दिल्ली/देहरादून: नैनीताल के भीमताल से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा बीजेपी में शामिल हो गए हैं. कैड़ा दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में पार्टी में शामिल हुए. राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने राम सिंह कैड़ा को बीजेपी में शामिल कराया. इस मौके पर उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, उत्तराखंड बीजेपी प्रभारी दुष्यंत गौतम और स्मृति ईरानी मौजूद थीं. कैड़ा के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं कई दिनों से चल रही थीं.
कैड़ा के बीजेपी में शामिल होने से अटकलें लग रही हैं कि 2022 में वो भीमताल सीट से भाजपा के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इस मौके पर मदन कौशिक और अनिल बलूनी ने कहा कि राम सिंह कैड़ा के विधायक के रूप में कार्यों की प्रशंसा उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग करते हैं. बीजेपी में आकर वह बीजेपी को मजबूत करने का काम करेंगे.
छात्र राजनीति के बाद कांग्रेस में आए थे: कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद वह राजनीति में लगातार सक्रिय रहे. 2017 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर मोदी लहर में भी निर्दलीय विधायक बने और पूरे प्रदेश में वह चर्चा में रहे. राम सिंह कैड़ा की अपने विधानसभा क्षेत्र में पहचान अच्छे विधायक के रूप में की जाती है. उन्होंने विधायक रहते हुए अपने क्षेत्र में काफी विकास किए हैं.
बीजेपी सरकार को बाहर से दे रहे थे समर्थन: प्रदेश की बीजेपी सरकार को निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा का बाहर से समर्थन भी था. राज्यसभा चुनाव में भी बीजेपी प्रत्याशी को उनका समर्थन रहा था. राम सिंह कैड़ा कहते हैं कि अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए वह भाजपा के एसोसिएट सदस्य हैं और भाजपा सरकार के समर्थन से अपने क्षेत्र में विकास भी करते हैं. विधायक राम सिंह सांसद अजय भट्ट और भगत सिंह कोश्यारी के काफी करीबी हैं. पिछले कई दिनों से बीजेपी के अलग-अलग नेताओं से मुलाकात भी कर रहे थे.
राजनीतिक सफर: राम सिंह कैड़ा ने अपनी राजनीति की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी. पहली बार हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज में वर्ष 1992 में छात्र संघ अध्यक्ष बने. इसके बाद छात्र महासंघ के अध्यक्ष चुने गए. छात्र राजनीति के बाद कैड़ा राजनीति में उतर गए. 2003 में अपने गृह क्षेत्र नाइ-ढोली गांव में पहली बार जिला पंचायत सदस्य और 2008 में भुमका से क्षेत्र पंचायत सदस्य बने. राज्य आंदोलन के दौरान उन्होंने बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई. राज्य आंदोलनकारी के रूप में वह फतेहगढ़, बरेली, हल्द्वानी सहित नैनीताल जेल में भी बंद रहे.
इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के प्रमुख पदों पर भी काम किया. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री, प्रदेश संगठन मंत्री और प्रदेश सचिव रहते हुए कांग्रेस को अपने क्षेत्र में मजबूत बनाया. 2017 में टिकट नहीं मिलने से वह निर्दलीय चुनाव लड़ना लड़े. मोदी लहर के बीच भी उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की.