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प्रदीप टम्टा ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, कहा- मोदीराज में कठपुतली बना आयोग

राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा का कहना है कि मोदीराज में संवैधानिक संस्थाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. इलेक्शन कमीशन को निष्पक्ष चुनाव के लिए जाना जाता है. लेकिन इलेक्शन कमीशन की भूमिका आज संदिग्ध नजर आती है.

राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा का कहना है कि मोदीराज में संवैधानिक संस्थाएं पूरी तरह से है ध्वस्त.
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Published : May 18, 2019, 5:41 PM IST

पिथौरागढ़: कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि मोदीराज में संवैधानिक संस्थाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. इलेक्शन कमीशन को निष्पक्ष चुनाव के लिए जाना जाता है. लेकिन इलेक्शन कमीशन की भूमिका आज संदिग्ध नजर आती है.

जानकारी देते राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा .

बता दें कि राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा पिथौरागढ़ के दौरे पर हैं. जहां उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों में धर्म और सेना के नाम का दुरुपयोग किया है. लेकिन चुनाव आयोग ने मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे साफ जाहिर होता है कि मोदीराज में चुनाव आयोग कठपुतली बनकर रह गया है.

साथ ही प्रदीप टम्टा ने बंगाल चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि यदि चुनाव आयोग को 1 दिन पहले ही चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगानी थी तो शाम 5 बजे से प्रचार पर पाबंदी लगानी चाहिए थी. आयोग ने मोदी की 3 सभाओं को देखते हुए रात के 10 बजे से धारा 324 लगाई. जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पूरी तरह सवालों के घेरे में है.

पिथौरागढ़: कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि मोदीराज में संवैधानिक संस्थाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. इलेक्शन कमीशन को निष्पक्ष चुनाव के लिए जाना जाता है. लेकिन इलेक्शन कमीशन की भूमिका आज संदिग्ध नजर आती है.

जानकारी देते राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा .

बता दें कि राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा पिथौरागढ़ के दौरे पर हैं. जहां उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों में धर्म और सेना के नाम का दुरुपयोग किया है. लेकिन चुनाव आयोग ने मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे साफ जाहिर होता है कि मोदीराज में चुनाव आयोग कठपुतली बनकर रह गया है.

साथ ही प्रदीप टम्टा ने बंगाल चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि यदि चुनाव आयोग को 1 दिन पहले ही चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगानी थी तो शाम 5 बजे से प्रचार पर पाबंदी लगानी चाहिए थी. आयोग ने मोदी की 3 सभाओं को देखते हुए रात के 10 बजे से धारा 324 लगाई. जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पूरी तरह सवालों के घेरे में है.

Intro:पिथौरागढ़: कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए है। टम्टा का कहना है मोदीराज में संवैधानिक संस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और जो इलेक्शन कमीशन निष्पक्ष चुनाव के लिए जाना जाता है उसकी भूमिका भी आज संदिग्ध नजर आती है।

पिथौरागढ़ दौरे पर आए राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा चुनाव आयोग ने धर्म और सेना के नाम का दुरुपयोग करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की। जिससे साफ जाहिर होता है कि मोदीराज में चुनाव आयोग कठपुतली बनकर रह गया। साथ ही प्रदीप टम्टा ने बंगाल चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि अगर चुनाव आयोग को 1 दिन पहले ही चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगानी थी तो शाम 5 बजे से प्रचार में पाबंदी लगानी चाहिए थी जबकि मोदी की 3 सभाओं को देखते हुए रात के 10 बजे से धारा 324 लगाई गई। जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पूरी तरह सवालों के घेरे में है।

Byte: प्रदीप टम्टा, राज्यसभा सांसद


Body:पिथौरागढ़: कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए है। टम्टा का कहना है मोदीराज में संवैधानिक संस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और जो इलेक्शन कमीशन निष्पक्ष चुनाव के लिए जाना जाता है उसकी भूमिका भी आज साफ तौर पर संदिग्ध नजर आ रही है।

पिथौरागढ़ दौरे पर आए राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा चुनाव आयोग ने धर्म और सेना के नाम का दुरुपयोग करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की। जिससे साफ जाहिर होता है कि मोदीराज में चुनाव आयोग कठपुतली बनकर रह गया। साथ ही प्रदीप टम्टा ने बंगाल चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि अगर चुनाव आयोग को 1 दिन पहले ही चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगानी थी तो शाम 5 बजे से प्रचार में पाबंदी लगानी चाहिए थी जबकि मोदी की 3 सभाओं को देखते हुए रात के 10 बजे से धारा 324 लगाई गई। जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पूरी तरह सवालों के घेरे में है।

Byte: प्रदीप टम्टा, राज्यसभा सांसद


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