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सभासद गीता कुमांई के नामांकन पत्रों की होगी जांच, डीएम ने दिए आदेश

पूर्व सभासद केदार सिंह चौहान ने गीता कुमांई द्वारा दिए गए नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद डीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए नामांकन पत्रों के जांच के आदेश दिये हैं.

सभासद गीता कुमांई के नामांकन पत्रों की होगी जांच
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Published : Feb 20, 2019, 9:30 PM IST

मसूरी: मसूरी नगरपालिका परिषद की सभासद गीता कुमांई द्वारा नामांकन पत्र में झूठी सूचना देने के मामले में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिये हैं. बता दें कि पूर्व सभासद केदार सिंह चौहान ने गीता कुमांई द्वारा दिए गए नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद डीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए नामांकन पत्रों के जांच के आदेश दिये हैं.

सभासद गीता कुमांई के नामांकन पत्रों की होगी जांच


मसूरी नगर पालिका के वॉर्ड संख्या 8 से निर्वाचित सभासद गीता कुमांई पर नामांकन पत्र में झूठी जानकारी देने का आरोप है.पूर्व सभासद केदार सिंह चौहान ने कहा कि गीता कुमांई ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर मकान बनवाया है. जिसके बारे में निर्वाचन अधिकारी को दस्तावेज भी दिए गये थे, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद उन्होंने 26 दिसंबर को जिलाधिकारी और मुख्य निर्वाचन आयोग को मामले में शिकायती पत्र देकर जांच की मांग की थी.


जिसका संज्ञान लेते हुए निर्वाचन अधिकारी और डीएम ने एसडीएम और मसूरी के निर्वाचन अधिकारी को मामले में जांच के आदेश दिये हैं. वहीं गीता कुमांई का इस मामले पर कहना है कि उनके द्वारा नामांकन पत्र में दी गई जानकारियां और प्रमाण पत्र सही हैं. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने उन पर जो भी आरोप लगाए हैं वो सभी निराधार हैं. गीता कुमांई ने कहा कि वे इस मामले में किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.

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मसूरी: मसूरी नगरपालिका परिषद की सभासद गीता कुमांई द्वारा नामांकन पत्र में झूठी सूचना देने के मामले में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिये हैं. बता दें कि पूर्व सभासद केदार सिंह चौहान ने गीता कुमांई द्वारा दिए गए नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद डीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए नामांकन पत्रों के जांच के आदेश दिये हैं.

सभासद गीता कुमांई के नामांकन पत्रों की होगी जांच


मसूरी नगर पालिका के वॉर्ड संख्या 8 से निर्वाचित सभासद गीता कुमांई पर नामांकन पत्र में झूठी जानकारी देने का आरोप है.पूर्व सभासद केदार सिंह चौहान ने कहा कि गीता कुमांई ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर मकान बनवाया है. जिसके बारे में निर्वाचन अधिकारी को दस्तावेज भी दिए गये थे, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद उन्होंने 26 दिसंबर को जिलाधिकारी और मुख्य निर्वाचन आयोग को मामले में शिकायती पत्र देकर जांच की मांग की थी.


जिसका संज्ञान लेते हुए निर्वाचन अधिकारी और डीएम ने एसडीएम और मसूरी के निर्वाचन अधिकारी को मामले में जांच के आदेश दिये हैं. वहीं गीता कुमांई का इस मामले पर कहना है कि उनके द्वारा नामांकन पत्र में दी गई जानकारियां और प्रमाण पत्र सही हैं. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने उन पर जो भी आरोप लगाए हैं वो सभी निराधार हैं. गीता कुमांई ने कहा कि वे इस मामले में किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.

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Intro:मसूरी नगरपालिका परिषद सभासद गीता कुमारी के नामांकन पत्र की जांच के आदेश
रिपोर्टर सुनील सोनकर
एंकर वीओ
जिलाधिकारी देहरादून द्वारा मसूरी नगरपालिका परिषद के सभासद गीता कुमारी द्वारा नामांकन पत्र में झूठी सूचनाएं देने के आरोप के मामले को लेकर उपजिलाधिकारी को नामांकन पत्रों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं बता दें कि पालिका के चुनाव के नामांकन के दौरान पूर्व सभासद केदार सिंह चौहान ने नगर पालिका के वार्ड संख्या 8 से निर्वाचित सभासद गीता कुमाई पत्नी भरत सिंह कुमाई द्वारा दिए गए नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी उन्होंने आरोप लगाया था कि गीता कुमाई ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर विशाल मकान बनाया गया है इस संबंध में उन्होंने नामांकन प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन अधिकारी को दस्तावेज भी दिए थे परंतु निर्वाचन अधिकारी द्वारा मामले पर किसी प्रकार की कार्रवाई नही की गई जिसको लेकर उनके द्वारा जिलाधिकारी व मुख्य निर्वाचन आयोग को 26 दिसंबर 2018 को शिकायती पत्र देते हुए मामले की जांच की मांग की थी


Body:मामले का संज्ञान लेते हुए निर्वाचन अधिकारी एवं जिला अधिकारी देहरादून द्वारा उप जिलाधिकारी एवं निर्वाचन अधिकारी मसूरी को पूरे मामले के जांच के निर्देश दे दिए हैं वह जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है उधर गीता कुमाई का कहना है के नामांकन के दौरान उनके द्वारा दी गई सूचना व प्रमाण पत्र सही है जिसके आधार पर चुनाव अधिकारी ने उनको चुनाव लड़ने की अनुमति दी थी शिकायतकर्ता द्वारा उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह निराधार हैं और वह किसी भी जांच के लिए तैयार है उन्होंने कहा कि जब तक आरोप सिद्ध ना हो जाए किसी को आरोपी नहीं कहा जा सकता


Conclusion:
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