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एमकेपी कॉलेज घोटाला मामले में HC सख्त, राज्य सरकार को रिपोर्ट पेश करने के आदेश - Nainital News

एमकेपी कॉलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बिनवाल का कहना है कि यूजीसी की 45 लाख रुपए की ग्रांट एमकेपी में छात्राओं की शिक्षा में सहूलियत के लिए जारी की गई थी. लेकिन एमकेपी कॉलेज ने इसका इस्तेमाल किसी भी बुनियादी सुविधा के सुधार में नहीं किया.

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एमकेपी कॉलेज घोटाला मामले में सख्त हुआ हाईकोर्ट,
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Published : Mar 20, 2020, 11:14 PM IST

नैनीताल: देहरादून के एमकेपी कॉलेज में 45 लाख गबन मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले में हाईकोर्ट राज्य सरकार को घोटाले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होनी है.

बता दें कि एमकेपी कॉलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बिनवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कॉलेज प्रबंधन पर 45 लाख रुपए के गबन और घोटाले का आरोप लगाया था. छात्रा का कहना है कि यूजीसी की 45 लाख रुपए की ग्रांट एमकेपी में छात्राओं की शिक्षा में सहूलियत के लिए जारी की गई थी. लेकिन एमकेपी कॉलेज ने इसका इस्तेमाल किसी भी बुनियादी सुविधा के सुधार में नहीं किया. साथ ही यूजीसी द्वारा दिये गये इन पैसों का इस्तेमाल कॉलेज के प्राचार्य ने व्यक्तिगत फायदे के लिए किया.

एमकेपी कॉलेज घोटाला मामले में सख्त हुआ हाईकोर्ट,

पढ़ें- कोरोना अलर्ट: भारत-नेपाल के अधिकारियों ने बॉर्डर का किया निरीक्षण, सभी यात्रियों की होगी स्क्रीनिंग

सोनिया बिनवाल ने बताया कि एमकेपी कॉलेज में जो उपकरण मंगाए भी गये वे बिना टेंडर के हैं. जिनका कोई भी बिल पेश नहीं किया गया. वहीं, राज्य सरकार द्वारा कराए गए ऑडिट में भी गड़बड़ झाले की बात साबित हुई. वहीं, कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले की पुष्टि सीएजी की रिपोर्ट में भी हुई है, जबकि इस घोटाले को लेकर 2016 - 17 में देहरादून के थाने में एफआइआर भी दर्ज की गई लेकिन, इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद जनवरी 2019 में शासन की स्थलीय निरीक्षण के दौरान भी 7 लाख 68 हजार का सामान कॉलेज से गायब मिला. जिसके कारण यूजीसी ने कॉलेज को दी जाने वाली पंचवर्षीय ग्रांट पर रोक लगा दी. जिससे कॉलेज की स्थिति बदहाल हो रही है. लिहाजा, घोटाले के पूरे मामले की उच्चस्तरीय एसआईटी जांच कराई जाए.

पढ़ें- तिहाड़ में फांसी के बाद निर्भया को इंसाफ, मां ने सरकार और न्यायपालिका का आभार जताया

वहीं, मामले की सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: देहरादून के एमकेपी कॉलेज में 45 लाख गबन मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले में हाईकोर्ट राज्य सरकार को घोटाले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होनी है.

बता दें कि एमकेपी कॉलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बिनवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कॉलेज प्रबंधन पर 45 लाख रुपए के गबन और घोटाले का आरोप लगाया था. छात्रा का कहना है कि यूजीसी की 45 लाख रुपए की ग्रांट एमकेपी में छात्राओं की शिक्षा में सहूलियत के लिए जारी की गई थी. लेकिन एमकेपी कॉलेज ने इसका इस्तेमाल किसी भी बुनियादी सुविधा के सुधार में नहीं किया. साथ ही यूजीसी द्वारा दिये गये इन पैसों का इस्तेमाल कॉलेज के प्राचार्य ने व्यक्तिगत फायदे के लिए किया.

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सोनिया बिनवाल ने बताया कि एमकेपी कॉलेज में जो उपकरण मंगाए भी गये वे बिना टेंडर के हैं. जिनका कोई भी बिल पेश नहीं किया गया. वहीं, राज्य सरकार द्वारा कराए गए ऑडिट में भी गड़बड़ झाले की बात साबित हुई. वहीं, कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले की पुष्टि सीएजी की रिपोर्ट में भी हुई है, जबकि इस घोटाले को लेकर 2016 - 17 में देहरादून के थाने में एफआइआर भी दर्ज की गई लेकिन, इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद जनवरी 2019 में शासन की स्थलीय निरीक्षण के दौरान भी 7 लाख 68 हजार का सामान कॉलेज से गायब मिला. जिसके कारण यूजीसी ने कॉलेज को दी जाने वाली पंचवर्षीय ग्रांट पर रोक लगा दी. जिससे कॉलेज की स्थिति बदहाल हो रही है. लिहाजा, घोटाले के पूरे मामले की उच्चस्तरीय एसआईटी जांच कराई जाए.

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वहीं, मामले की सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

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