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जेंडर चेंज के बाद युवती से रेप मामले में राज्य सरकार को फटकार, HC में पेश होंगे जांच अधिकारी

जेंडर चेंज के बाद युवती से रेप मामले में हाई कोर्ट ने दिखाई सख्ती. पीड़िता की शिकायत के आधार पर केस दर्ज न करने और कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर लगाई फटकार.

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Published : Feb 12, 2019, 12:20 PM IST

Updated : Feb 12, 2019, 7:39 PM IST

नैनीताल: जेंडर बदलकर लड़के से लड़की बनी युवती के साथ रेप के मामले को लेकर कोर्ट में जवाब पेश न होने पर नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए न्यायालय ने मामले के जांच अधिकारी को 27 फरवरी को कोर्ट मे व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिये.

दरअसल, मुंबई निवसी युवती ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसके दोस्त परीक्षित जोशी ने उसका रेप किया था. इसके बाद जब वो अपने रेप की शिकायत लेकर पुलिस के पास गयी तो पुलिस ने रेप का मामला दर्ज करने के बजाय 377 के तहत अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है.

इसको यचिकाकर्ता ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वो एक महिला है इसलिए उनके मामले में 376 के तहत रेप केस दर्ज होना चाहिए. लेकिन रेप की शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया, जो सरासर गलत है.

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बता दें कि पूर्व में मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार, डीजीपी उत्तराखंड अनिल रतूड़ी और पौड़ी एसएसपी दलीप सिंह कुंवर को तीन हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने के आदेश दिये थे. लेकिन किसी ने भी कोर्ट में जवाब पेश नहीं किया. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने सभी को जवाब पेश करने के आदेश देने के साथ ही जांच अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये हैं.

नैनीताल: जेंडर बदलकर लड़के से लड़की बनी युवती के साथ रेप के मामले को लेकर कोर्ट में जवाब पेश न होने पर नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए न्यायालय ने मामले के जांच अधिकारी को 27 फरवरी को कोर्ट मे व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिये.

दरअसल, मुंबई निवसी युवती ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसके दोस्त परीक्षित जोशी ने उसका रेप किया था. इसके बाद जब वो अपने रेप की शिकायत लेकर पुलिस के पास गयी तो पुलिस ने रेप का मामला दर्ज करने के बजाय 377 के तहत अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है.

इसको यचिकाकर्ता ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वो एक महिला है इसलिए उनके मामले में 376 के तहत रेप केस दर्ज होना चाहिए. लेकिन रेप की शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया, जो सरासर गलत है.

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बता दें कि पूर्व में मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार, डीजीपी उत्तराखंड अनिल रतूड़ी और पौड़ी एसएसपी दलीप सिंह कुंवर को तीन हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने के आदेश दिये थे. लेकिन किसी ने भी कोर्ट में जवाब पेश नहीं किया. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने सभी को जवाब पेश करने के आदेश देने के साथ ही जांच अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये हैं.

Intro:स्लग-जवाब राज्य सरकार

रेपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- लिंग बदल कर लडके से लड्की बनी युवती के साथ रेप के मामले मे कोर्ट मे जवाब पेश ना करने के मामले मे नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी वयक्त करते राज्य सरकार को फटकार लगाई है साथ ही मामले की जाँच कर रहे जाँच अधिकारी को 27फरवरी को कोर्ट मे व्यक्तिगत रुप से पेश होने के भी आदेश दिये है,,,


Body:आपको बता दे की मुम्बई निवशी युवती सिल्पी ने नैनीताल हाई कोर्ट मे याचिका दायर कर कहा था की उनके दोस्त परीक्षित जोशी ने उसका रेप करा,ओर जो वो अपने रेप की शिकायत लेकर पुलिस के पास गयी तो पुलिस ने रेप का मामला दर्ज ना कर 377 अप्राकर्तीक योन उत्पीडन का मामला दर्ज करा,,,
जिसको यचिककर्ता ने नैनीताल हाई कोर्ट मे चुनौती दी जिसमे याचिका कर्ता ने कहा की वो एक महिला है लिहाजा उनके मामले मे 376रेप का मामला दर्ज करा जए,,,


Conclusion:पुर्व मे मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार,डी जी पी उत्तराखंड और पौडी के ssp को 3सप्ताह मे जवाब पेश करने के आदेश दिये थे,मगरआज किसी ने भी कोर्ट मे जवाब पेश नही करा,जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने सभी को जवाब पेश करने के आदेश दिये है ओर मामले के जाँच अधिकारी को वयक्तिगत रुप से पेश होने के आदेश दिये है।

बाईट-सिल्पी (यचिककर्ता)
Last Updated : Feb 12, 2019, 7:39 PM IST
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