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देखते ही देखते नदी में समाया मकान, नैनीताल में डोगरा रेजीमेंट के जवानों ने संभाला मोर्चा - Dogra Regiment personnel engaged in relief and rescue work

नैनीताल जिले में डोगरा रेजीमेंट के 100 जवान लगातार राहत और बचाव कार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उधर बिंदुखत्ता में एक मकान गौला नदी के कटान में समा गया.

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नीताल में डोगरा रेजीमेंट के जवानों ने संभाला मोर्चा
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Published : Oct 20, 2021, 7:34 PM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जिले में लगातार बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन और सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई अलग-अलग जगहों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए. बिंदुखत्ता में गौला नदी के कटाव से एक मकान नदी में समा गया, जबकि तीन मकान खतरे की जद में हैं. स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ को बचाव कार्य में लगाया गया है. जिला प्रशासन, नैनीताल ने फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए तुरंत सैन्य सहायता का अनुरोध किया. जिसके बाद से ही सेना के डोगरा रेजीमेंट के 100 जवान लगातार यहां मोर्चा संभाले हुए हैं.

रानीखेत से सुबह 11 बजे 100 जवानों की रेस्क्यू टीम रवाना हुई. रास्ते में सड़क जाम होने की वजह से देरी से बचाव दल दोपहर करीब तीन बजे प्रभावित स्थल पर पहुंचा. जिसके बाद सेना ने स्थानीय अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली. बिना किसी देरी के भारतीय सेना के जवानों ने खैरना में फंसे लगभग 500 लोगों को पैक किया हुआ भोजन और खाने का सामान व पानी वितरित किया. बटालियन की मेडिकल रिएक्शन टीम के प्रशिक्षित जवानों द्वारा चिकित्सा जांच कर चिकित्सा इकाई स्थापित कर लोगों का उपचार किया.

नैनीताल में डोगरा रेजीमेंट के जवानों ने संभाला मोर्चा

पढ़ें- कुमाऊं में बारिश ने तोड़ा 124 साल का रिकॉर्ड, आगे ऐसा रहेगा मौसम

घिंगरीखाल में बटालियन के बचाव दल की तीन उप टीमों का गठन किया गया. जिन्होंने बचाव और राहत अभियान चलाया. गरमपानी और खैरना में फंसे लोगों की मदद की. भारतीय सेना के जवानों ने बचाव उपकरण और फंसे हुए लोगों के लिए भोजन, पानी जैसी राहत सामग्री के साथ खैरना से कैंची धाम की दूरी पैदल तय की. साथ ही सभी फंसे हुए लोगों के लिए भोजन तैयार करने के लिए खैरना में एक कुक हाउस भी स्थापित किया. सेना ने त्वरित बचाव कार्य कर फंसे हुए लोगों को निकाला.

पढ़ें- कोसी में बह गए चुकुम गांव के 2 दर्जन घर, 50 जिंदगियां जंगल में फंसी

वहीं, गौला नदी में आई बाढ़ एवं भू कटाव का कहर अभी जारी है. बाढ़ ने लालकुआं तहसील के बिंदुखत्ता के इंद्रानगर द्वितीय गबदा में एक मकान को अपनी चपेट में ले लिया है, जबकि तीन मकान खतरे की जद में हैं. नदी के बहाव में मकान देखते ही तिनके की तरह बह गया. गनीमत रही कि समय रहते मकान को खाली करा दिया गया. जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सुरक्षित स्थान पर शरण दिला दी है.

बुधवार को भी गौला नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहा. जिस कारण बिंदुखत्ता के तटवर्ती क्षेत्रों में जबरदस्त भूकटाव हो रहा है.

हल्द्वानी: नैनीताल जिले में लगातार बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन और सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई अलग-अलग जगहों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए. बिंदुखत्ता में गौला नदी के कटाव से एक मकान नदी में समा गया, जबकि तीन मकान खतरे की जद में हैं. स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ को बचाव कार्य में लगाया गया है. जिला प्रशासन, नैनीताल ने फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए तुरंत सैन्य सहायता का अनुरोध किया. जिसके बाद से ही सेना के डोगरा रेजीमेंट के 100 जवान लगातार यहां मोर्चा संभाले हुए हैं.

रानीखेत से सुबह 11 बजे 100 जवानों की रेस्क्यू टीम रवाना हुई. रास्ते में सड़क जाम होने की वजह से देरी से बचाव दल दोपहर करीब तीन बजे प्रभावित स्थल पर पहुंचा. जिसके बाद सेना ने स्थानीय अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली. बिना किसी देरी के भारतीय सेना के जवानों ने खैरना में फंसे लगभग 500 लोगों को पैक किया हुआ भोजन और खाने का सामान व पानी वितरित किया. बटालियन की मेडिकल रिएक्शन टीम के प्रशिक्षित जवानों द्वारा चिकित्सा जांच कर चिकित्सा इकाई स्थापित कर लोगों का उपचार किया.

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घिंगरीखाल में बटालियन के बचाव दल की तीन उप टीमों का गठन किया गया. जिन्होंने बचाव और राहत अभियान चलाया. गरमपानी और खैरना में फंसे लोगों की मदद की. भारतीय सेना के जवानों ने बचाव उपकरण और फंसे हुए लोगों के लिए भोजन, पानी जैसी राहत सामग्री के साथ खैरना से कैंची धाम की दूरी पैदल तय की. साथ ही सभी फंसे हुए लोगों के लिए भोजन तैयार करने के लिए खैरना में एक कुक हाउस भी स्थापित किया. सेना ने त्वरित बचाव कार्य कर फंसे हुए लोगों को निकाला.

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वहीं, गौला नदी में आई बाढ़ एवं भू कटाव का कहर अभी जारी है. बाढ़ ने लालकुआं तहसील के बिंदुखत्ता के इंद्रानगर द्वितीय गबदा में एक मकान को अपनी चपेट में ले लिया है, जबकि तीन मकान खतरे की जद में हैं. नदी के बहाव में मकान देखते ही तिनके की तरह बह गया. गनीमत रही कि समय रहते मकान को खाली करा दिया गया. जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सुरक्षित स्थान पर शरण दिला दी है.

बुधवार को भी गौला नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहा. जिस कारण बिंदुखत्ता के तटवर्ती क्षेत्रों में जबरदस्त भूकटाव हो रहा है.

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