पिथौरागढ़: कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि मोदीराज में संवैधानिक संस्थाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. इलेक्शन कमीशन को निष्पक्ष चुनाव के लिए जाना जाता है. लेकिन इलेक्शन कमीशन की भूमिका आज संदिग्ध नजर आती है.
बता दें कि राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा पिथौरागढ़ के दौरे पर हैं. जहां उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों में धर्म और सेना के नाम का दुरुपयोग किया है. लेकिन चुनाव आयोग ने मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. जिससे साफ जाहिर होता है कि मोदीराज में चुनाव आयोग कठपुतली बनकर रह गया है.
साथ ही प्रदीप टम्टा ने बंगाल चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि यदि चुनाव आयोग को 1 दिन पहले ही चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगानी थी तो शाम 5 बजे से प्रचार पर पाबंदी लगानी चाहिए थी. आयोग ने मोदी की 3 सभाओं को देखते हुए रात के 10 बजे से धारा 324 लगाई. जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पूरी तरह सवालों के घेरे में है.