार्रवाई की गई है. सतनाम सिंह का आरोप है कि पीरूमदारा चौकी इंचार्ज द्वारा बिना कोई जांच किए उनके खिलाफ 107/116 की कार्रवाई की गई है.

पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ग्रामीणों ने चौकी पहुंचकर चौकी इंचार्ज राजेश जोशी को हटाने की मांग की है. मांग पूरी ना होने पर ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है. सतनाम सिंह द्वारा बताया गया कि उनके क्षेत्र में उदयपुरी बंदोबस्ती इलाके में कुछ दिन पूर्व विवाद हुआ था. जिसके बाद कुछ लोगों ने उनके खिलाफ तथा समरपाल सिंह के खिलाफ चौकी पुलिस को तहरीर दी थी.

पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप

सतनाम सिंह का चौकी इंचार्ज पर आरोप: सतनाम सिंह का आरोप है कि चौकी पुलिस द्वारा बिना कोई जांच किए दबाव में आकर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. जिससे उनकी मान मर्यादा को ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ हुई इस कार्रवाई का ग्रामीणों ने भी विरोध किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि चौकी इंचार्ज को पीरूमदारा से नहीं हटाया गया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे.
ये भी पढ़ें: चारधाम मार्गों पर पशुपालन विभाग का एक्शन, अब तक पशु क्रूरता को लेकर 9 मुकदमे दर्ज

चौकी इंचार्ज राजेश जोशी का बयान: वहीं मामले में चौकी इंचार्ज राजेश जोशी ने बताया कि उदयपुरी बंदोबस्ती में स्टोन क्रशर लगाने को लेकर दो पक्षों का विवाद चल रहा था. यह मामला हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किसी भी व्यक्ति के दबाव में आकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. गांव में शांति व्यवस्था बनी रहे, इसको लेकर उनके द्वारा दोनों पक्षों के खिलाफ यह कानूनी कार्रवाई की गई है. चौकी इंचार्ज राजेश जोशी ने ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है.

107/116 धारा क्या है: किसी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति से अगर कोई ऐसी आशंका है कि वह उससे झगड़ा करने को उतारू हो रहा है या उससे कभी झगड़ा कर सकता है या झगड़े करने वाला है. ऐसे व्यक्ति को धारा 107/116 के अंतर्गत कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा पाबंद करवाया जा सकता है. दोनों पक्षों द्वारा अपने क्षेत्राधिकार वाले पुलिस थाने-चौकी में शिकायत दर्ज करवा दी जाती है. उसके पश्चात पुलिस द्वारा दोनों पक्षों को धारा 107, 116 CRPC के तहत पाबंद कर दिया जाता है और मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है. यह धारा जमानती है धारा होती है. इसमें आसानी से जमानत किसी भी व्यक्ति को मिल जाती है. धारा 107, 116 CRPC के तहत जब किसी व्यक्ति को पाबंद किया जाता है तो न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष नहीं प्रस्तुत किया जाता बल्कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट इस मामले की सुनवाई करते हैं. वहां से आपको जमानत पर छोड़ दिया जाता है.
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रामनगर: पिरूमदारा क्षेत्र के प्रमुख व्यवसाई सतनाम सिंह और स्टोन क्रशर स्वामी समरपाल सिंह के खिलाफ 107/116 की कार्रवाई की गई है. सतनाम सिंह का आरोप है कि पीरूमदारा चौकी इंचार्ज द्वारा बिना कोई जांच किए उनके खिलाफ 107/116 की कार्रवाई की गई है.

पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ग्रामीणों ने चौकी पहुंचकर चौकी इंचार्ज राजेश जोशी को हटाने की मांग की है. मांग पूरी ना होने पर ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है. सतनाम सिंह द्वारा बताया गया कि उनके क्षेत्र में उदयपुरी बंदोबस्ती इलाके में कुछ दिन पूर्व विवाद हुआ था. जिसके बाद कुछ लोगों ने उनके खिलाफ तथा समरपाल सिंह के खिलाफ चौकी पुलिस को तहरीर दी थी.

पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप

सतनाम सिंह का चौकी इंचार्ज पर आरोप: सतनाम सिंह का आरोप है कि चौकी पुलिस द्वारा बिना कोई जांच किए दबाव में आकर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. जिससे उनकी मान मर्यादा को ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ हुई इस कार्रवाई का ग्रामीणों ने भी विरोध किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि चौकी इंचार्ज को पीरूमदारा से नहीं हटाया गया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे.
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चौकी इंचार्ज राजेश जोशी का बयान: वहीं मामले में चौकी इंचार्ज राजेश जोशी ने बताया कि उदयपुरी बंदोबस्ती में स्टोन क्रशर लगाने को लेकर दो पक्षों का विवाद चल रहा था. यह मामला हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किसी भी व्यक्ति के दबाव में आकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. गांव में शांति व्यवस्था बनी रहे, इसको लेकर उनके द्वारा दोनों पक्षों के खिलाफ यह कानूनी कार्रवाई की गई है. चौकी इंचार्ज राजेश जोशी ने ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है.

107/116 धारा क्या है: किसी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति से अगर कोई ऐसी आशंका है कि वह उससे झगड़ा करने को उतारू हो रहा है या उससे कभी झगड़ा कर सकता है या झगड़े करने वाला है. ऐसे व्यक्ति को धारा 107/116 के अंतर्गत कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा पाबंद करवाया जा सकता है. दोनों पक्षों द्वारा अपने क्षेत्राधिकार वाले पुलिस थाने-चौकी में शिकायत दर्ज करवा दी जाती है. उसके पश्चात पुलिस द्वारा दोनों पक्षों को धारा 107, 116 CRPC के तहत पाबंद कर दिया जाता है और मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है. यह धारा जमानती है धारा होती है. इसमें आसानी से जमानत किसी भी व्यक्ति को मिल जाती है. धारा 107, 116 CRPC के तहत जब किसी व्यक्ति को पाबंद किया जाता है तो न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष नहीं प्रस्तुत किया जाता बल्कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट इस मामले की सुनवाई करते हैं. वहां से आपको जमानत पर छोड़ दिया जाता है.
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Last Updated : Jun 10, 2022, 11:38 AM IST
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