हरिद्वार: लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार का आगाज हो चुका है. इसी कड़ी में सभी राजनीतिक दल अपना-अपना जनाधार तलाशने में जुट गए हैं. प्रदेश में पांच लोकसभा सीटें हैं. जिनमें से हरिद्वार सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. यहां से रमेश पोखरियाल निशंक सांसद हैं. उन पर भाजपा ने एक बार फिर से विश्वास जताया है और अपना उम्मीदवार घोषित किया है. ऐसे में हरिद्वार लोकसभा के सभी उम्मीदवारों के लिए यह जानना बहुत ही जरूरी हो जाता है कि उनके नेता ने किस तरह से संसद में उनका प्रतिनिधित्व किया. ETV भारत रमेश पोखरियाल निशंक के पांच साल के कार्यकाल की खास रिपोर्ट पाठकों तक पहुंचा रहा है.
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हर मतदाता के लिए ये जानना जरूरी हो जाता है कि जिस सांसद को उन्होंने जिताकर देश की संसद में भेजा है वो कैसे उनका प्रतिनिधित्व करता है. कैसे उनका प्रतिनिधि उनकी समस्याओं और उनकी जरूरतों को देश की संसद में रखता है. साथ ही मतदाता के लिए ये भी जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि क्या वाकई में उनके चुने हुए प्रतिनिधि ने इन पांच सालों में कोई काम किया भी या नहीं? खासकर तब जबकि देश में चुनाव हो. तो बात करते हैं हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की जिनकी अपने कार्यकाल के दौरान संसद में उपस्थिति 87 प्रतिशत रही. निशंक की संसद में उपस्थिति का ये आंकड़ा देशभर के सांसदों की उपस्थिति का औसत से ऊपर है.
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संसद में विभिन्न मुद्दों पर होने वाली बहसों पर नजर डालें तो अपने पूरे कार्यकाल के दौरान रमेश पोखरियाल निशंक ने कुल 123 बहसों में हिस्सा लिया. जो कि देशभर के सांसदों के औसत 67.1 से काफी अच्छा है. वहीं दूसरी तरफ अगर देखा जाए तो अपने पूरे संसदीय कार्यकाल के दौरान रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में कुल 389 प्रश्न पूछे जो कि औसत एक सांसद द्वारा पूछे गए 293 सवालों की संख्या से काफी ज्यादा है.
यही नहीं सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने कार्यकाल के दौरान 23 निजी सदस्य बिल संसद के सामने रखे. कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का संसद में प्रदर्शन औसत से ऊपर का है.
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इसके अलावा भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक संसद में सवाल करने, जन संपर्क, सांसद निधि खर्च, पार्टी कार्यकर्ताओं से तालमेल बनाने के साथ ही सोशल मीडिया पर भी खासे सक्रिय रहे. उनके सांसद आदर्श गांव को संवारने का प्रयास अभी मंजिल तक पहुंचना बाकी है. इसके बावजूद निशंक ने व्यवहार कुशलता को हथियार बना चुनौतियों का बखूबी सामना किया.
सांसद निधि के अंतर्गत वित्तीय वर्षो में खर्च धनराशि
- वर्ष 2014 15 - 36 लाख रुपए
- वर्ष 2015 16 - 345.53 लाख रुपए
- वर्ष 2016 17 - 121.23 लाख रुपए
- वर्ष 2017 18 - 505.96 लाख रुपए