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काशीपुर: जर्जर हालत में है जल संस्थान का दफ्तर - बरसात का पानी कार्यालय में रखी फाइलों तक पहुंचता

काशीपुर के नगर निगम में स्थित जल संस्थान का कार्यालय जर्जर हालत में है. दफ्तर की दीवारों से रिसता बरसात का पानी कार्यालय में रखी फाइलों तक पहुंचता है.

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जर्जर हालत में जल संस्थान.
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Published : Jun 3, 2020, 3:33 PM IST

काशीपुर: जिले का जल संस्थान कार्यालय खस्ताहाल है. दफ्तर की इमारत इतनी जर्जर हो चुकी है कि बरसात में पानी अंदर रिसता है. 10 कर्मचारियों वाले इस कार्यालय के जीर्णोद्धार के लिए 2 लाख 90 हजार का प्रस्ताव विभाग को भेजा जा चुका है.

जर्जर हालत में जल संस्थान का दफ्तर.

काशीपुर के नगर निगम में स्थित जल संस्थान का कार्यालय अफसरों की लापरवाही का जीता-जागता नमूना है. पांच दशक पहले बनी दफ्तर की इमारत जर्जर हो चुकी है. सालों से इसका रंग-रोगन नहीं हुआ है. आलम ये है कि जहां कार्यालय का नाम जल संस्थान लिखा है वो भी मिट चुका है.

यह भी पढ़ें: CS ने सरकारी दफ्तरों के लिए जारी की गाइडलाइन, प्रोटोकॉल का सख्ती से होगा पालन

कार्यालय के अंदर छत का प्लास्टर भी उखड़ा हुआ है. धूल फांक रही फाइलें जल संस्थान दफ्तर की पूरी कहानी कहती हैं. बारिश में छत से पानी टपकता रहता है.

बता दें कि जल संस्थान के इस कार्यालय में कुल 10 लोगों का स्टाफ कार्यरत है. कार्यालय के अधिशासी अभियंता शिशुपाल यादव खुद मानते हैं कि इस बिल्डिंग की उम्र निकल चुकी है लेकिन इसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर इसकी मरम्मत नहीं कराई गई तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है.

काशीपुर: जिले का जल संस्थान कार्यालय खस्ताहाल है. दफ्तर की इमारत इतनी जर्जर हो चुकी है कि बरसात में पानी अंदर रिसता है. 10 कर्मचारियों वाले इस कार्यालय के जीर्णोद्धार के लिए 2 लाख 90 हजार का प्रस्ताव विभाग को भेजा जा चुका है.

जर्जर हालत में जल संस्थान का दफ्तर.

काशीपुर के नगर निगम में स्थित जल संस्थान का कार्यालय अफसरों की लापरवाही का जीता-जागता नमूना है. पांच दशक पहले बनी दफ्तर की इमारत जर्जर हो चुकी है. सालों से इसका रंग-रोगन नहीं हुआ है. आलम ये है कि जहां कार्यालय का नाम जल संस्थान लिखा है वो भी मिट चुका है.

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कार्यालय के अंदर छत का प्लास्टर भी उखड़ा हुआ है. धूल फांक रही फाइलें जल संस्थान दफ्तर की पूरी कहानी कहती हैं. बारिश में छत से पानी टपकता रहता है.

बता दें कि जल संस्थान के इस कार्यालय में कुल 10 लोगों का स्टाफ कार्यरत है. कार्यालय के अधिशासी अभियंता शिशुपाल यादव खुद मानते हैं कि इस बिल्डिंग की उम्र निकल चुकी है लेकिन इसकी मरम्मत नहीं कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर इसकी मरम्मत नहीं कराई गई तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है.

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