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प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास, अब दुग्ध समिति से नहीं बल्कि बैंकों से मिलेगा कर्ज

प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए दुधारू पशुओं की खरीद अब दूग्ध संघ से नहीं बल्कि सीधे बैंक से कर्ज मिलेगा. वहीं कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते लोन की प्रक्रिया अब बैंकों के माध्यम से की जाएगी.

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प्रवासियों को बैंकों से मिलेगा कर्ज.
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Published : Jun 25, 2020, 4:42 PM IST

हल्द्वानी: अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासियों के लिए स्वरोजगार के लिए दुग्ध समितियों के माध्यम से अब दुधारू पशुओं की खरीद नहीं होगी. बल्कि इसके लिए सीधे बैंक से कर्ज मिलेगा. उत्तराखंड सहकारी विभाग की ओर से नए निर्देश के अनुसार पहले (एनसीडीसी) राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के जरिए प्रवासियों को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में जोड़ने के लिए डेरी समितियों के माध्यम से लोन दिया जाना था. वहीं अब इस योजना के तहत प्रवासियों को समितियों से लोन न देकर सीधे बैंक के माध्यम से दिया जाएगा.

प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास.

निदेशक डेयरी फेडरेशन जीवन सिंह नगन्याल के अनुसार दुग्ध संघ से जुड़े सदस्यों और प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए इस योजना की शुरूआत की गई है. योजना के अंतर्गत प्रवासियों को दुग्ध समितियों में सदस्य बनाया जा रहा है. योजना के तहत सदस्य 3 से 5 दुधारू पशुओं को बैंक के माध्यम से लोन लेकर खरीद सकते हैं. जिसके तहत पशुपालकों को 25 फीसदी अनुदान भी दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: मोदी कैबिनेट के अहम फैसले : सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को 20 हजार करोड़ का राहत पैकेज

योजना के तहत 3 पशुओं के लिए 2 लाख 46 हजार जबकि पांच पशुओं के लिए 4 लाख 10 हजार उपलब्ध कराए जाएंगे. योजना के तहत लाभार्थियों को पहले दूध समितियों के माध्यम से लोन उपलब्ध कराने का प्रावधान था. वहीं कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते लोन की प्रक्रिया अब बैंकों के माध्यम से की जाएगी. जिससे ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को फायदा मिल सके. जीवन सिंह नगन्याल ने बताया कि प्रदेश में 5 गायों के खरीद के लिए 800 लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया है. जबकि 3 गायों की खरीद के लिए 2000 अभ्यर्थियों का लक्ष्य रखा गया है. लाभार्थी अपने नजदीकी डेरी समिति के माध्यम से आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे.

हल्द्वानी: अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासियों के लिए स्वरोजगार के लिए दुग्ध समितियों के माध्यम से अब दुधारू पशुओं की खरीद नहीं होगी. बल्कि इसके लिए सीधे बैंक से कर्ज मिलेगा. उत्तराखंड सहकारी विभाग की ओर से नए निर्देश के अनुसार पहले (एनसीडीसी) राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के जरिए प्रवासियों को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में जोड़ने के लिए डेरी समितियों के माध्यम से लोन दिया जाना था. वहीं अब इस योजना के तहत प्रवासियों को समितियों से लोन न देकर सीधे बैंक के माध्यम से दिया जाएगा.

प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास.

निदेशक डेयरी फेडरेशन जीवन सिंह नगन्याल के अनुसार दुग्ध संघ से जुड़े सदस्यों और प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए इस योजना की शुरूआत की गई है. योजना के अंतर्गत प्रवासियों को दुग्ध समितियों में सदस्य बनाया जा रहा है. योजना के तहत सदस्य 3 से 5 दुधारू पशुओं को बैंक के माध्यम से लोन लेकर खरीद सकते हैं. जिसके तहत पशुपालकों को 25 फीसदी अनुदान भी दिया जाएगा.

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योजना के तहत 3 पशुओं के लिए 2 लाख 46 हजार जबकि पांच पशुओं के लिए 4 लाख 10 हजार उपलब्ध कराए जाएंगे. योजना के तहत लाभार्थियों को पहले दूध समितियों के माध्यम से लोन उपलब्ध कराने का प्रावधान था. वहीं कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते लोन की प्रक्रिया अब बैंकों के माध्यम से की जाएगी. जिससे ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को फायदा मिल सके. जीवन सिंह नगन्याल ने बताया कि प्रदेश में 5 गायों के खरीद के लिए 800 लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया है. जबकि 3 गायों की खरीद के लिए 2000 अभ्यर्थियों का लक्ष्य रखा गया है. लाभार्थी अपने नजदीकी डेरी समिति के माध्यम से आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे.

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