नैनीताल: जेंडर बदलकर लड़के से लड़की बनी युवती के साथ रेप के मामले को लेकर कोर्ट में जवाब पेश न होने पर नैनीताल हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए न्यायालय ने मामले के जांच अधिकारी को 27 फरवरी को कोर्ट मे व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिये.
दरअसल, मुंबई निवसी युवती ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसके दोस्त परीक्षित जोशी ने उसका रेप किया था. इसके बाद जब वो अपने रेप की शिकायत लेकर पुलिस के पास गयी तो पुलिस ने रेप का मामला दर्ज करने के बजाय 377 के तहत अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है.
इसको यचिकाकर्ता ने नैनीताल हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वो एक महिला है इसलिए उनके मामले में 376 के तहत रेप केस दर्ज होना चाहिए. लेकिन रेप की शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया, जो सरासर गलत है.
बता दें कि पूर्व में मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार, डीजीपी उत्तराखंड अनिल रतूड़ी और पौड़ी एसएसपी दलीप सिंह कुंवर को तीन हफ्ते के अंदर जवाब पेश करने के आदेश दिये थे. लेकिन किसी ने भी कोर्ट में जवाब पेश नहीं किया. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने सभी को जवाब पेश करने के आदेश देने के साथ ही जांच अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिये हैं.