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वाह रे विकास! कंधों पर कराहती रही घायल वृद्ध महिला, जिंदगी की आस में दौड़ते रहे लोग

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Published : Aug 26, 2019, 5:09 PM IST

Updated : Aug 26, 2019, 7:43 PM IST

बेरीनाग के पौंसा गांव में आये दिन गर्भवती महिलाओं, बीमार बुजुर्गों, घायलों को डोली के सहारे ही अस्पताल पहुंचाया जाता है. गांव में सड़क न होने की वजह से लोगों के साथ यहां की खुशहाली भी लगातार यहां से पलायन कर रही है.

कंधों पर कराहती रही घायल वृद्ध महिला

बेरीनाग: प्रदेश में स्वास्थ्य और सुविधाओं की क्या स्थिती है इसका ताजा मामला बेरीनाग के पौंसा गांव में देखने को मिला. जहां एक घायल महिला को गांव में सड़क न होने की वजह से कई किलोमीटर कंधों पर ढ़ोना पड़ा. स्थानीय लोगों ने डंडों से डोली बनाकर घायल वृद्ध महिला को बेरीनाग अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान वृद्ध महिला दर्द से कराहती रही और लोग उसकी जिंदगी की चिंता करते हुए दर्द को दरकिनार कर टेढ़े-मेढ़े पहाड़ी रास्तों से अस्पताल की ओर बढ़ते रहे. नतीजा अस्पताल पहुंचने तक वृद्ध महिला का काफी खून बह चुका था. महिला की गंभीर हालत को देखते हुए बेरीनाग के डॉ. ने उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया. इस दौरान गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों का आक्रोश भी देखने को मिला.

कंधों पर कराहती रही घायल वृद्ध महिला

पिथौरागढ़ और बागेश्वर की अंतिम सीमा पर स्थित विकास खंड बेरीनाग के पौंसा गांव में एक 65 वर्षीय वृद्ध महिला खिमुली देवी अचानक छत से गिरकर घायल हो गईं. महिला के छत से गिरने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. जिसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा डोली बनाकर महिला को उपचार के लिए बेरीनाग अस्पताल लाया गया. महिला के सिर और हाथ-पैरों में चोट लगने से काफी खून बह गया था. डॉक्टरों ने महिला के सिर में 40 टाकें लगाए और उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया. इस दौरान गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों का आक्रोश भी देखने को मिला.

पढ़ें-हरदा ने मोदी सरकार को बताया नए मॉडल का अंग्रेज, कहा- '3 अस्त्रों' से डराया जा रहा विपक्ष को

इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बोरा ने बताया कि पिछले डेढ़ दशक से गांव में सड़क की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि गांव में सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी कर चुके हैं. प्रकाश बताते हैं कि आये दिन इसी तरह गर्भवती महिलाओं, बीमार बुजुर्गों, घायलों को डोली के सहारे ही अस्पताल पहुंचाया जाता है.

पढ़ें-पौड़ी में मौजूद चंद्रशेखर आजाद की स्मृतियों से अंजान हैं सांसद तीरथ सिंह रावत

उन्होंने बताया कि गांव में सड़क न होने की वजह से लोगों के साथ यहां की खुशहाली भी लगातार पलायन कर रही है. आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अगर इस बार भी गांव में सड़क को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया तो वे लोग पंचायत चुनावों का बहिष्कार भी करेंगे, जिसे लेकर वे पहले ही ज्ञापन सौंप चुके हैं.

बेरीनाग: प्रदेश में स्वास्थ्य और सुविधाओं की क्या स्थिती है इसका ताजा मामला बेरीनाग के पौंसा गांव में देखने को मिला. जहां एक घायल महिला को गांव में सड़क न होने की वजह से कई किलोमीटर कंधों पर ढ़ोना पड़ा. स्थानीय लोगों ने डंडों से डोली बनाकर घायल वृद्ध महिला को बेरीनाग अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान वृद्ध महिला दर्द से कराहती रही और लोग उसकी जिंदगी की चिंता करते हुए दर्द को दरकिनार कर टेढ़े-मेढ़े पहाड़ी रास्तों से अस्पताल की ओर बढ़ते रहे. नतीजा अस्पताल पहुंचने तक वृद्ध महिला का काफी खून बह चुका था. महिला की गंभीर हालत को देखते हुए बेरीनाग के डॉ. ने उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया. इस दौरान गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों का आक्रोश भी देखने को मिला.

कंधों पर कराहती रही घायल वृद्ध महिला

पिथौरागढ़ और बागेश्वर की अंतिम सीमा पर स्थित विकास खंड बेरीनाग के पौंसा गांव में एक 65 वर्षीय वृद्ध महिला खिमुली देवी अचानक छत से गिरकर घायल हो गईं. महिला के छत से गिरने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. जिसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा डोली बनाकर महिला को उपचार के लिए बेरीनाग अस्पताल लाया गया. महिला के सिर और हाथ-पैरों में चोट लगने से काफी खून बह गया था. डॉक्टरों ने महिला के सिर में 40 टाकें लगाए और उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया. इस दौरान गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों का आक्रोश भी देखने को मिला.

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इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बोरा ने बताया कि पिछले डेढ़ दशक से गांव में सड़क की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि गांव में सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी कर चुके हैं. प्रकाश बताते हैं कि आये दिन इसी तरह गर्भवती महिलाओं, बीमार बुजुर्गों, घायलों को डोली के सहारे ही अस्पताल पहुंचाया जाता है.

पढ़ें-पौड़ी में मौजूद चंद्रशेखर आजाद की स्मृतियों से अंजान हैं सांसद तीरथ सिंह रावत

उन्होंने बताया कि गांव में सड़क न होने की वजह से लोगों के साथ यहां की खुशहाली भी लगातार पलायन कर रही है. आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अगर इस बार भी गांव में सड़क को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया तो वे लोग पंचायत चुनावों का बहिष्कार भी करेंगे, जिसे लेकर वे पहले ही ज्ञापन सौंप चुके हैं.

Intro:डोली से पहुंचाया अस्पताल Body:टांप-बेरीनाग।
स्लग-छत से गिरी वृद्ध महिला को डोली के सहारे पहुंचाया अस्पताल
तीन किलोमीटर पैदल डोली में रखकर लाये ग्रामीण

बेरीनाग - पिथौरागढ़ और बागेश्वर की अंतिम सीमा पर स्थित विकास खंड बेरीनाग के पौंसा गांव में सुबह 9 बजे 65 वर्षीय वृद्ध महिला खिमुली देवी अचानक छत से गिरकर घायल होकर लू लहान हो गयी। महिला के गिरते ही परिवार के सदस्यो में कोहराम मच गया। पड़ोस के ग्रामीणों ने महिला को उपचार के लिए आठ किलोमीटर दूर बेरीनाग ले जाने की बात कही। लेकिन गांव में सड़क नही होेने से ग्रामीणों के लिए परेशानी खड़ी हो गयी। तभी ग्रामीणों ने गांव में स्थित लकड़ी की डोली में रखकर ले जाने का निर्णय लिया। तीन किलोमीटर पैदल डोली में रखकर पोस्तला तक गांव के वृ़द्ध और युवा महिला को लेकर आये।वहां से निजी वाहन से बेरीनाग सीएचसी पहुंचा।अस्पताल लाने तक वृद्ध महिला का बहुत अधिक खून बह चुका था। जहां पर महिला के सिर और हाथ पैरों में गंभीर चोट लगी हुई थी।वृ़द्ध महिला के सिर में 40 टांके लगे। महिला की हालत को देखते हुए डाक्टर देवेश कुमार ने जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया है।गांव में सड़क नही होने की समस्या को लेकर ग्रामीणों में बहुत गुस्सा भी देखने को मिला।
वीओं 02 -सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बोरा ने बताया कि पिछले डेढ दशक से सड़क की मांग की जा रही है पूर्व में लोक सभा चुनावों का ग्रामीणों के द्वारा बहिष्कार किया जा चुका है कई बार सड़क बनाने की मांग को लेकर सीएम से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौपा जा चुका है लेकिन उसके बाद सड़क का निर्माण नही हो रहा है गांव से आये दिन प्रसव पीडा महिला और गंभीर रोगियों को डोलियों में रखकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। सड़क नही होने से लगातार गांव से पलायन जारी है। यदि शीघ्र सड़क का निर्माण नही होता है तो ग्रामीण पंचायत चुनावों के बहिष्कार को लेकर पूर्व में सरकार को ज्ञापन भी दे चुके है।
एक और सरकार हर गांव गांव को सड़क से जोडने और गांवों में रोजगार जैसी सुविधाये देने के लिए बात करती है प्रदेश में एयर एबुंलेस की बात की जा रही है लेकिन पौषा गांव के ग्रामीण आज भी सड़क जैसी मूलभूत समस्या से वंचित है अब देखना होगा कि गांव में सड़क कब तक पहुंचती है।
बेरीनाग से प्रदीप महरा की रिपोर्ट

बाइट 1- पूरन सिंह बोरा ग्रामीणConclusion:परेशानी
Last Updated : Aug 26, 2019, 7:43 PM IST
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