हल्द्वानी: उत्तराखंड के विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट काम करने वाले प्रोफेसरों को पहली बार प्रदेश सरकार भक्त दर्शन अवॉर्ड से नवाजेगी. इसके लिए प्रोफेसर 22 जनवरी तक अपना आवेदन कर सकते हैं. अवॉर्ड से नवाजे गए प्रोफेसर को 50 हजार रुपये की धनराशि भी दी जाएगी. उच्च शिक्षा निदेशक एम.पी. माहेश्वरी ने बताया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों में आयाम हासिल करने वाले प्रोफेसरों को प्रदेश सरकार भक्त दर्शन अवॉर्ड देने जा रही है. जिसके लिए प्रोफेसर 22 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं.
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उन्होंने बताया कि प्रदेश के करीब 3 हजार प्रोफेसर अवॉर्ड शामिल हो सकते हैं. स्कूटनी के माध्यम से उत्कृष्ट पांच प्रोफेसरों को उनके शिक्षा के क्षेत्र में अवॉर्ड दिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय, दून विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के अलावा उच्च शिक्षा निदेशक के कमेटी के तहत अवॉर्ड के योग्य व्यक्ति के आवेदनों की जांच की जाएगी. स्कूटनी के बाद पुरस्कार वितरण की तिथि घोषित की जाएगी. साथ ही अवॉर्ड के तहत प्रशस्ति पत्र के अलावा 50 हजार की धनराशि भी दी जाएगी.
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कौन थे डॉक्टर भक्त दर्शन
भक्त दर्शन सिंह रावत की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी कॉलेज देहरादून से हुई. जिसके बाद उन्होंने विश्व भारती शांतिनिकेतन से कला स्नातक और 1937 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीतिक शास्त्र में स्नातक किया. 1930 में नमक आंदोलन के दौरान वह पहली बार जेल गए थे.
भक्त दर्शन सिंह रावत केंद्रीय शिक्षा मंत्री रह चुके हैं. साल 1963 से 1971 तक जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल के सदस्य रहे. वहीं साल 1952 में उन्होंने लोकसभा में गढ़वाल का प्रतिनिधि किया और 4 बार इस सीट से जीत दर्ज की है. साल 1971 में उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया. उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से भी नवाजा गया है. 30 अप्रैल 1991 को देहरादून में डॉक्टर भक्त दर्शन का निधन हो गया.