हरिद्वार: अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों और अध्यक्ष को लेकर अखाड़ा परिषद ने नाराजगी जताई है. शनिवार को हरिद्वार में आयोजित हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में ट्रस्ट को लेकर प्रस्ताव लाया गया, जिसमें साधु-संतों ने श्रीराम जन्मभूमि का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता केशव पारासरन को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध किया है. संतों ने केंद्र सरकार से अणी अखाड़े के तीन संतों को भी ट्रस्ट में शामिल करने की मांग की है. वहीं, अखाड़ा परिषद ने रामानंदाचार्य संप्रदाय के किसी संत को ही इस ट्रस्ट अध्यक्ष बनाये जाने की मांग की है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि राम मंदिर निर्माण के लिए जो ट्रस्ट बनाया गया है, इसमें तीन वैष्णव संप्रदाय जो अयोध्या में निवास करते हैं, उनको शामिल नहीं किया गया है, जिससे अखाड़ा परिषद नाराज है. उन्होंने बताया कि अखाड़ा परिषद की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है कि अणी अखाड़े के संत महेंद्र को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाए. इसके अलावा रामानंदाचार्य को इस ट्रस्ट में जगह देने की मांग की गई है. अखाड़ा परिषद की बैठक में प्रस्ताव लाया गया कि एक संत को ही ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए.
पढ़ें-रुद्रपुर: लोगों की परेशानी का सबब बना कूड़े के ढेर, मार्ग पर आवाजाही करना हुआ मुश्किल
वहीं, अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि का कहना है कि अखाड़ा परिषद के संतों का मानना है कि बैरागी संप्रदाय के निर्मोही अखाड़े के संत धर्मदास जी के गुरू ने वहां राम की मूर्ति रखी थी, इसलिए वे चाहते हैं कि इस ट्रस्ट में धर्मदास जी को रखा जाए. साथ ही वैष्णव अणी के महंत और वैष्णव संप्रदाय के संत रामानंदाचार्य को ट्रस्ट में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि जब भी कोई ट्रस्ट या संस्था बनाई जाती है तो उसमें सब अपने लोगों को जगह देते हैं, जिससे काम अपने तरीके से करवाया जा सके.
पढ़ें-भारी बर्फबारी के कारण थल-मुनस्यारी मार्ग बंद, अंधेरे में डूबा मुनस्यारी
अखाड़ा परिषद राम मंदिर ट्रस्ट में वैष्णव संप्रदाय से जुड़े संतों को जोड़ने की बात कर रहा है, जिसे लेकर सभी संत मुखर हो रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि केंद्र सरकार अखाड़ा परिषद द्वारा पास किए गए प्रस्ताव पर कितना गौर करती है.