हरिद्वार: राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद धर्मनगरी हरिद्वार के साधु-संत एक बार फिर आक्रोशित दिख रहे हैं. साधु-संतों का कहना है कि राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए लेकिन न तो सरकार और न ही सुप्रीम कोर्ट इस ओर कोई ध्यान दे रही है. उनका कहना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पायेगा. इसके लिए स्वयं राम भक्त हनुमान को धरती पर आना होगा और वे ही राम मंदिर का निर्माण कर सकते हैं.
राम मंदिर निर्माण को लेकर महामंडलेश्वर कपिल मुनि ने कहा कि पिछले कई दशकों से पूरा देश राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से आस लगाए बैठा है. लेकिन कोर्ट लगातार इस मामले को टालते दिख रहा है. अब तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में विशेष अध्यादेश लाकर जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण शुरू करना चाहिए. महामंडलेश्वर कपिल मुनि ने कहा कि कुंभ के बाद साधु-संत अयोध्या कूच करने वाले थे लेकिन पुलवामा हमले की वजह से कूच नहीं किया गया.
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वहीं जूना अखाड़ा के थानापति त्रिकालदर्शी महंत शिवम पुरी का कहना है कि राम मंदिर बनाने के लिए सरकार और सुप्रीम कोर्ट दोनों की मंशा नहीं है. अयोध्या कूच करने को लेकर उन्होंने कहा कि साधु संत भी कभी कहते हैं कि वह 21 फरवरी को अयोध्या कूच करेंगे. तो कभी कहते हैं 4 मार्च को अयोध्या कूच करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला.
प्राचीन अवधूत मंडल के परमाध्यक्ष महंत रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि आज सभी लोग राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार, सुप्रीम कोर्ट और साधु संतों की ओर आशा भरी दृष्टि से देख रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर का कोई फैसला देता नहीं दिखा रहा है और केंद्र सरकार ने भी राम मंदिर पर अपना पल्ला झाड़ लिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले संसद में विशेष अध्यादेश लाकर जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण शुरू करवा दें.