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स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर HC ने लगाई रोक, 31 जनवरी को पेश होने का आदेश

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Published : Jan 20, 2022, 6:50 PM IST

Updated : Jan 20, 2022, 7:38 PM IST

नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर को निरस्त करने के संबंध में सुनवाई की. कोर्ट ने चिन्मयनंद की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही 31 जनवरी को आईओ के सामने पेश होने के आदेश दिए हैं.

uttarakhand high court
उत्तराखंड हाई कोर्ट

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने संबंधी याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही 31 जनवरी को आईओ के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने के लिए कहा है. मामले की सुनवाई न्यायाधीश एनएस धनिक की एकलपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की. वहीं स्वामी चिन्मयानंद पर जमीन की धोखाधड़ी का आरोप लगा है.

क्या है मामला: मामले के अनुसार देहरादून के हरिपुरकलां रायवाला में रहने वाली साध्वी तृप्ता सरस्वती शिष्या ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश की हरिद्वार में लक्सर रोड पर आश्रम से जुड़ी करीब 36 बीघा कृषि भूमि है. इस जमीन को लेकर हरिद्वार निवासी अनुज सिंह, सागरमुनी, अंशुल श्रीकुंज व स्वामी चिन्मयानंद (पूर्व गृह राज्य मंत्री) पर धोखाधड़ी से बेचे जाने का आरोप लगाया गया है. इन लोगों के खिलाफ दी गयी तहरीर में जमीन को बेचे जाने का विरोध करने पर साध्वी तृप्ता को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.

पुलिस में शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने पर तृप्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली. वहीं कोर्ट के आदेश पर साध्वी तृप्ता की तरफ से एसएसपी देहरादून को दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर रायवाला थाने में स्वामी चिन्मयानंद समेत अन्य के खिलाफ फर्जी तरीके से जमीन बेचने और जान से मारने की धमकी की एफआईआर 4 जनवरी 2022 को आईपीसी की धारा 506 व 420 में दर्ज की गई.

ये भी पढ़ें - साइबर धोखाधड़ी मामलाः श्रीनगर कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 3 साल की सजा, ₹ 10 हजार जुर्माना

वहीं साध्वी तृप्ता सरस्वती शिष्या ब्रह्मलीन सहज प्रकाश का कहना है कि उनके गुरू के आश्रम के स्वामित्व वाली जमीन हरिद्वार में लक्सर रोड पर थी. करीब 36 बीघा कृषि जमीन को चिन्मयानंद व उसके सहयोगियों ने मिलकर धोखाधड़ी से सात करोड़ में बेच दिया है. तृप्ता ने मामले का पता चलने पर विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी देने लगे. इस एफआईआर के खिलाफ स्वामी चिन्मयानंद द्वारा आज हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने संबंधी याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही 31 जनवरी को आईओ के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने के लिए कहा है. मामले की सुनवाई न्यायाधीश एनएस धनिक की एकलपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की. वहीं स्वामी चिन्मयानंद पर जमीन की धोखाधड़ी का आरोप लगा है.

क्या है मामला: मामले के अनुसार देहरादून के हरिपुरकलां रायवाला में रहने वाली साध्वी तृप्ता सरस्वती शिष्या ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश की हरिद्वार में लक्सर रोड पर आश्रम से जुड़ी करीब 36 बीघा कृषि भूमि है. इस जमीन को लेकर हरिद्वार निवासी अनुज सिंह, सागरमुनी, अंशुल श्रीकुंज व स्वामी चिन्मयानंद (पूर्व गृह राज्य मंत्री) पर धोखाधड़ी से बेचे जाने का आरोप लगाया गया है. इन लोगों के खिलाफ दी गयी तहरीर में जमीन को बेचे जाने का विरोध करने पर साध्वी तृप्ता को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी.

पुलिस में शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने पर तृप्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली. वहीं कोर्ट के आदेश पर साध्वी तृप्ता की तरफ से एसएसपी देहरादून को दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर रायवाला थाने में स्वामी चिन्मयानंद समेत अन्य के खिलाफ फर्जी तरीके से जमीन बेचने और जान से मारने की धमकी की एफआईआर 4 जनवरी 2022 को आईपीसी की धारा 506 व 420 में दर्ज की गई.

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वहीं साध्वी तृप्ता सरस्वती शिष्या ब्रह्मलीन सहज प्रकाश का कहना है कि उनके गुरू के आश्रम के स्वामित्व वाली जमीन हरिद्वार में लक्सर रोड पर थी. करीब 36 बीघा कृषि जमीन को चिन्मयानंद व उसके सहयोगियों ने मिलकर धोखाधड़ी से सात करोड़ में बेच दिया है. तृप्ता ने मामले का पता चलने पर विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी देने लगे. इस एफआईआर के खिलाफ स्वामी चिन्मयानंद द्वारा आज हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.

Last Updated : Jan 20, 2022, 7:38 PM IST
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