हरिद्वार: धर्मनगरी में साल 2021 में महाकुंभ लगने जा रहा है. इससे पहले धर्मनगरी हरिद्वार पूरी तरह से बिजली के तारों के जाल से आजाद हो जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को हरिद्वार में इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम के तहत 388 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास एवं भूमि पूजन किया. सीएम ने त्रिवेंद्र ने कहा कि इसका लक्ष्य 2021 में लगने वाले महाकुंभ से पहले हरिद्वार की सभी विद्युत लाइनों को भूमिगत करना है.
सीएम त्रिवेंद्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के बाद हरिद्वार देश का ऐसा दूसरा शहर होगा जहां विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विद्युत लाइनों को भूमिगत किए जाने से धर्म नगरी हरिद्वार का सुंदरीकरण होगा. साथ ही आंधी-तूफान और बरसात के मौसम में भी बिजली आपूर्ति बिना रुकावट चल सकेगी.
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वहीं ऊर्जा निगम के एमडी वीके मिश्रा ने बताया कि इस योजना के तहत पूरे हरिद्वार में कुंभ से पहले लगभग 200 किलोमीटर की विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी द्वारा सड़क की खुदाई किए बिना विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा.