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108 एंबुलेंस सेवा के पूर्व कर्मियों ने CM को भेजा खून से लिखा खत, उग्र आंदोलन की चेतावनी

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Published : May 6, 2019, 3:05 AM IST

Updated : May 6, 2019, 7:36 AM IST

कैंप कंपनी में समान वेतन व समायोजन किए जाने की मांग लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 108 सेवा के पूर्व कर्मियों ने अपनी मांगों का निस्तारण ना होने के कारण सीएम त्रिवेंद्र सिंह को अपने खून से पत्र लिखा है.

खून से पत्र लिखते 108 आपातकालीन सेवा के पूर्व कर्मी.

देहरादून: जीवीके इएमआरआई की 108 आपातकालीन सेवा के पूर्व कर्मी नई कैंप कंपनी में समान वेतन व समायोजन किए जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. मांगों का निस्तारण ना होने के कारण कर्मियों ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, डीजी हेल्थ और स्वास्थ्य सचिव को अपने खून से पत्र लिखा है.

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने 108 एम्बुलेंस के संचालन का ठेका नई कैंप कंपनी को दे दिया है. वहीं कैंप कंपनी ने अपनी शर्तों पर पूर्व 108 कर्मियों को रोजगार देने का प्रस्ताव रखा है. जिसके चलते 108 सेवा के 717 पूर्व फील्ड कर्मी कैंप कंपनी में जीवीके की तह पर समान वेतन पर यथावत समायोजन कि मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं.

वहीं एंबुलेंस सेवा के पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने 108 आपातकालीन सेवा में विगत 11 वर्षों से अपनी सेवाएं प्रदान कीं है, सरकार ने कैंप कंपनी को 108 सेवा की जिम्मेदारी दे दी है. जिसके चलते कंपनी ने कर्मियों को बेरोजगार कर दिया गया है.

जानकारी देती 108 आपातकालीन सेवा की पूर्व कर्मी पूजा कोटनाला.

साथ ही उन्होनें कहा है कि कर्मचारी अपने खून से पत्र लिखकर सीएम को यह बताना चाहते हैं कि बेरोजगार हो चुके 717 फील्ड कर्मियों के खून में कितना उबाल है. साथ ही कर्मियों का कहना है कि रक्त से पत्र लिखकर सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं, कि अभी तक उनका आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. अगर उनकी मांगों का निस्तारण जल्द नहीं हुआ तो 108 कर्मी उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

देहरादून: जीवीके इएमआरआई की 108 आपातकालीन सेवा के पूर्व कर्मी नई कैंप कंपनी में समान वेतन व समायोजन किए जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. मांगों का निस्तारण ना होने के कारण कर्मियों ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, डीजी हेल्थ और स्वास्थ्य सचिव को अपने खून से पत्र लिखा है.

आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने 108 एम्बुलेंस के संचालन का ठेका नई कैंप कंपनी को दे दिया है. वहीं कैंप कंपनी ने अपनी शर्तों पर पूर्व 108 कर्मियों को रोजगार देने का प्रस्ताव रखा है. जिसके चलते 108 सेवा के 717 पूर्व फील्ड कर्मी कैंप कंपनी में जीवीके की तह पर समान वेतन पर यथावत समायोजन कि मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं.

वहीं एंबुलेंस सेवा के पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने 108 आपातकालीन सेवा में विगत 11 वर्षों से अपनी सेवाएं प्रदान कीं है, सरकार ने कैंप कंपनी को 108 सेवा की जिम्मेदारी दे दी है. जिसके चलते कंपनी ने कर्मियों को बेरोजगार कर दिया गया है.

जानकारी देती 108 आपातकालीन सेवा की पूर्व कर्मी पूजा कोटनाला.

साथ ही उन्होनें कहा है कि कर्मचारी अपने खून से पत्र लिखकर सीएम को यह बताना चाहते हैं कि बेरोजगार हो चुके 717 फील्ड कर्मियों के खून में कितना उबाल है. साथ ही कर्मियों का कहना है कि रक्त से पत्र लिखकर सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं, कि अभी तक उनका आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. अगर उनकी मांगों का निस्तारण जल्द नहीं हुआ तो 108 कर्मी उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

Intro: नई कंपनी में समान वेतन व समायोजन किए जाने की मांग को लेकर जीवीके इएमआरआई की 108 आपातकालीन सेवा के पूर्व फील्ड कर्मियों ने प्रदेश के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत व डीजी हेल्थ को खून से पत्र लिखा है। 108 एम्बुलेंस सेवा के पूर्व कर्मचारी पिछली 30 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं, मांगों का निस्तारण ना होने की सूरत में धरने पर बैठे फील्ड कर्मियों ने अपने रक्त से मुख्यमंत्री, डीजी हेल्थ व स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखते हुए अपनी पीड़ा बयां की है।


Body:108 एंबुलेंस सेवा के पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने 108 आपातकालीन सेवा में विगत 11 वर्षों से अपनी सेवाएं प्रदान कीं है, लेकिन अब सभी फील्ड कर्मियों को बेरोजगार कर दिया गया है ।आज सभी कर्मचारियों ने अपने खून से पत्र लिखकर सीएम को यह बताया है कि बेरोजगार हो चुके 717 फील्ड कर्मियों के खून में कितना उबाल है। रक्त से पत्र लिखकर सरकार को यह संदेश देने की कोशिश भी की गई है कि अभी तक आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जा रहा था , अगर मांगों का निस्तारण जल्द नहीं हुआ तो 108 कर्मी उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
बाईट-पूजा कोटनाला,आंदोलनकारी


Conclusion: गौर है कि प्रदेश सरकार ने 108 एम्बुलेंस संचालित का ठेका नई कंपनी को दिए जाने के बाद जीवीके इएमआरआई के 717 कर्मचारी बेरोजगार हो गये हैं। पूर्व फील्ड कर्मचारियों की मांग है कि सभी जीवीके इएमआरआई के 717 फील्ड कर्मियों को समान वेतन के साथ नई कंपनी मे यथावत समायोजित किया जाए।
Last Updated : May 6, 2019, 7:36 AM IST
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