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उत्तराखंड की बेटी शांभवी खुल्बे ने NEET में हासिल किया 93वां स्थान, माता-पिता भी हैं डॉक्टर

उत्तराखंड की होनहार बेटी शांभवी खुल्बे ने पढ़ाई के क्षेत्र में राज्य का नाम रोशन किया है. शांभवी ने NEET UG मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में सामान्य वर्ग में 93वां स्थान हासिल किया है. ऑल इंडिया रैंकिंग में शांभवी को 127वीं रैंक मिली है. शांभवी की इस सफलता से उसके डॉक्टर माता-पिता समेत सारे परिजन बहुत खुश हैं.

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Published : Nov 2, 2021, 10:24 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 6:10 AM IST

उत्तराखंड की बेटी शांभवी खुल्बे ने NEET में हासिल किया 93वां स्थान
उत्तराखंड की बेटी शांभवी खुल्बे ने NEET में हासिल किया 93वां स्थान

देहरादून/हैदराबाद: शांभवी खुल्बे का जन्म उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 18 अप्रैल 2004 को हुआ. अल्मोड़ा जिले के सीम ग्वेलखान गांव की मूल निवासी शांभवी हैदराबाद में रहती हैं. सीम ग्वेलखान गांव बासोट की भिकियासैंण तहसील में आता है. शांभवी ने भारतीय विद्या भवन हैदराबाद से LKG से 10वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई जैन इंटरनेशनल स्कूल हैदराबाद से पूरी की.

NEET में हासिल किया 93वां स्थान: शांभवी खुल्बे ने NEET UG मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में शानदार प्रदर्शन किया. शांभवी ने सामान्य वर्ग में 93वां स्थान हासिल कर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की. ऑल इंडिया रैंकिंग में भी उत्तराखंड की इस बेटी ने 127वां स्थान हासिल कर राज्य का गौरव बढ़ाया है.

15 लाख से ज्यादा छात्रों ने दी परीक्षा: इस साल 16 लाख 14 हजार 777 छात्रों ने एनईईटी यूजी 2021 का रजिस्ट्रेशन किया था. इनमें से 15 लाख 44 हजार 275 छात्र ही परीक्षा देने पहुंचे और कुल 8,70,074 छात्र हुए पास हैं. पास हुए छात्रों में 3 लाख 75 हजार 260 लड़के, 4 लाख 94 हजार 806 लड़कियां और आठ ट्रांसजेंडर छात्र शामिल थे. नीट परीक्षा 13 भाषाओं में 3,858 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. यह परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित की गई थी.

शांभवी को है किताबें पढ़ने का शौक: शांभवी खुल्बे को किताबें पढ़ने का बहुत शौक है. इसके साथ ही इस भविष्य की डॉक्टर को पेंटिंग का भी शौक है. शांभवी हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करती रहती हैं.

माता-पिता भी हैं डॉक्टर: शांभवी के माता-पिता भी डॉक्टर हैं. शांभवी के पिता डॉक्टर संजीव खुल्बे सीनियर कंसल्टेंट कार्डियक सर्जन हैं. उनका जन्म अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में हुआ. डॉक्टर संजीव खुल्बे ने KGMC लखनऊ से MBBS किया. Mch SMS जयपुर से किया. डॉक्टर खुल्बे अभी हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

डॉक्टर संजीव और अपर्णा खुल्बे ने कोरोना काल में किया समाज सेवा का कार्य: कोरोना काल में डॉक्टर खुल्बे ने असंख्य मरीजों को फ्री सेवा दी. खासकर उत्तराखंड के दूर-दराज के ऐसे मरीज जो अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रहे थे डॉक्टर खुल्बे ने उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भरपूर मदद की. यहां तक कि गुजरात में रह रहे उत्तराखंड मूल के लोगों को भी कोरोना के समय डॉक्टर खुल्बे ने अमूल्य इलाज दिया.

शांभवी की मम्मी डॉक्टर अपर्णा खुल्बे भी हैदराबाद में कार्यरत हैं. डॉक्टर अपर्णा सीनियर कंसल्टेंट मेडिसिन के पद पर हैं. वो पहाड़पानी नैनीताल से संबंध रखती हैं. डॉक्टर अपर्णा की प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के झांसी से हुई. उन्होंने कानपुर के GSVM कानपुर से MBBS किया. KGMC लखनऊ से MD मेडिसिन की शिक्षा ली.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड पर्यटन ने इंटरनेशनल लेवल पर जीता ‘वन टू वॉच’ पुरस्कार, कोरोना काल में बेहतर काम का इनाम

माता-पिता के पदचिन्हों पर चलकर शांभवी खुल्बे भी बड़ी डॉक्टर बनना चाहती हैं. वो गरीब और मजबूर लोगों को इलाज में भरपूर मदद करना चाहती हैं. वो मानती हैं कि जब देश के नागरिक स्वस्थ रहेंगे तो तभी देश तरक्की करेगा और विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा होगा.

देहरादून/हैदराबाद: शांभवी खुल्बे का जन्म उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 18 अप्रैल 2004 को हुआ. अल्मोड़ा जिले के सीम ग्वेलखान गांव की मूल निवासी शांभवी हैदराबाद में रहती हैं. सीम ग्वेलखान गांव बासोट की भिकियासैंण तहसील में आता है. शांभवी ने भारतीय विद्या भवन हैदराबाद से LKG से 10वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई जैन इंटरनेशनल स्कूल हैदराबाद से पूरी की.

NEET में हासिल किया 93वां स्थान: शांभवी खुल्बे ने NEET UG मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में शानदार प्रदर्शन किया. शांभवी ने सामान्य वर्ग में 93वां स्थान हासिल कर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की. ऑल इंडिया रैंकिंग में भी उत्तराखंड की इस बेटी ने 127वां स्थान हासिल कर राज्य का गौरव बढ़ाया है.

15 लाख से ज्यादा छात्रों ने दी परीक्षा: इस साल 16 लाख 14 हजार 777 छात्रों ने एनईईटी यूजी 2021 का रजिस्ट्रेशन किया था. इनमें से 15 लाख 44 हजार 275 छात्र ही परीक्षा देने पहुंचे और कुल 8,70,074 छात्र हुए पास हैं. पास हुए छात्रों में 3 लाख 75 हजार 260 लड़के, 4 लाख 94 हजार 806 लड़कियां और आठ ट्रांसजेंडर छात्र शामिल थे. नीट परीक्षा 13 भाषाओं में 3,858 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. यह परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित की गई थी.

शांभवी को है किताबें पढ़ने का शौक: शांभवी खुल्बे को किताबें पढ़ने का बहुत शौक है. इसके साथ ही इस भविष्य की डॉक्टर को पेंटिंग का भी शौक है. शांभवी हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करती रहती हैं.

माता-पिता भी हैं डॉक्टर: शांभवी के माता-पिता भी डॉक्टर हैं. शांभवी के पिता डॉक्टर संजीव खुल्बे सीनियर कंसल्टेंट कार्डियक सर्जन हैं. उनका जन्म अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में हुआ. डॉक्टर संजीव खुल्बे ने KGMC लखनऊ से MBBS किया. Mch SMS जयपुर से किया. डॉक्टर खुल्बे अभी हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

डॉक्टर संजीव और अपर्णा खुल्बे ने कोरोना काल में किया समाज सेवा का कार्य: कोरोना काल में डॉक्टर खुल्बे ने असंख्य मरीजों को फ्री सेवा दी. खासकर उत्तराखंड के दूर-दराज के ऐसे मरीज जो अस्पतालों तक नहीं पहुंच पा रहे थे डॉक्टर खुल्बे ने उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भरपूर मदद की. यहां तक कि गुजरात में रह रहे उत्तराखंड मूल के लोगों को भी कोरोना के समय डॉक्टर खुल्बे ने अमूल्य इलाज दिया.

शांभवी की मम्मी डॉक्टर अपर्णा खुल्बे भी हैदराबाद में कार्यरत हैं. डॉक्टर अपर्णा सीनियर कंसल्टेंट मेडिसिन के पद पर हैं. वो पहाड़पानी नैनीताल से संबंध रखती हैं. डॉक्टर अपर्णा की प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के झांसी से हुई. उन्होंने कानपुर के GSVM कानपुर से MBBS किया. KGMC लखनऊ से MD मेडिसिन की शिक्षा ली.

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माता-पिता के पदचिन्हों पर चलकर शांभवी खुल्बे भी बड़ी डॉक्टर बनना चाहती हैं. वो गरीब और मजबूर लोगों को इलाज में भरपूर मदद करना चाहती हैं. वो मानती हैं कि जब देश के नागरिक स्वस्थ रहेंगे तो तभी देश तरक्की करेगा और विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा होगा.

Last Updated : Nov 3, 2021, 6:10 AM IST
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