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गंगा की अविरलता के लिए अनशन कर रहीं पद्मावती को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच, जल पुरुष ने कही ये बड़ी बात - Jal Purush Rajendra Singh

मातृ सदन में हुए गंगा पर्यावरण सम्मेलन के बारे में बताते हुए जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हरिद्वार में दो दिन के इस सम्मेलन में गंगा को लेकर प्रस्ताव पास किये गये. जिसमें गंगा और पर्यावरण को लेकर विशेष चर्चा की गई.

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पर्यावरण प्रेमियों ने दिया साध्वी पद्मावती को समर्थन
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Published : Jan 6, 2020, 7:57 PM IST

Updated : Jan 6, 2020, 8:23 PM IST

हरिद्वार: गंगा की रक्षा के लिए मातृ सदन में साध्वी पद्मावती पिछले 23 दिनों से अनशन पर बैठी हैं. मगर शासन-प्रशासन साध्वी पद्मावती की सुध लेने को तैयार नहीं है. देश भर के पर्यावरण प्रेमी और गंगा प्रेमियों ने साध्वी के अनशन को लेकर जरूर चिंता व्यक्त की है. इसी को लेकर मातृ सदन में देश के 15 राज्यों और गंगा बेसिन के 11 राज्यों से आये करीब 150 लोगों ने गंगा पर्यावरण सम्मेलन किया. इस सम्मेलन में पांच प्रस्ताव पारित करते हुए साध्वी पद्मावती के अनशन का समर्थन किया गया.

मातृ सदन में हुए गंगा पर्यावरण सम्मेलन के बारे में बताते हुए जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हरिद्वार में दो दिन के इस सम्मेलन में गंगा को लेकर प्रस्ताव पास किये गये. जिसमें गंगा और पर्यावरण को लेकर विशेष चर्चा की गई. उन्होंने स्वीडन का उदाहरण देते हुए कहा स्वीडन ने अपनी एक छोटी सी लड़की की शुरुआत को पूरी दुनिया में इतना प्रचारित किया की मानों बस वही पर्यावरण की चिंता करते हैं. उन्होंने साध्वी पद्मावती का समर्थन करते हुए कहा कि वे गंगा की महत्ता को समझती हैं इसलिए वे ऐसा कर रही हैं.

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पढ़ें-टमाटर की खेती चौपट होने से मायूस हुए किसान, मुआवजे की उठी मांग

जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा हम देशभर में साध्वी पद्मावती के लिए अनुकूल वातावरण बनाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा न्यायपालिका, राजनीतिक दल, शिक्षा विभाग सभी का गंगा के प्रति जो दायित्व है उसे याद दिलाया जाना बहुत जरूरी है. जल पुरुष ने कहा स्वामी सानंद के गंगा बलिदान को सरकार को समझाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा अविरल गंगा को लेकर देश में आंदोलन चलाया जाना चाहिए.

पढ़ें-उत्तराखंडः पहाड़ी जिलों में अगले 48 घंटे भारी, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

इस दौरान मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि इतने बलिदानों के बाद भी केंद्र सरकार गंगा के लिए कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा आने वाले दिनों में भी गंगा को लेकर आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा आज साध्वी पद्मावती को समर्थन देने के लिए गंगा और पर्यावरण प्रेमी यहां पहुंचे हैं. जिन्होंने साध्वी पद्मावती को अपना समर्थन दिया है. उन्होंने कहा हम सब एक नई उर्जा के साथ गंगा के लिए आंदोलित होंगे.

हरिद्वार: गंगा की रक्षा के लिए मातृ सदन में साध्वी पद्मावती पिछले 23 दिनों से अनशन पर बैठी हैं. मगर शासन-प्रशासन साध्वी पद्मावती की सुध लेने को तैयार नहीं है. देश भर के पर्यावरण प्रेमी और गंगा प्रेमियों ने साध्वी के अनशन को लेकर जरूर चिंता व्यक्त की है. इसी को लेकर मातृ सदन में देश के 15 राज्यों और गंगा बेसिन के 11 राज्यों से आये करीब 150 लोगों ने गंगा पर्यावरण सम्मेलन किया. इस सम्मेलन में पांच प्रस्ताव पारित करते हुए साध्वी पद्मावती के अनशन का समर्थन किया गया.

मातृ सदन में हुए गंगा पर्यावरण सम्मेलन के बारे में बताते हुए जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हरिद्वार में दो दिन के इस सम्मेलन में गंगा को लेकर प्रस्ताव पास किये गये. जिसमें गंगा और पर्यावरण को लेकर विशेष चर्चा की गई. उन्होंने स्वीडन का उदाहरण देते हुए कहा स्वीडन ने अपनी एक छोटी सी लड़की की शुरुआत को पूरी दुनिया में इतना प्रचारित किया की मानों बस वही पर्यावरण की चिंता करते हैं. उन्होंने साध्वी पद्मावती का समर्थन करते हुए कहा कि वे गंगा की महत्ता को समझती हैं इसलिए वे ऐसा कर रही हैं.

पर्यावरण प्रेमियों ने दिया साध्वी पद्मावती को समर्थन

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जल पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा हम देशभर में साध्वी पद्मावती के लिए अनुकूल वातावरण बनाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा न्यायपालिका, राजनीतिक दल, शिक्षा विभाग सभी का गंगा के प्रति जो दायित्व है उसे याद दिलाया जाना बहुत जरूरी है. जल पुरुष ने कहा स्वामी सानंद के गंगा बलिदान को सरकार को समझाने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा अविरल गंगा को लेकर देश में आंदोलन चलाया जाना चाहिए.

पढ़ें-उत्तराखंडः पहाड़ी जिलों में अगले 48 घंटे भारी, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

इस दौरान मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि इतने बलिदानों के बाद भी केंद्र सरकार गंगा के लिए कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा आने वाले दिनों में भी गंगा को लेकर आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा आज साध्वी पद्मावती को समर्थन देने के लिए गंगा और पर्यावरण प्रेमी यहां पहुंचे हैं. जिन्होंने साध्वी पद्मावती को अपना समर्थन दिया है. उन्होंने कहा हम सब एक नई उर्जा के साथ गंगा के लिए आंदोलित होंगे.

Intro:Anchor:-माँ गंगा की रक्षा के लिए जाने जाने वाली संस्था मातृ सदन में साध्वी पदमावती द्वारा दिवंगत संत वैज्ञानिक स्वामी सानंद की मांगों को पूरा करवाने के लिए किया जा रहा अनशन 23 वे दिन में प्रवेश कर गया है ,मगर शासन और प्रशासन की ओर से साध्वी पदमावती की सुध लेने के बारे में अभी तक किसी ने नही सोचा है मगर देश भर के पर्यावरण प्रेमी और गंगा प्रेमियों बे साध्वी के अनशन को लेकर जरूर चिंता व्यक्त की है और इसी को लेकर मातृ सदन में देश के 15 राज्यों और गंगा बेसिन के 11 राज्यों से आये करीब 150 लोगों ने गंगा पर्यावरण सम्मेलन किया और इस सम्मेलन में पांच प्रस्ताव पारित करते हुए साध्वी पदमावती के अनशन का समर्थन किया गया और संकल्प लिया गया कि यहाँ से जाकर सभी लोग अपने अपने इलाकों में उसके अनुकूल वातावरण बनाएंगे ,शासन ,समाज और न्यायपालिका को राजनीतिक दलों और शिक्षा विभाग में गंगा और गंगा जल के महत्व को बताते हुए गंगा की अविरलता क्यो जरूरी है बताने का प्रयास करेंगे ।



Body:Vo:-1:-जल पुरुष राजेन्द्र सिंह का कहना है कि 5 ,6 जनवरी को दो दिन का गंगा पर्यावरण सम्मेलन आयोजित हुआ इस सम्मेलन में भरत के 15 राज्यों से और गंगा बेसिन के 11 के 11 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए और इन सब ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया कि हम गंगा को बचाने के लिए आज यहां से जा करके अपने अपने इलाके में वातावरण निर्माण करेंगे और गंगा के लिए एक जो गंगा जल की विशिष्टता है उसमे अविरलता क्यो जरूरी है उसका राज को समाज को और न्यायपालिका को बताने की कोशिश करेंगे ,आप जानते है कि स्वीडन जैसे छोटे से देश ने एक अपनी छोटी सी लड़की की एक छोटे से शुरुआत को पूरी दुनिया मे इतना प्रचारित किया की बस पर्यावरण की वही चिंता करते है ,इस देश मे भी पदमावती जैसी छोटी नई बहने है जो प्रकृति को गंगा को इतना समझती है और उसके लिए प्राण देने के लिए समर्पित हुई है ,समनेलन में सर्वसम्मति से पांच प्रस्ताव पारित किए है ,पहला प्रस्ताव है कि हम सब पदमावती के समर्थन करते है इस तपस्या का ,दूसरा यह है कि पूरे देश में सब राज्यों में हम उनके अनुकूल वातावरण बनाएंगे ,तीसरा ये की यहां की न्यायपालिका और सभी राजनीतिक दल और यहां के जो शिक्षा विभाग है उसको अपनी माँ गंगा के प्रति जो दायित्व है उसको अहसास करवाएंगे की यह अविरलता क्यो जरूरी है ,और तीसरा प्रस्ताव उन्होंने यह पारित किया कि जिस तरीके से यूएन ने और वर्कले यूनिवर्सिटी ने तय किया कि स्वामी सानंद के जाने के बाद कि गंगा के प्रयावर्णीय प्रभाव और उसके वैज्ञानिक पक्ष को उभारने के लिए एक वैज्ञानिक संत बलिदान देता है वैसे अब ज्यादा बलिदान न हो इसलिए हम यह सरकार को समझाने की कोशिश करेंगे ,और इसी संकल्प के साथ हम यहां से प्रस्थान कर रहे है और पूरे देश मे वक अविरल गंगा साक्षरता यात्रा न केवल भारत मे बल्कि दुनिया मे चले उसका संकल्प हम लोगों ने लिया है जी हमारी अविरल गंगा जल साक्षरता यात्रा चला रही है वो उसका प्रभाव बड़े के लिए आज यहाँ से संकल्पबद्ध होकर जा रहे है ,हम लीगों ने आज तय किया ,यह उनका 23 वा दिन है हमने यह तय किया कि अब अर्जेंसी है अभी तक अर्जेंसी थी इस सरकार के लिए लेकिन सरकार बे इसको जल्दी नही किया तो यह इमरजेंसीय आ रही है ,इसकी हमे कोई प्रतीक्षा करने की जरूरत नही थी ,इसको अब उतने दिन तक प्रतीक्षा करेंगे ,हम जलसंसाधन मंत्री ,गंगा के मंत्री शेखवात जी को मिला ,यूपी सिंह को मिला जो इसके सेक्रेटरी है और जो गंगा वेदिन अथॉरिटी के डायरेक्टर है राजीव रंजन मिश्रा उनको मिला और मैने तीनों को सम्मेलन में आकर पदमवाती से जो आपने लिख कर दिया है उसको पूरा करने का यदि वायदा करेंगे तो इमेरजैंसी न आये मगर उनमें से कोई नही आया तीनों में से कोई नही आया।क्योकि मैं नही चाहता कि माँ गंगा के किये हमारी बेटियों को बलिदान देना पड़े और बेटी बचाने वाली सरकार को बेटी बचाने किंयाह चिंता न हो तो क्या होगी ।मुझे तो बहुत चिंता ही कि पदमावती को बलिदान न देना पड़े ।


Vo:-2:-मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि यह कोई मांग नही है ,यह सानंद जी की बलिदान के बाद ब्रह्मचारी आत्मबोधनन्द जो 194 दिन अनशन पर रहा उसके उपरांत जो सरकार मोदी जी के नाम पर हमको लिखित और मौखिक आश्वासन दी थी उसी की पूर्ति के लिए ,कुछ तो पूर्ति की गई है उस पूर्ति को यहां के शासन और प्रशासन ने नोटिफिकेशन का आदेश का पालन नहीं कर रहा है ओर कुछ मोदी जी की तरफ से नही हुआ है इसी की पूर्ति के लिए साध्वी पदमावती बैठी हुई है और इसके लिए यहां पर जो दो दिन का सम्मेलन हुआ उसमे करीब 150 ,15 राज्यों से प्रतिनिधि आये थे ,लोगों ने एक प्रस्ताव पास किया है कि साध्वी पदमावती के अनशन का पूरा समर्थन रहेगा और यह लोग अपने जगह पर जाकर के इस आंदोलन को तीव्र करेंगे और मोदी जी को अपने वायदों का याद दिलाएंगे ,मोदी जी को जो यूएन ने आगाह किया था कि आप गंगा के नाम तो कह रहे है कि यह काम कर रहे है ,परंतु गंगा के नाम पर सन्यासी वैज्ञानिक 86 वर्षीय सानंद जी की मृत्यु हुई है इससे पहले निगमानंद की मृत्यु हो चुकी है इसलिए मोदी जी मैं आपको यह कह देना चाहता हूँ कि हम यह देखना हैं चाहते है कि गंगा के नाम पर फिर कोई शहादत हो यह मोदी जी को कहा गया है जो कि।मोदी जिनको याद दिला रहे है हमलोग,दुखद बात लोगों ने अनुभव किया कि वर्कले यूनिवर्सिटी ने इस बात पर नाज व्यक्त किया है कि उसके शोधार्थी ने जिस विषय को पड़ा उसके लिए अपने प्राण तक दे दिया।



Vo:-3:-साध्वी पदमावती का कहना है कि आज अनशन के 23 वा दिन है ,अभी तक तो शासन प्रशासन का कोई भी बात नही आई है किसी भी तरह की ,सम्मेलन में लोगों के बीच मे जागरूकता पैदा करने के लिए लोग अपना अपना संकल्प लिए है गंगा के लिए आवाज उठाने का अपना अपना संकल्प लिए है हर कोई अपनी तरह से आवाज उठाएगा गंगा मां के लिए ।


Conclusion:बाइट -साध्वी पद्मावती
बाइट- शिवानंद मातृ सदन
बाइट-राजेंद्र सिंह जल पुरुष
Last Updated : Jan 6, 2020, 8:23 PM IST
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