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रुड़की नगर निगम के सीमा विस्तार और निकाय चुनाव पर हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित - State Government

रुड़की नगर निगम के पूर्व मेयर यशपाल राणा व अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था कि 2015 में राज्य सरकार ने पाडली और रामपुर गुर्जर गांव को नगर निगम में शामिल किया था.

रुड़की नगर निगम चुनाव पर हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला.
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Published : Jul 19, 2019, 7:55 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने रुड़की नगर निगम में चुनाव को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है. यशपाल राणा व अन्य याचिकाकर्ताओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये फैसला सुरक्षित रखा. रुड़की नगर निगम के पूर्व मेयर यशपाल राणा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रुड़की नगर निगम में जल्द चुनाव कराने और राज्य सरकार द्वारा 6 दिसंबर 2018 को जारी किये नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी. इस नोटिफिकेशन में राज्य सरकार ने रुड़की के दो गांवों को नगर निगम से बाहर कर दिया था.

रुड़की नगर निगम चुनाव पर हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला.
बता दें कि रुड़की नगर निगम के पूर्व मेयर यशपाल राणा व अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था कि 2015 में राज्य सरकार ने पाडली और रामपुर गुर्जर गांव को नगर निगम में शामिल किया था. जिसके बाद सरकार ने नियमों के विरुद्ध 6 दिसंबर 2018 को एक नया नोटिफिकेशन जारी कर इन दोनों गांवों को नगर निगम क्षेत्र से बाहर कर दिया था.

पढ़ें-तीरथ ने संसद में बताया पलायन रोकने का तरीका, भट्ट बोले- फिर शुरू हों हाइड्रोपावर प्रोजक्ट्स

वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है था कि एक बार अगर कोई गांव नगर निगम में शामिल कर लिया जाता है तो उसे बाहर करने का कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही याचिकाकर्ताओं का कहना है कि दोनों गांवों को नगर निगम से बाहर करने का कोई कारण भी नहीं बताया गया. जिसके कारण यहां अभी तक नगर निगम के चुनाव नहीं हो पाये हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने रुड़की नगर निगम में चुनाव को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है. यशपाल राणा व अन्य याचिकाकर्ताओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये फैसला सुरक्षित रखा. रुड़की नगर निगम के पूर्व मेयर यशपाल राणा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रुड़की नगर निगम में जल्द चुनाव कराने और राज्य सरकार द्वारा 6 दिसंबर 2018 को जारी किये नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी. इस नोटिफिकेशन में राज्य सरकार ने रुड़की के दो गांवों को नगर निगम से बाहर कर दिया था.

रुड़की नगर निगम चुनाव पर हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला.
बता दें कि रुड़की नगर निगम के पूर्व मेयर यशपाल राणा व अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था कि 2015 में राज्य सरकार ने पाडली और रामपुर गुर्जर गांव को नगर निगम में शामिल किया था. जिसके बाद सरकार ने नियमों के विरुद्ध 6 दिसंबर 2018 को एक नया नोटिफिकेशन जारी कर इन दोनों गांवों को नगर निगम क्षेत्र से बाहर कर दिया था.

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वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है था कि एक बार अगर कोई गांव नगर निगम में शामिल कर लिया जाता है तो उसे बाहर करने का कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही याचिकाकर्ताओं का कहना है कि दोनों गांवों को नगर निगम से बाहर करने का कोई कारण भी नहीं बताया गया. जिसके कारण यहां अभी तक नगर निगम के चुनाव नहीं हो पाये हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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रुड़की नगर निगम की सीमा को कम करने समेत रुड़की नगर निगम में निकाय चुनाव में हो रही देरी पर नैनीताल हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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प्रदेश के सभी नगर पालिकाओं में और नगर निगम में हुए निकाय चुनाव के बाद रुड़की नगर निगम के पूर्व में यशपाल राणा ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रुड़की नगर निगम में जल्द से जल्द चुनाव कराने और राज्य सरकार द्वारा जारी 6 दिसंबर 2018 के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी, इस नोटिफिकेशन में राज्य सरकार द्वारा रुड़की के दो गांवों को नगर निगम से बाहर किया था।


Body:आपको बता दें कि रुड़की नगर निगम के पूर्व मेयर यशपाल राणा व अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने पाडली और रामपुर गुर्जर गाँव को 2015 में नगर निगम में शामिल किया था लेकिन सरकार द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से 6 दिसंबर 2018 को एक नया नोटिफिकेशन जारी कर इन दोनों गांवों को नगर निगम क्षेत्र से बाहर कर दिया जो नियम विरुद्ध है,,,


Conclusion:वही याचिकाकर्ता का कहना है कि एक बार अगर कोई गांव नगर निगम में शामिल कर लिया गया तो उसे बाहर करने का कोई प्रावधान नहीं है साथ ही याचिकाकर्ताओं का कहना है कि दोनों गांव को नगर निगम से बाहर करने का कोई कारण ग्रामीणों को नहीं दिया जिसकी वजह से अभी तक नगर निगम में चुनाव नहीं हो पा रहे हैं मामले को गंभीरता से सुनते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने आज फैसला सुरक्षित रख लिया।

बाइट अजय वीर पुंडीर, अधिवक्ता याचिकाकर्ता
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