हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आज स्वयंसेवी संगठनों और समाजसेवियों ने वेलेंटाइन-डे का जमकर विरोध किया. सामाजिक संगठनों ने वैलेंटाइन डे को पश्चिमी संस्कृति का पर्व बताया. इस मौके पर लोगों ने शहीद भगत की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये. वेलेंटाइन-डे का विरोध करते हुए लोगों ने देश के युवाओं से वीर शहीदों को याद करने की बात कही. इतिहास पर नजर डाले तो 14 फरवरी का भारत के इतिहास से गहरा नाता है. 1931 में आज ही के दिन पंडित मदन मोहन मालवीय ने तत्कालीन भारत वायसराय इरविन से भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की सजा माफ करने की अपील की थी.
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वेलेंटाइन-डे के विरोध में ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि आज हमारे देश में अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पश्चिमी सभ्यता को अपना रहे हैं. उन्होंने बच्चों से भारतीय संस्कृति को अपनाने की बात कही. अधीर कौशिक ने आज के दिन देश के वीर सपूतों और शहीदों को याद करने की अपील की.
वहीं समाजसेवी डॉ. विशाल गर्ग ने भी कहा कि आज पश्चिमी देश हमारी सभ्यता को अपना रहे हैं. पश्चिमी देश योग को लेकर जागरूक हैं. लेकिन हम लोग अपनी भारतीय संस्कृति और सभ्यता को भूल कर पाश्चात्य सभ्यता की ओर अग्रसर हैं. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति प्राचीन संस्कृति है. इसलिए बजाय पाश्चात्य सभ्यता और संस्कृति को अपनाने के भारतीय संस्कृति को अपनाएं. उन्होंने युवाओं से कहा कि वेलेंटाइन्स डे प्यार का पर्व है. इसे अपने परिवार और गुरुओं के साथ मनाएं और देश के वीर शहीदों को नमन करें.
वहीं रुड़की में प्रेमी युगलों की सुरक्षा के लिए सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने पार्कों सिनेमाघरों और होटलों के बाहर पुलिस की तैनाती की. पुलिस कोतवाली प्रभारी अमरजीत ने बताया कि आज कई जगहों पर पुलिसकर्मियों को तैनात कर सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम किए गए हैं.
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