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कोविड-19 टेस्टिंग के डर से अस्पतालों में होने वाले प्रसव की संख्या में आई कमी

कोविड-19 टेस्टिंग के चलते अस्पतालों में प्रसूताओं की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है. कोविड-19 टेस्टिंग के डर के वजह से प्रसूता अस्पताल नहीं पहुंच रही हैं. वहीं घरों में ही उनकी डिलीवरी कराई जा रही है.

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कोविड-19 टेस्टिंग के डर से प्रसूताएं नहीं पहुंच रही अस्पताल.
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Published : Jul 17, 2020, 5:15 PM IST

हल्द्वानी: कोविड-19 टेस्टिंग के चलते अस्पतालों में प्रसूताओं की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है. बताया जा रहा है कि कोविड-19 टेस्टिंग के डर के वजह से प्रसूता अस्पताल नहीं पहुंच रही हैं. वहीं, घरों में ही उनका प्रसव कराया जा रहा है. हालांकि, ऐसे में जच्चा-बच्चा की जान को खतरा भी बना रहता है.

कोविड-19 टेस्टिंग के डर से प्रसूताएं नहीं पहुंच रही अस्पताल.

हल्द्वानी में इन दिनों कोरोना महामारी के डर से प्रसूता अस्पतालों में प्रसव नहीं करवा रही हैं. बल्कि घरों में ही अधिकांश प्रसव हो रहे हैं. दरअसल, महिलाओं को उनके डिलीवरी से पहले उनका कोविड-19 टेस्ट कराना अनिवार्य होने के बाद अस्पतालों में डिलीवरी की संख्या में गिरावट देखी जा रही है. प्रसूता के कई कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद से प्रसूता अब अस्पताल जाने से कतरा रही हैं. यहां तक कि किसी महिला के पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग उसके पूरे परिवार को क्वारंटाइन कर दे रहा है.

ये भी पढ़ें: 199 नए केस के साथ 3,900 पार हुई कोरोना संक्रमितों की संख्या

मुख्य चिकित्सा अधिकारी भागीरथी जोशी के मुताबिक, प्रसव से पहले महिलाओं का कोविड-19 टेस्ट किया जाना जरूरी है. ऐसे में लिस्टिंग कर प्रसूता को अस्पताल बुलाकर उसका कोविड-19 टेस्टिंग किया जा रहा है. पॉजिटिव आने के दौरान उक्त महिला को सुशीला तिवारी अस्पताल में प्रसव कराया जा रहा है. सीएमओ भागीरथी जोशी का कहना है कि अस्पतालों में प्रसव कराने की संख्या में कमी आई है. सीएमओ ने इसका कारण कोविड-19 जांच से बचना नहीं बल्कि इसका मुख्य कारण लोगों के अस्पताल तक न पहुंच पाने को बताया. उन्होंने कहा कि पहाड़ से लोग हल्द्वानी आकार प्रसव कराते थे, लेकिन आवागमन बाधित होने के चलते अस्पताल में प्रसव के संख्या में कमी देखी गई है.

हल्द्वानी: कोविड-19 टेस्टिंग के चलते अस्पतालों में प्रसूताओं की संख्या में गिरावट देखने को मिल रही है. बताया जा रहा है कि कोविड-19 टेस्टिंग के डर के वजह से प्रसूता अस्पताल नहीं पहुंच रही हैं. वहीं, घरों में ही उनका प्रसव कराया जा रहा है. हालांकि, ऐसे में जच्चा-बच्चा की जान को खतरा भी बना रहता है.

कोविड-19 टेस्टिंग के डर से प्रसूताएं नहीं पहुंच रही अस्पताल.

हल्द्वानी में इन दिनों कोरोना महामारी के डर से प्रसूता अस्पतालों में प्रसव नहीं करवा रही हैं. बल्कि घरों में ही अधिकांश प्रसव हो रहे हैं. दरअसल, महिलाओं को उनके डिलीवरी से पहले उनका कोविड-19 टेस्ट कराना अनिवार्य होने के बाद अस्पतालों में डिलीवरी की संख्या में गिरावट देखी जा रही है. प्रसूता के कई कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद से प्रसूता अब अस्पताल जाने से कतरा रही हैं. यहां तक कि किसी महिला के पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग उसके पूरे परिवार को क्वारंटाइन कर दे रहा है.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी भागीरथी जोशी के मुताबिक, प्रसव से पहले महिलाओं का कोविड-19 टेस्ट किया जाना जरूरी है. ऐसे में लिस्टिंग कर प्रसूता को अस्पताल बुलाकर उसका कोविड-19 टेस्टिंग किया जा रहा है. पॉजिटिव आने के दौरान उक्त महिला को सुशीला तिवारी अस्पताल में प्रसव कराया जा रहा है. सीएमओ भागीरथी जोशी का कहना है कि अस्पतालों में प्रसव कराने की संख्या में कमी आई है. सीएमओ ने इसका कारण कोविड-19 जांच से बचना नहीं बल्कि इसका मुख्य कारण लोगों के अस्पताल तक न पहुंच पाने को बताया. उन्होंने कहा कि पहाड़ से लोग हल्द्वानी आकार प्रसव कराते थे, लेकिन आवागमन बाधित होने के चलते अस्पताल में प्रसव के संख्या में कमी देखी गई है.

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