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कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर वापस लौटा तीसरा जत्था, KMVN और ITBP को कहा शुक्रिया - Kailash Mansarovar Yatra

कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गया तीसरा दल बुधवार को वापस पिथौरागढ़ लौट आया है. इस दल में 17 महिला समेत कुल 56 तीर्थयात्री शामिल हैं. सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन कर खासे उत्साहित हैं.

कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर वापस लौटा तीसरा जत्था.
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Published : Jul 10, 2019, 7:40 PM IST

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए यात्रियों का तीसरा जत्था बुधवार को पिथौरागढ़ लौट आया है. यात्रियों का दल आज जागेश्वर धाम में रात्रि विश्राम करने के बाद कल दिल्ली के लिए रवाना होगा. इस दल में 17 महिला समेत कुल 56 तीर्थयात्री शामिल हैं. सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन कर खासे उत्साहित हैं.

कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर वापस लौटा तीसरा जत्था.

कैलाश मानसरोवर की दुर्गम यात्रा कर वापस लौटे यात्रियों के तीसरे दल का पिथौरागढ़ में जोरदार स्वागत किया गया. इस मौके पर सभी यात्रियों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी ली.
तीर्थयात्री मीनाक्षी ने बताया कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन करना उनके जीवन का सबसे सुखद अनुभव रहा, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. साथ ही कहा कि हर व्यक्ति को जीवन में एक बार कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जरूर जाना चाहिए.

ये भी पढ़े: सतपाल महाराज ने की केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मुलाकात, 15 जलाशयों के लिए मांगी मदद

तीर्थयात्री विजय शंकर शर्मा ने बताया कि यह यात्रा भारत और चीन के रिश्तों को बेहतर बनाने का काम कर रही है. साथ ही इससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बढ़ रहा है.
साथ ही यात्रा के सफल संचालन के लिए यात्रियों ने केएमवीएन और आईटीबीपी का शुक्रिया अदा किया.

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए यात्रियों का तीसरा जत्था बुधवार को पिथौरागढ़ लौट आया है. यात्रियों का दल आज जागेश्वर धाम में रात्रि विश्राम करने के बाद कल दिल्ली के लिए रवाना होगा. इस दल में 17 महिला समेत कुल 56 तीर्थयात्री शामिल हैं. सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन कर खासे उत्साहित हैं.

कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर वापस लौटा तीसरा जत्था.

कैलाश मानसरोवर की दुर्गम यात्रा कर वापस लौटे यात्रियों के तीसरे दल का पिथौरागढ़ में जोरदार स्वागत किया गया. इस मौके पर सभी यात्रियों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी ली.
तीर्थयात्री मीनाक्षी ने बताया कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन करना उनके जीवन का सबसे सुखद अनुभव रहा, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. साथ ही कहा कि हर व्यक्ति को जीवन में एक बार कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जरूर जाना चाहिए.

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तीर्थयात्री विजय शंकर शर्मा ने बताया कि यह यात्रा भारत और चीन के रिश्तों को बेहतर बनाने का काम कर रही है. साथ ही इससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बढ़ रहा है.
साथ ही यात्रा के सफल संचालन के लिए यात्रियों ने केएमवीएन और आईटीबीपी का शुक्रिया अदा किया.

Intro:पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर यात्रियों का तीसरा दल जत्था पिथौरागढ़ लौट आया है। ये दल आज जागेश्वर धाम में रात्रिविश्राम करने के बाद कल दिल्ली के लिए रवाना होगा। दल में 17 महिलाओं समेत कुल 56 तीर्थयात्री शामिल है। सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन कर खासे उत्साहित है।

विश्व की सबसे दुर्गम यात्रा पूरी कर वापस लौटे तीसरे यात्री दल का पिथौरागढ़ में जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर सभी यात्रियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई। तीर्थयात्रियों का कहना है कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन करना उनके जीवन का सबसे सुखद अनुभव रहा जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। हर व्यक्ति को जीवन मे एक बार कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जरूर जाना चाहिए। साथ ही यात्रियों ने कहा कि ये यात्रा भारत और चीन दोनों मुल्कों के रिश्तों को बेहतर बनाने का काम कर रही है। साथ ही इससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बढ़ रहा है।
यात्रियों ने यात्रा के सफल संचालन के लिए केएमवीएन और आईटीबीपी का शुक्रिया अदा किया।
Byte1: मीनाक्षी, तीर्थयात्री (दिल्ली)
Byte2: विजय शंकर शर्मा, तीर्थयात्री (यूपी)



Body:पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर यात्रियों का तीसरा दल जत्था पिथौरागढ़ लौट आया है। ये दल आज जागेश्वर धाम में रात्रिविश्राम करने के बाद कल दिल्ली के लिए रवाना होगा। दल में 17 महिलाओं समेत कुल 56 तीर्थयात्री शामिल है। सभी तीर्थयात्री पवित्र कैलाश और मानसरोवर झील के दर्शन कर खासे उत्साहित है।

विश्व की सबसे दुर्गम यात्रा पूरी कर वापस लौटे तीसरे यात्री दल का पिथौरागढ़ में जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर सभी यात्रियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई। तीर्थयात्रियों का कहना है कि कैलाश मानसरोवर के दर्शन करना उनके जीवन का सबसे सुखद अनुभव रहा जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। हर व्यक्ति को जीवन मे एक बार कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जरूर जाना चाहिए। साथ ही यात्रियों ने कहा कि ये यात्रा भारत और चीन दोनों मुल्कों के रिश्तों को बेहतर बनाने का काम कर रही है। साथ ही इससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी बढ़ रहा है।
यात्रियों ने यात्रा के सफल संचालन के लिए केएमवीएन और आईटीबीपी का शुक्रिया अदा किया।
Byte1: मीनाक्षी, तीर्थयात्री (दिल्ली)
Byte2: विजय शंकर शर्मा, तीर्थयात्री (यूपी)



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