ETV Bharat / city

बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट हुआ सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब

प्रदेश मे बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अखतियार कर लिया है.

नैनीताल हाई कोर्ट हुआ
author img

By

Published : Apr 9, 2019, 5:37 AM IST

नैनीताल: प्रदेश मे बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अखतियार कर लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब पेश कर 11 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है.

पढ़ें: आश्वासन पर माने कैम्पटी क्षेत्र के ग्रामीण, लोकसभा चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया वापस

बता दें कि दिल्ली निवासी निर्मला गोराना बंधुआ मुक्ति मोर्चा द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि बंधुआ मजदूरों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाए. साथ ही उनके लिए नियम बनाया जाए और प्रदेश में जितने भी बंधुआ मजदूर कार्य कर रहे हैं उनका चयन करा जाए और मजदूरी से मुक्त किया जाए.

पढ़ें: आंधी-तूफान ने रोकी बीजेपी के स्टार प्रचारकों की रफ्तार, मैदान छोड़ भागे लोग

याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में यह भी कहा है कि रुड़की-हरिद्वार के 18 बंधुआ मजदूरों को बार ग्राम उद्योग समिति द्वारा आलमवाला मोगा पंजाब से मुक्त कराया गया था. जिसके बाद 22 जून 2014 को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इन मजदूरों की देखभाल और खाने-पीने की व्यवस्था करने को कहा गया था. लेकिन जिलाधिकारी द्वारा इसपर कोई कार्रवाई नहीं गई.

वहीं, मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश एनएस धानिक की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश कर 11 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

नैनीताल: प्रदेश मे बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अखतियार कर लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब पेश कर 11 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है.

पढ़ें: आश्वासन पर माने कैम्पटी क्षेत्र के ग्रामीण, लोकसभा चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया वापस

बता दें कि दिल्ली निवासी निर्मला गोराना बंधुआ मुक्ति मोर्चा द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि बंधुआ मजदूरों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाए. साथ ही उनके लिए नियम बनाया जाए और प्रदेश में जितने भी बंधुआ मजदूर कार्य कर रहे हैं उनका चयन करा जाए और मजदूरी से मुक्त किया जाए.

पढ़ें: आंधी-तूफान ने रोकी बीजेपी के स्टार प्रचारकों की रफ्तार, मैदान छोड़ भागे लोग

याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में यह भी कहा है कि रुड़की-हरिद्वार के 18 बंधुआ मजदूरों को बार ग्राम उद्योग समिति द्वारा आलमवाला मोगा पंजाब से मुक्त कराया गया था. जिसके बाद 22 जून 2014 को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इन मजदूरों की देखभाल और खाने-पीने की व्यवस्था करने को कहा गया था. लेकिन जिलाधिकारी द्वारा इसपर कोई कार्रवाई नहीं गई.

वहीं, मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश एनएस धानिक की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश कर 11 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

Intro:file visul

स्लग-बंधवा मजदूर

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- प्रदेश मे बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं साथ ही बंधुआ मजदूरों के मामले को लेकर राज्य सरकार से 11 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने के भी निर्देश राज्य सरकार को दिया है,,


Body:आपको बता दें कि दिल्ली निवासी निर्मला गोराना बंधुआ मुक्ति मोर्चा द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ग्राम मोहनपुर रुड़की हरिद्वार के 18 बंधुआ मजदूरों को बार ग्राम उद्योग समिति द्वारा आलमवाला मोगा पंजाब से मुक्त कराया गया था जो वह मजदूरी कर रहे थे 22 जून 2014 को उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र लिखा की इन मजदूरों की देखभाल खाने पीने की व्यवस्था की जाए,,


Conclusion:क्योंकि इनके पास खाने-पीने वो रहने की व्यवस्था नहीं है परंतु जिलाधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं गई याचिकाकर्ता ने याचिका दायर में यह भी कहा है कि बंधुआ मजदूरों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाए साथ ही उनके लिए नियम बनाया जाए,,और प्रदेश में जितने भी बंधुआ मजदूर कार्य कर रहे हैं उनका चयन करा जाए और मजदूरी से मुक्त किया जाए,,
मामले कि सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश एन एस धानिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करते हुए 11 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.