हरिद्वार: सरकारी धन का बंदरबांट किस तरह किया जाता है, इसका जीता जाता उदाहरण लालकुआं में स्थित मॉडल तहसील भवन में देखने को मिल रहा है. जहां तहसील भवन विभाग को हैंड ओवर होने से पहले ही क्षतिग्रस्त हो रहा है. हैरानी की बात तो ये है कि पिछले चार साल से तहसील का इसी बिल्डिंग में हो रहा है. बजट के अभाव में तहसील की बिल्डिंग अभी भी निर्माणाधीन है.
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बता दें, तहसील भवन के टाइल्स उखड़ रहे हैं, जिससे कई लोग घायल भी हो चुके हैं. इस मामले में जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला आया. उन्होंने कहा कि जहां भी बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो रही है. उसको जल्द से जल्द ठीक कराया जाएगा. इसके लिए बजट का का प्रावधान किया गया है, जो जल्द ही मिलने की संभावना है.
गौर हो कि तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी ने एक लाख आबादी वाले इलाके की इस तहसील को 15 नवंबर 2011 को लालकुआं तहसील को मॉडल तहसील का दर्जा दिया था और इसके निर्माण के लिए दो करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से बनने वाले इस भवन का शिलान्यास भी किया था. लेकिन आज 8 साल बाद भी यह भवन अधूरा पड़ा है. जिला प्रशासन सालों से इसी भवन में तहसील का संचालन कर रहा है, लेकिन तहसील की इमारत अभी भी विभाग के अधीन नहीं हुई है.