नैनीताल: प्रदेश मे बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अखतियार कर लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब पेश कर 11 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है.
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बता दें कि दिल्ली निवासी निर्मला गोराना बंधुआ मुक्ति मोर्चा द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि बंधुआ मजदूरों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाए. साथ ही उनके लिए नियम बनाया जाए और प्रदेश में जितने भी बंधुआ मजदूर कार्य कर रहे हैं उनका चयन करा जाए और मजदूरी से मुक्त किया जाए.
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याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में यह भी कहा है कि रुड़की-हरिद्वार के 18 बंधुआ मजदूरों को बार ग्राम उद्योग समिति द्वारा आलमवाला मोगा पंजाब से मुक्त कराया गया था. जिसके बाद 22 जून 2014 को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इन मजदूरों की देखभाल और खाने-पीने की व्यवस्था करने को कहा गया था. लेकिन जिलाधिकारी द्वारा इसपर कोई कार्रवाई नहीं गई.
वहीं, मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश एनएस धानिक की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश कर 11 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.