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गांव में बिजली नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

सुंदरखाल और वेलघट्टी गांव में बिजली की सुविधा न होने के चलते ग्रामीणों ने शुक्रवार को तहसील परिसर में प्रदर्शन किया. इस मौके पर ग्रामीणों ने 'बिजली-पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा लगाया.

ग्रामीणों ने किया धरना प्रदर्शन.
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Published : Mar 1, 2019, 11:59 PM IST

रामनगर: सुंदरखाल और वेलघट्टी गांव में बिजली की सुविधा न होने के चलते ग्रामीणों ने शुक्रवार को तहसील परिसर में प्रदर्शन किया. इस मौके पर ग्रामीणों ने 'बिजली-पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा लगाया. साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वे आगामी लोकसभा का चुनाव का बहिष्कार करेंगे. इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने मांगे पूरी न किए जाने पर आत्मदाह की धमकी दी और कहा कि इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

ग्रामीणों ने किया धरना प्रदर्शन.

बता दें कि ग्रामीण प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत गांव में बिजली न पहुंचने से नाराज थे. जिसके चलते ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने बताया कि सौभाग्य योजना के अंतर्गत एक साल पहले बिजली के खम्बे खड़े कर दिए गये थे. बावजूद इसके अभी तक इन खम्बो में तारें नहीं डाली गयी हैं. साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इस योजना के तहत मिलने वाले सोलर किट से भी वंचित रखा गया है.

पढ़ें:ऋषिकेश: आयकर विभाग की छापेमारी से व्यापारियों में मचा हड़कंप

ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि चुनावों से पहले उन्हें सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली नहीं दी गयी तो वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. वहीं मौके पर मौजूद एक प्रदर्शकारी का कहना था कि अगर 20 मार्च से पहले उसके गांव में बिजली नहीं पहुंची तो वो तहसील परिसर में खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह कर लेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

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रामनगर: सुंदरखाल और वेलघट्टी गांव में बिजली की सुविधा न होने के चलते ग्रामीणों ने शुक्रवार को तहसील परिसर में प्रदर्शन किया. इस मौके पर ग्रामीणों ने 'बिजली-पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा लगाया. साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वे आगामी लोकसभा का चुनाव का बहिष्कार करेंगे. इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने मांगे पूरी न किए जाने पर आत्मदाह की धमकी दी और कहा कि इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

ग्रामीणों ने किया धरना प्रदर्शन.

बता दें कि ग्रामीण प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत गांव में बिजली न पहुंचने से नाराज थे. जिसके चलते ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने बताया कि सौभाग्य योजना के अंतर्गत एक साल पहले बिजली के खम्बे खड़े कर दिए गये थे. बावजूद इसके अभी तक इन खम्बो में तारें नहीं डाली गयी हैं. साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इस योजना के तहत मिलने वाले सोलर किट से भी वंचित रखा गया है.

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ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि चुनावों से पहले उन्हें सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली नहीं दी गयी तो वे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. वहीं मौके पर मौजूद एक प्रदर्शकारी का कहना था कि अगर 20 मार्च से पहले उसके गांव में बिजली नहीं पहुंची तो वो तहसील परिसर में खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह कर लेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

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Intro:एंकर-रामनगर के सुन्दरखाल व देविचौड़ और वेलघट्टी वन ग्रामो के ग्रामीणों ने शुक्रवार को तहसील परिसर में धरना दिया।अपनी माँगे पूरी न होने पर आगमी संसदीय चुनाव का बहिष्कार और आत्मदाह की धमकी दे डाली।


Body:वीओ-1-रामनगर के सुन्दरखाल व देविचौड़ और वेलघट्टी वन ग्रामो के ग्रामीणों एकत्रित होकर वनग्राम विकास समिति के बैनर तले तहसील परिसर में धरना दिया।उपरोक्त गाँवो में प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत गांवो में बिजली न देने से नाराज़ ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया।ग्रामीणों की माने तो उन्हें प्रशासन ने क्यो अंधेरे में रख रखा है जबकि वन्य वनग्रामो को सोलर किट प्रदान करके गांवो को रोशन कर दिया गया है।लेकिन उनके गाँवो के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।सुन्दरखाल और देविचौड़ गाँव मे सौभाग्य योजना के अंतर्गत एक वर्ष पूर्व बिजली के खम्बे खड़े कर दिए गये।बावजूद इसके उन खम्बो में अभी तक तारे नही डाली गयी है।इसके अलावा उन्हें इस योजना के तहत सोलर किट से भी वंचित रखा गया है।ग्रामीणों ने शासन प्रशासन को चेताते हुए घोषणा की है कि यदि चुनावो से पहले उन्हें सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली नही दी गयी तो वह लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे,और चुनाव में कई भी ग्रामीण मतदान करने नही जायेगा।

बाइट-एस लाल(प्रदर्शनकारी,ग्रामीण)

वीओ-2-वहीं शासन प्रशासन के रवैये से क्षुब्ध सुन्दरखाल निवासी खीमा नन्द ने धमकी देते हुए कहा कि यदि उनके 20 मार्च से पहले उनके गाँव मे बिजली नही पहुँची तो वह तहसील 20 मार्च को तहसील परिसर में पेट्रोल छिड़क कर आत्मदाह करेगा।जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

बाइट-2-खीमा नन्द(प्रदर्शनकारी ग्रामीण)

एफवीओ-आजादी के बाद से तीनो वन ग्राम समस्या से जूझ रहे है।शासन प्रशासन इनके साथ दौहरा व्यवहार करते आया है।जिन वन ग्रामो में बिजली के खम्बे जाने की सुविधा नही थी उन्हें सोलर किट दे दी गयी और इन तीनो गाँवो को इस सुविधा से भी वंचित रखा गया।अब ग्रामीण तंग आ चुके है औऱ शासन प्रशासन से आर पार की लड़ाई को मूड बना चुके है।जिसका एक उदाहरण चुनाव बहिष्कार और आत्मदाह की चेतावनी है।शासन प्रशासन को गम्भीरता से इनकी माँगो को सुनना पड़ेगा।



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