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हरिद्वार में 2021 महाकुंभ से पहले विद्युत लाइनों को किया जाएगा भूमिगत, देश का दूसरा ऐसा शहर - हरिद्वार में महांकुंभ

धर्मनगरी में साल 2021 में महाकुंभ लगने जा रहा है. इससे पहले धर्मनगरी हरिद्वार पूरी तरह से बिजली के तारों के जाल से आजाद हो जाएगा.

हरिद्वार में विद्युत लाइनों को किया जाएगा भूमिगत
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Published : Mar 8, 2019, 3:31 AM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी में साल 2021 में महाकुंभ लगने जा रहा है. इससे पहले धर्मनगरी हरिद्वार पूरी तरह से बिजली के तारों के जाल से आजाद हो जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को हरिद्वार में इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के तहत 388 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास एवं भूमि पूजन किया. सीएम ने त्रिवेंद्र ने कहा कि इसका लक्ष्य 2021 में लगने वाले महाकुंभ से पहले हरिद्वार की सभी विद्युत लाइनों को भूमिगत करना है.

हरिद्वार में विद्युत लाइनों को किया जाएगा भूमिगत

सीएम त्रिवेंद्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के बाद हरिद्वार देश का ऐसा दूसरा शहर होगा जहां विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विद्युत लाइनों को भूमिगत किए जाने से धर्म नगरी हरिद्वार का सुंदरीकरण होगा. साथ ही आंधी-तूफान और बरसात के मौसम में भी बिजली आपूर्ति बिना रुकावट चल सकेगी.

पढ़ें:अजय भट्ट बोले- एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाले देश के साथ नहीं

वहीं ऊर्जा निगम के एमडी वीके मिश्रा ने बताया कि इस योजना के तहत पूरे हरिद्वार में कुंभ से पहले लगभग 200 किलोमीटर की विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी द्वारा सड़क की खुदाई किए बिना विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा.

हरिद्वार: धर्मनगरी में साल 2021 में महाकुंभ लगने जा रहा है. इससे पहले धर्मनगरी हरिद्वार पूरी तरह से बिजली के तारों के जाल से आजाद हो जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को हरिद्वार में इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के तहत 388 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास एवं भूमि पूजन किया. सीएम ने त्रिवेंद्र ने कहा कि इसका लक्ष्य 2021 में लगने वाले महाकुंभ से पहले हरिद्वार की सभी विद्युत लाइनों को भूमिगत करना है.

हरिद्वार में विद्युत लाइनों को किया जाएगा भूमिगत

सीएम त्रिवेंद्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के बाद हरिद्वार देश का ऐसा दूसरा शहर होगा जहां विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विद्युत लाइनों को भूमिगत किए जाने से धर्म नगरी हरिद्वार का सुंदरीकरण होगा. साथ ही आंधी-तूफान और बरसात के मौसम में भी बिजली आपूर्ति बिना रुकावट चल सकेगी.

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वहीं ऊर्जा निगम के एमडी वीके मिश्रा ने बताया कि इस योजना के तहत पूरे हरिद्वार में कुंभ से पहले लगभग 200 किलोमीटर की विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी द्वारा सड़क की खुदाई किए बिना विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा.

Intro:एंकर - 2021 में धर्मनगरी हरिद्वार में लगने जा रहे महाकुंभ से पहले धर्मनगरी हरिद्वार पूरी तरह से बिजली के तारों के जाल से आजाद हो जाएगा, धर्मनगरी को बिजली तारों के जाल से मुक्त कराने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज हरिद्वार में इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के अंतर्गत 388.49 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास एवं भूमि पूजन किया। जिसका लक्ष्य है अगले 2 सालों में महाकुम्भ से पहले हरिद्वार की सभी विद्युत लाइनों को भूमिगत करना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के बाद हरिद्वार देश का ऐसा दूसरा शहर होने जा रहा है जहाँ विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जा रहा है।


Body:VO- योजना के अंतर्गत पूरे हरिद्वार शहर में कुंभ से पहले लगभग 300 किलोमीटर की विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाना है। कुंभ क्षेत्र में विभिन्न विद्युत लाइनों को भूमिगत किए जाने से धर्म नगरी हरिद्वार का सुंदरीकरण होगा साथ ही आंधी तूफान वह बरसात के मौसम में बिजली आपूर्ति बिना रुकावट हो सकेगी। इस योजना से एक बड़ा लाभ यह होगा कि महाकुम्भ के दौरान निकलने वाली शाही सवारियों के बीच अड़चन बनने वाली विधुत लाइनों से होने वाली परेशानी से पूरी तरह से निजात मिल जाएगी। महाकुम्भ में करोड़ों की संख्या में साधु संतों सहित भारी संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचते है साथ ही हरिद्वार में लगने वाले तमाम स्नान पर्वों एवं मेलों में भी सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते हैं ऐसे में इन समयों में होने वाली तमाम दिक्कतों से भी हरिद्वार को नहीं जूझना पड़ेगा। अगर दावे के अनुसार यह परियोजना महाकुंभ से पहले पूरी हो जाती है तो धर्मनगरी हरिद्वार के लिए यह परियोजना किसी वरदान से कम साबित नहीं होगी।








Conclusion:Byte - त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड 


Byte - वी के मिश्रा, एम डी, ऊर्जा निगम
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