बेरीनाग: प्रदेश में स्वास्थ्य और सुविधाओं की क्या स्थिती है इसका ताजा मामला बेरीनाग के पौंसा गांव में देखने को मिला. जहां एक घायल महिला को गांव में सड़क न होने की वजह से कई किलोमीटर कंधों पर ढ़ोना पड़ा. स्थानीय लोगों ने डंडों से डोली बनाकर घायल वृद्ध महिला को बेरीनाग अस्पताल पहुंचाया. इस दौरान वृद्ध महिला दर्द से कराहती रही और लोग उसकी जिंदगी की चिंता करते हुए दर्द को दरकिनार कर टेढ़े-मेढ़े पहाड़ी रास्तों से अस्पताल की ओर बढ़ते रहे. नतीजा अस्पताल पहुंचने तक वृद्ध महिला का काफी खून बह चुका था. महिला की गंभीर हालत को देखते हुए बेरीनाग के डॉ. ने उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया. इस दौरान गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों का आक्रोश भी देखने को मिला.
पिथौरागढ़ और बागेश्वर की अंतिम सीमा पर स्थित विकास खंड बेरीनाग के पौंसा गांव में एक 65 वर्षीय वृद्ध महिला खिमुली देवी अचानक छत से गिरकर घायल हो गईं. महिला के छत से गिरने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. जिसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा डोली बनाकर महिला को उपचार के लिए बेरीनाग अस्पताल लाया गया. महिला के सिर और हाथ-पैरों में चोट लगने से काफी खून बह गया था. डॉक्टरों ने महिला के सिर में 40 टाकें लगाए और उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया. इस दौरान गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों का आक्रोश भी देखने को मिला.
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इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बोरा ने बताया कि पिछले डेढ़ दशक से गांव में सड़क की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि गांव में सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी कर चुके हैं. प्रकाश बताते हैं कि आये दिन इसी तरह गर्भवती महिलाओं, बीमार बुजुर्गों, घायलों को डोली के सहारे ही अस्पताल पहुंचाया जाता है.
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उन्होंने बताया कि गांव में सड़क न होने की वजह से लोगों के साथ यहां की खुशहाली भी लगातार पलायन कर रही है. आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अगर इस बार भी गांव में सड़क को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया तो वे लोग पंचायत चुनावों का बहिष्कार भी करेंगे, जिसे लेकर वे पहले ही ज्ञापन सौंप चुके हैं.